पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर जयनगर प्रमुख ने चलाया अभियान
मधुबनी : पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मधुबनी जिले के जयनगर प्रखंड क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जयनगर प्रखंड प्रमुख सचिन कुमार सिंह के नेतृत्व में सभी वर्ग के लोग जागरूकता अभियान में शामिल होकर आनन्द मोहन को दोषमुक्त रिहाई की मांग राज्य सरकार से कर रहे हैं। उनके समर्थकों ने एक दिन का उपवास रख कर अपनी आवाज बुलंद की, जिसमें एक दर्जन से अधिक युवा शामिल हुए।
जयनगर प्रखंड प्रमुख ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार राज्य के लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी रिहाई को लेकर पहल की जाएगी, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की जा सकी है, जिस कारण उनके समर्थकों में निराशा का माहौल है। राज्य सरकार को एक बार मामले को लेकर ध्यान आकृष्ट कराने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लॉकडाउन खत्म होने पर अभियान को और तेज किया जाएगा। कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए उपवास में कई लोगों ने हिस्सा लिया।
महमदपुर हत्याकांड का एक और नामजद आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, अभी तक 27 आरोपी हिरासत में
मधुबनी : जिले के बेनीपट्टी थाना क्षेत्र के महमदपुर गांव में हुई सामूहिक हत्याकांड के नामजद आरोपित शिवेश्वर भारती उर्फ फुलबाबू को एसआइटी टीम ने कमतौल थाना के रमौल गांव से गिरफ्तार कर लिया है। इस बाबत बेनीपट्टी के डीएसपी अरुण कुमार सिंह ने बेनीपट्टी थाना में प्रेसवार्ता कर बताया कि महमदपुर सामूहिक हत्याकांड के आरोपित खिरहर थाने के सेमहली गांव निवासी शिवेश्वर भारती उर्फ फुलबाबू को एसआइटी टीम ने छापेमारी कर रमौल गांव से दबोच लिया है।
टीम में अनि मृत्युंजय कुमार, अड़ेर थानाध्यक्ष राजकिशोर कुमार, बिस्फी थानाध्यक्ष संजय कुमार, खिरहर थानाध्यक्ष अंजेश कुमार, बेनीपट्टी थानाध्यक्ष रविद्र प्रसाद शामिल थे। गिरफ्तार आरोपित से पूछताछ की जा रही है। जानकारी के अनुसार गिरफ्तार आरोपित शिवेश्वर भारती पिछले 10 दिनों से कमतौल थाना क्षेत्र के रमौल गांव में रह रहा था। पुलिस को इसकी भनक लगते ही एसआइटी टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। इससे पूर्व पुलिस आरोपित के घर कुर्की-जब्ती की कार्रवाई भी कर चुकी है।
डीएसपी ने कहा कि फरार आरोपितों के अचल संपत्ति की सूची प्राप्त हो गई है। जल्द ही कोर्ट में प्रतिवेदन देकर संपत्ति जब्त करने के लिए अनुरोध किया जाएगा। कहा कि महमदपुर हत्याकांड के शेष बचे आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए एसआइटी टीम दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर व सीतामढ़ी जिले में लगातार छापेमारी कर रही है।
महमदपुर सामूहिक हत्याकांड में अब तक 24 नामजद व तीन अप्राथमिकी अभियुक्त सहित 27 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। सभी फिलहाल जेल में हैं, और शेष बचे नौ नामजद आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए एसआइटी टीम लगातार छापेमारी कर रही है। अब तक पुलिस सभी फरार आरोपितों के घर कुर्की-जब्ती की कार्रवाई पूरी कर चुकी है। बता दें कि महमदपुर हत्याकांड में कुल 33 लोगों को नामजद किया गया था।
बता दें कि बीते होली के दिन 29 मार्च को महमदपुर गांव में सामूहिक हत्याकांड की घटना घटी थी। इस हत्याकांड में पांच लोगों की मौत हुई थी। मृतकों में तीन सगे भाई थे, जबकि एक बीएसएफ का जवान भी इस घटना में मारा गया था, जो होली की छुट्टियों में घर आया था। मृतकों में पूर्व सैनिक सुरेंद्र सिंह के तीन पुत्र रणविजय सिंह, अमरेंद्र सिंह व विरेंद्र सिंह के साथ ही उनका भतीजा बीएसएफ जवान राणा प्रताप सिंह एवं रुद्र नारायण दास शामिल थे। इस घटना में एकमात्र जख्मी मनोज सिंह की जान बच सकी। घटना के बाद से महमदपुर, गैबीपुर व पौआम गांव में अभी भी पुलिस कैंप कर रही है।
बिजली लाइनमैन को करंट लगने से बुरी तरह झुलसा, डीएमसीएच हुआ रेफर
मधुबनी : जिले के बिस्फी प्रखंड मुख्यालय स्थित पावर स्टेशन मैं कार्यरत सुमित कुमार को बिजली ठीक करने के दौरान वह बिजली की चपेट में आ गया, जिससे बुरी तरह झुलस गया है। बिस्फी डीह टोल पर उदय यादव के दरवाजे पर लगे टावर परिसर में ट्रांसफार्मर पर बिजली ठीक करने को लेकर पोल पर चढ़ा था। इस दौरान सुमित कुमार को बिजली करंट अपने चपेट में ले लिया, जिससे वह बुरी तरह झुलस गया। आनन-फानन में उसे लोगो ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिस्फी ने भर्ती कराया गया, जिसका नाजुक हालत देखते हुए डॉक्टर ने डीएमसीएच रेफर कर दिया।
इस बाबत बिस्फी पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के स्विच पावर ऑपरेटर ने बताया कि लाइन ठीक करने से पहले पावर सब स्टेशन से शटडाउन लिया गया था। उनका यह कहना है कि टावर का ट्रांसफार्मर पर बैक कैंट लगने से यह घटना हुई है। घटना घटनास्थल के लोगों ने बताया कि ट्रांसफार्मर पर चढ़ने से पहले लाइट करीब पांच मिनट पहले कटी हुई थी, जैसे ही ट्रांसफार्मर पर चढ़ा तो युवक को करंट का झटका लगा, जिससे वह पुल के नीचे भी बेहोशी हालत में गिर गया।
कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) ने धरना के माध्यम से मनाया काला दिवस
मधुबनी : बिहार राज्य किसान सभा एआईकेस भारत की जनवादी नौजवान सभा डीवाईएफआई/भारत का छात्र फेडरेशन एसएफआई/एआईडीडब्लूआई अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति/सीटू जयनगर द्वारा देशव्यापी आवाहन के तहत भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) कार्यालय के समझ दिन के 10 बजे से 1 बजे तक धरना के माध्यम से काला दिवस मनाया गया। उक्त कार्यक्रम का नेतृत्व युवा नेता कुमार राणा प्रताप सिंह ने किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ किसान नेता राम जी यादव ने की।
इस धरना कार्यक्रम में डीवाईएफआई के राज्य उपाध्यक्ष शशिभूषण प्रसाद, युवा नेता सह अधिवक्ता कुमार राणा प्रताप सिंह, शिव कुमार यादव, रत्नेश्वर प्रसाद, एसएफआई जयनगर के प्रभारी रविन्द्र बिहारी उर्फ मोहन यादव, डीवाईएफआई के कन्हैया कुमार चौधरी, पवन कुमार यादव, डीवाईएफआई शहर कमिटी के सुरेश गुप्ता के अलावे अन्य साथियों ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सोशल डिस्टेंसिनग का पालन करते हुए उक्त कार्यक्रम में भाग लिया, तथा 11 सूत्री मांगों को अविलम्ब पूरा करने की मांग की।
इनकी मांगें निम्न हैं :-
1). वेंटिलेटर और एंबुलेंस की अद्यतन स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करें।
2). विधायक मद की राशि के प्रति लोकतान्त्रिक और पारदर्शी तरीका अपनाएं।
3). सर्वव्यापी टीकाकरण की गारंटी करें।
4). पंचायत स्तर तक जांच का विस्तार करें, 24 घंटे में आरटीपीसीआर रिपोर्ट की गारंटी करें।
5). अस्पतालों के तमाम रिक्त पदों पर अतिशीघ्र बहाली करें।
6). चिकित्सा सेवा का विस्तार करें, उसकी गुणवत्ता बढ़ाएं।
7). तमाम मृतकों के आश्रितों को 4 लाख की अनुग्रह राशि।
8). रोज कमाने-खाने वाले लोगो के लिए राशन और गुजारा भत्ता दिया जा।
9). आशा कार्यकर्ता और सफाई मजदूरों को विशेष भत्ता व बीमा का लाभ दें।
10). एक्सपर्ट कमिटी का अविलंब गठन करें।
11). महामारी के संभावित तीसरी लहर से मुकाबले की तैयारी शुरू करें।
सही तरीके से पहनें मास्क, कोविड-19 से बचाव का कारगर हथियार, टीकाकरण के बाद भी पहने मास्क
मधुबनी : कोविड-19 के कारण लोगों ने मास्क पहनना शुरू तो कर दिया है, लेकिन बहुत से लोग इसका सही तरीके से प्रयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसे लोगों के मास्क पहनने का कोई मतलब नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही तरीके से मास्क न पहनना कोविड-19 की चपेट में आने की संभावना बढ़ा सकता है। मास्क पहनने से लेकर उसके निस्तारण तक सतर्कता आवश्यक है। अगर इस प्रक्रिया में चूक होती है तो मास्क के जरिये भी बीमारी का प्रसार हो सकता है। इस संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी सोशल मीडिया के जरिये अभियान चला कर लोगों को जागरूक कर रहा है।
वहीं लोगों से अपील की जा रही है कि घर से बेवजह बाहर न निकलें। बहुत जरूरी है तभी बाहर निकलें। लेकिन घर से बाहर निकलना है तो मास्क जरूर पहनें। चिकित्सकों का कहना है कि मास्क के प्रति सतर्कता का व्यवहार नितांत आवश्यक है। मास्क को डोरी के जरिये ही पहनना चाहिए और डोरी की मदद से ही उतारना चाहिए। जहां एक से अधिक लोग आसपास हों वहां मास्क न उतारें।
अकेले बैठे हों तो मास्क उतार सकते हैं। खासतौर से भोजन करते समय यह ध्यान दें कि मास्क अकेले में उतारें। मास्क को कभी भी सामने से पकड़ कर न उतारें। मास्क पहनते समय ऊपर की डोरी हमेशा पहले बांधनी चाहिए। बहुत से लोग मास्क नाक के नीचे पहनते हैं जो कि सही तरीका नहीं है। सभी को सुनिश्चित करना चाहिए कि मास्क से मुंह और नाक अच्छी तरह से ढंका हो। मास्क इतनी सख्ती से भी न बांधें कि सांस लेने में परेशानी हो। बहुत जरूरी काम से बाहर निकलना है तो डबल मास्क जरूर पहनें।
सही तरीके से पहने मास्क :
सीडीओ डॉ आरके सिंह ने कहा कि बहुत से लोग मास्क को सरका कर दाढ़ी पर रख लेते हैं। यह उचित व्यवहार नहीं है। जब कुछ खाना या पीना हो तो मास्क को सही तरीके से उतार कर रख दें। मास्क को हमेशा खूंटी पर टागें। अगर गलती से किसी सतह पर मास्क रख दिया है तो उसे सैनिटाइज करना न भूलें। अपने मास्क को कभी भी सामने से न छुएं। मास्क हटाते समय नीचे की डोरी पहले खोलें।
मास्क को डोरी की सहायता से ही उतारना चाहिए। कपड़े का मास्क है तो धुल कर पुनः इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन सर्जिकल मास्क धुल कर इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है। एक ही सर्जकल मास्क को कई दिनों तक इस्तेमाल न करें। सर्जिकल मास्क छह से आठ घंटे में बदलना है। खांसते-छींकते समय मास्क का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए। प्रयोग किये गये मास्क को पेपर बैग में लपेट कर तीन दिन के बाद ही सामान्य कचरा पात्र में डालें।
टीकाकरण के बाद भी पहनना है मास्क :
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना टीकाकरण के बाद भी कोविड नियमों का सभी को पालन करना चाहिए। टीके की दोनों डोज लगने के बावजूद मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें। अगर कोई कोविड मरीज मास्क लगाए है और उसके सामने बैठा आदमी भी मास्क पहने हुए है तो बीमारी के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसार की आशंका अत्यंत कम हो जाती है। लेकिन अगर दोनों लोग मास्क नहीं लगाए हैं तो बीमारी के संचरण की आशंका प्रबलतम हो जाती है। लोगों को हमेशा मास्क पहनना है।
मास्क के फायदे-
• यह कोविड-19 के साथ-साथ अन्य वायरस से भी बचाव करता है।
• टीबी की बैक्टेरिया से भी बचाव होता है।
• नाक और मुंह को धूल-मिट्टी से भी बचाता है।
• हर प्रकार के इंफेक्शन से बचाव करता है।
अखिल भारतीय किसान महासभा एवं भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने मनाया काला दिवस, तीनों कृषि कानून वापस लें मोदी सरकार
मधुबनी : जिले के लहेरियागंज में मालेनगर अबस्थित भाकपा(माले) के जिला कार्यालय में किसान महासभा एवं माले के कार्यकर्ताओं ने अखिल भारतीय स्तर पर किसान संगठनों द्वारा आयोजित काला दिवस के तहत कोरोना प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुते धरना दिया गया।
इस धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के मधुबनी जिला सचिव प्रेम कुमार झा ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ जो तीन कृषि कानून लाया गया। इस काला कानून के खिलाफ में देश भर में लाखों लाख किसानों का गत 6 महिनों से किसान आंदोलन चल रहा है। परंतु अडानी अंबानी के सेवक मोदी सरकार किसान बिरोधी काला कानून वापस नहीं ले रही है। आज आंदोलन शुरू होने के 6 महिना पूरा होने पर संपूर्ण भारत के किसान काला दिवस मना रहे हैं।
इस कार्यक्रम को रहिका प्रखंड माले सचिव अनिल कुमार सिंह, किसान महासभा के जिला संयुक्त सचिव मुरारी मिश्रा, किसान नेता विशंभर कामत, उत्तम चंद्र झा, मो० अकबर, हरी कामत, राजकुमार पासवान, रामवृक्ष पासवान, आहूजा, गुड्डू मंडल, प्रमोद कामत आइसा जिला अध्यक्ष सहित दर्जनों भाग लिया।
अखिल भारतीय किसान महासभा ने मोदी सरकार के किसान-मजदूर विरोधी काला कानून के खिलाफ जयनगर में काला दिवस मनाया
मधुबनी : देश मे भीड़ पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता थी, उस समय बंगाल सहित पाँच राज्यों में चुनावी सभा कर कोविड-19 को फैलाने व लाखों लोगों की हुई मौत के लिए नरेन्द्र मोदी है जिम्मेदार :- भूषण सिंह(जयनगर प्रखंड सचिव, भाकपा-माले) राष्ट्रव्यापी काला दिवस पर मोदी सरकार के मजदूर किसान विरोधी तीनों काला कृषि कानून और चार श्रम कोड एवं कोरोना महामारी में सरकार के लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और मुनाफाखोरी जैसे गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते बीसियों लाख लोंगो के मौत के जिम्मेदार और नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इस्तीफा की मांग को लेकर जयनगर राजपुताना टोला में अखिल भारतीय किसान महासभा जयनगर द्वारा काला दिवस के रूप में मनाया स्थल पर काला झंडा फहरा कर सरकार विरोधी नारा लगाया गया।
उक्त स्थल पर आयोजित सभा को प्रखण्ड सचिव ने कहा कि मोदी सरकार आज ही के दिन 26 मई 2014 को अच्छे दिन के नारों पर सवार होकर देश की सत्ता पर काविज हुई थी। अपने 7 साल के शासन के दौरान मजदूर किसानों के ऊपर तीनों काला कृषि कानून और चार लेबर कोड जैसे जनविरोधी कानूनों लादकर देश के सारे संपदा को अडानी अम्बानी को सौंपने पर अमादा है।
हमारे देश के अन्नदाता आज छह महीने से खेत खेती और अनाज को कारपोरेटों के लूट से बचाने के लिए दिल्ली के सरहदों पर लड़ते हुए चार सौ से ज्यादा किसानों ने अपनी शहादतें दे चुके हैं, और हमारी सरकार को उस शहीद किसानों के प्रति एक ट्यूट कर शोक व्यक्त करने का भी समय नहीं है। साथ ही कोरोना महामारी को पूरे देश में फ़ैलाने और लाखों लोंगो को मौत के मुँह में धकेलने के जिम्मेदार मोदी शाह की सरकार है। सरकार को जब सचेत होकर अपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करना था, तो उस समय ताली, थाली पिटवाकर, दिया जलाकर, कोरोना वारियरों फूल बरसाकर कोरोना भगाने का नाटक कर रही थी।
जब देश मे भीड़ पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता थी, उस समय बंगाल सहित पाँच राज्यों में लाखों लोंगो के चुनावी सभा को बुलाकर संबोधित कर रहे थे। मोदी जी के 7 साल के शासन में 20 करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए है। इनके शासनकाल में मजदूर किसान, छात्र, नौजवान, छोटे मझौले उद्योग धंधे और व्यवसाय करने वाले सभी लोंगो की नोटबंदी, जीएसटी और महंगाई से कमर तोड़कर रख दी है, और पूरे देश को अडानी अम्बानी सरीखे अन्य कारपोरेटों को लूटने की खुली छूट दे रखी है। इस सभा को रजनीश कुमार, तस्लीम, मुस्तफा, भोला पासवान, चंदन राय, कादिर मियां सहित कई साथियों ने भाग लिए और सभा को संबोधित किए।
माले समर्थक मिथिलेश राम एवं पलटू मुखिया की गिरफ्तारी के खिलाफ खिरहर थाना प्रभारी का पुतला दहन
मधुबनी : भू-सामंतों की लठैती कर रहा पुलिस प्रशासन, माले के मिथिलेश राम एवं पलटू मुखिया की रिहाई एवं फर्जीवाड़ा बाली 20 एकड़ जमीन की जांच कराने के लिए भाकपा-माले एवं खेग्रामस करेगा आंदोलन :- बेचन राम(मधुबनी जिला सचिव,खेग्रामस) मधुबनी जिले के हरलाखी प्रखंड के खिरहर थाना अंतर्गत सोनई गांव में 20 एकड़ जमीन पर दलित गरीबों और भू-सामंतों के बीच चल रहे बिबाद के मामले में एक नया मोड़ तब आ गया, जब भू-सांमंतों द्वारा दलित गरीबों के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया, और उसी झूठा मुकदमा को आधार बनाकर गत रात्रि में एक बजे मिथिलेश राम और पलटू मुखिया की गिरफ्तारी खिरहर पुलिस ने कर लिया। इस अन्याय पूर्ण गिरफ्तारी एवं पुलिस द्वारा भू-सामंतों की किये जा रही लठैती के खिलाफ में सैकड़ों दलित गरीबों ने अपने टोला पर ही खिरहर थाना प्रभारी का पुतला दहन किया।
इस पुतला दहन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा-माले मधुबनी जिला कमिटी सदस्य सह बेनीपट्टी प्रखंड माले सचिव श्याम पंडित ने कहा कि छोटे प्रसाद सिंह इलाके के सबसे बड़े जमींदार थे। मधवापुर अंचल के बिशनपुर और हरलाखी अंचल के सोनई गांव में ही पांच सौ एकड़ से ज्यादा जमीन था। उनको एक मात्र संतान (पुत्री)थी। जमीन को भू-हदबंदी से छिपाने के लिए दर्जनों फर्जी नामों से जमीन का अबैध हस्तांतरण किये थे। इसी अबैध हस्तांतरण बाली 20 एकड़ जमीन पर बिबाद छिड़ा है।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा-माले मधुबनी जिला कमिटी सदस्य सह खेग्रामस जिला सचिव बेचन राम ने कहा कि जिस किरण कुमारी देवी के नामे जो बिबादीत 20 एकड़ जमीन का मामला है। उसमें सबसे बड़ी बात है कि बर्ष 1971 ईसवी में नया खतियान बना। उस समय किरण कुमारी नाबालिग और अबिबाहित थी। भू-हदबंदी से छिपाने के लिए नाबालिग और अबिबाहित के नाम से अलग यूनिट संभव नहीं था। इसलिए किरण कुमारी देवी का नाम देकर यानि अबिबाहित को बिबाहित घोषित कर अलग यूनिट लिया गया और भू-हदबंदी कानून एवं सरकार को धोखा देने का अपराधिक काम किया गया है। इस कारण यह 20 एकड़ जमीन फर्जीवाड़ा के दायरे में आता है।
उन्होंने आगे कहा कि दलित गरीबों के खिलाफ भू-सामंतों की लठैती पुलिस प्रशासन कर रही है, जिसका परिणाम है मिथिलेश राम और पलटू मुखिया की गिरफ्तारी। भाकपा (माले) एवं खेग्रामस इस अन्याय के खिलाफ आज सोनई में थाना प्रभारी, खिरहर का पुतला दहन किया है। और कल मालेनगर अबस्थित भाकपा-माले के जिला कार्यालय में प्रतिवाद दिवस मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में सैकड़ों दलित गरीबों, महिला पुरुषों ने भाग लिया और मिथिलेश राम एवं पलटू मुखिया की रिहाई और फर्जीवाड़ा बाली 20 एकड़ जमीन की जांच कराने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प ब्यक्त किया।
सुमित कुमार की रिपोर्ट