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नवादा के “दानवीर” व “कर्मयोगी” कोविड से जंग में दे रहे अपनी आहूति

नवादा : कोरोना आपदा से निपटने में समाज के विभिन्न तबके से कुछ लोग सामने निकलकर आ रहे हैं। जितना सामर्थ्य हो रहा है मदद कर रहे हैं। इनमें खास भी हैं और आम भी। नेता-राजनेता से लेकर देश-परदेश में रह रहे इसी माटी के बेटे-बेटियां सभी हैं। ये लोग मानव जीवन को बचाने के पुनीत कार्य का हिस्सा बन रहे हैं। ऐसे शख्स शासन-प्रशासन की नजर में भी हैं। इनके कार्यों की सराहना भी हो रही है। ऐसे शख्सियतों को जिला प्रशासन द्वारा हमेशा प्रोत्साहित किया जाता रहा है।

डीएम यशपाल मीणा, सदर एसडीएम उमेश कुमार भारती का ऐसे लोगों से समन्वय काफी बेहतर रहा है। यही वजह रही कि आम व खास सहयोग को आगे आते रहे। नवादा विधायक विभा देवी पिछले साल कोविड लहर के शुरूआत में मुख्यमंत्री राहत कोष में 1करोड़ 20 लाख रुपये देकर अचानक सुर्खियों में आ गई थी। तब वह नवादा से विधायक नहीं थी।

इस वर्ष ऑक्सीजन संकट से मरीज दो चार हुए ताे 100 ऑक्सीजन सिलेंडर दुबई से मंगाकर जिला प्रशासन को सौंपा। शुक्रवार को विधायक विभा देवी ने एसडीएम सदर उमेश कुमार भारती को ऑक्सीजन सिलेंडर रूपी राहत की खेप सुपुर्द किया था। जिसे बाद में सिलेंडर जिला स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया गया।

निजी खर्चे पर नवादा व गोविंदपुर विधायक मो. कामरान ने दुबई से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाया था।इसके अलावा विधायक द्वारा सामुदायिक किचन की शुरूआत की गई है। रोज खाना बनबाकर सदर अस्पताल सहित अन्य स्थानों पर जरूरतमंदों के बीच पहुंचवा रही हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत से जूझ रहे स्वास्थ्य महकमे को एक बड़ी मदद दी।

नवादा विधायक विभा देवी के साथ मिलकर खुद का भी अलग से 100ऑक्सीजन सिलेंडर जिला प्रशासन को सौंपा है। इसके अलावा 45 ब्रीदिंग सेट भी उपलब्ध कराया गया। गोविंदपुर विधायक मो. कामरान ऑक्सीजन सिलेंडर के अलावा 50 बेड भी निजी खर्च पर ही स्वास्थ्य महकमा को सौंप चुके हैं। विधायक कोष से वेंटिलेटर बेड के लिए 25 लाख रुपये की अनुशंसा कर चुके हैं। वैसे भी सामाजिक कार्यों में हमेशा आगे रहे हैं।

हिसुआ विधायक नीतू देवी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर दी। अकबरपुर पीएचसी को 20 बेड व 04 ऑक्सीजन सिलेंडर, हिसुआ पीएचसी को 10 बेड व 03 सिलेंडर तथा नरहट पीएचसी को 10 बेड 03 सिलेंडर उपलब्ध कराया है। विधायक ने कहा कि सरकार दो-दो करोड़ रुपये विधायक मद का कोविड से निपटने के लिए ली है। हमारा पक्ष है कि सरकार तीन करोड़ रुपये ले ले, लेकिन उस फंड का इस्तेमाल संबंधित विधायक के विधानसभा क्षेत्र के अस्पतालों में साधन-संसाधन को उपलब्ध कराने के लिए किया जाए।

सोशल मीडिया पर हमेशा अपडेट रहने वाले हिसुआ प्रखंड के भेलू बिगहा गांव निवासी ईंजीनियर रंजीत कुमार ने जिला प्रशासन काे 25 बेड उपलब्ध कराया है। इनकी पहचान एनआरआइ के रूप में होती है। ज्यादातर समय विदेशों में बीतता है। समाजसेवा के कार्यों में हमेशा हिसुआ इलाके में सक्रिय रहते हैं। योगा कैंप, न्यूरोथेरापी कैंप, शिक्षा जागरूकता कैंप आदि आयोजित करते रहे हैं। अपनी माटी से लगातार जुडे़ रहे हैं। परिचय के मोहताज नहीं हैं।

गुजरात की एक कंपनी की चेयरमैन काशीचक निवासी निशिकांत सिन्हा की पत्नी रितु सिन्हा ने एक लाख मास्क, एक सौ ऑक्सीमीटर, एक हजार सैनिटाइजर प्रशासन को सुपुर्द किया है। कोविड से जंग में ये सभी जरूरत की चीजे हैं। जिला प्रशासन ने इनके इस कार्य को खुले मन से सराहा है। जिला प्रशासन की पहल पर कई संगठन के सदस्य आगे आए हैं। आगे आकर लोगों की सेवा कर रहे हैं। दवा विक्रेता संघ, पीडीएस विक्रेता संघ, गैस एजेंसी के संचालकों ने शहर में विभिन्न चौक-चौराहों पर मास्क वितरित किया। मॉडर्न ग्रुप के डॉ. अनुज कुमार द्वारा भी मास्क व सैनिटाइजर वितरित किया गया है।

कोविड काल में अजीबोगरीब परिस्थिति भी सामने आई है। कई मृतकों के स्वजन शव छोड़ कर भाग जा रहे हैं। ऐसे शवों के अंतिम संस्कार का बीड़ा छत्रपति शिवाजी सेवा संस्थान के सदस्य उठा रखे हैं। संस्थान के सचिव जीतेंद्र प्रताप जीतू, अमित सरकार, कैलाश विश्वकर्मा, मनमोहन कृष्ण ने मिलकर तीन ऐसे शवों का दाह संस्कार किया, जिसके परिवार के कोई सदस्य मौजूद नहीं थे। इसके अलावा दस से अधिक ऐसे शवों का भी दाह संस्कार कराया, जिनके परिवार के कुछ एक सदस्य ही अस्पताल में थे।

रोटी बैंक शहर की चर्चित संस्था रही है। इससे जुड़े दीपक कुमार प्रतिदिन सैंकड़ों बेसहारा, गरीब परिवारों को घूम-घूम कर खाना खिला रहे हैं। इनका पूरा परिवार खाना बनाने में सहयोग करता है। पत्नी बसंती देवी, बेटी लक्ष्मी कुमारी सहित परिवार के सभी सदस्य भोजन बनाने में मदद करते हैं। फिर दीपक अपनी गाड़ी से खाना लेकर भूखों की तलाश में जुट जाते हैं। दिन हो या रात कभी भी कोई भोजन के लिए याद करता है तो खाना लेकर निकल जाते हैं।

दीपक को इस काम में आत्मीय सुख मिलता है। सोशल मीडिया पर मोबाइल नंबर जारी है। जिससे लोग संपर्क करते हैं। कई लोग भोजन के लिए कच्चा सामग्री से लेकर राशि के रूप में मदद प्रदान करते हैं। वे कहते हैं कि कोई भूखा पेट न सोए, इसलिए इस सेवा कार्य से जुटे रहते हैं