13 मई : सारण की मुख्य खबरें

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वैश्विक महामारी में गर्भवती महिलाएं खानपान का रखें ध्यान, कुपोषण से संक्रमण के जोखिम की अधिक संभावना

छपरा : कोविड 19 वैश्विक महामारी के दौरान शिशु व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाना आवश्यक है. ऐसे समय में पोषण एक महत्वपूर्ण विषय है. कोविड संक्रमण के समय में कुपोषण का स्तर नहीं बढ़े इसके लिए उनका खानपान बेहतर होना चाहिए। पौष्टिक आहार का गहरा संबंध शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता से है। मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता संक्रमण के जोखिम को कम करता हैऔर यह कई प्रकार की संक्रामक व गैरसंक्रामक बीमारियों से बचाव करता है।

महिला व उसके बच्चे के जीवनकाल पर कुपोषण का लंबा प्रभाव पड़ता है। बच्चों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए गर्भवती महिला का खानपान महत्वपूर्ण है। कुपोषित गर्भवती महिलाओं की संतान भी कुपोषित होती है। कुपोषण के कारण मातृ व शिशु मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है। कुपोषण के कारण बच्चों का शारीरिक विकास प्रभावित होता है। वे बौना, कम वजन या मोेटापा आदि से ग्रसित होते हैं।

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कुपोषण के कारण संक्रमण का जोखिम भी बढ़ जाता है। गर्भवती महिलाओ अथवा भविष्य में मां बनने वाली महिलाओं व किशोरियों व धात्री महिलाओं के लिए ऐसे समय में विशेषतौर पर पौष्टिक खानपान पर ध्यान देने की जरूरत है। वहीं धात्री महिलाओं के लिए शिशु के नियमित स्तनपान और अनुपूरक आहार दिया जाना महत्वपूर्ण है. इन सबके के साथ स्वच्छता के नियमों का पालन भी करना है।

नियमित रूप से स्तनपान करायें :

सिविल सर्जन डॉ जेपी सुकुमार ने बताया कि शिशुओं को कुपोषण से बचाने के लिए नियमित रूप से धात्री महिलाएं स्तनपान करायें. शून्य से दो साल तक के शिशुओं के लिए नियमित स्तनपान जरूरी है. छह माह से अधिक उम्र के शिशुओं के लिए नियमित स्तनपान के साथ अनुपूरक आहार भी जरूरी है। शिशुओं के अनुपूरक आहार में दलिया, सूजी का हलवा, दाल, हरी पत्तेदार सब्जी, मौसमी फल, अंडा, मांस आदि शामिल करें. इसके साथ ही दो साल की उम्रं से अधिक बच्चों के लिए समय पर सही खानपान जरूरी है। बच्चों को बाहरी व जंक फूड आदि की आदत नहीं लगायें। घर का ताजा भोजन ही खिलायें।

गर्भवती महिलाएं खानपान का रखें ध्यान :

कोविड काल में गर्भवती महिलाओं व किशोरियों के खानपान को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। गर्भावस्था में रोग प्रतिरोधी क्षमता कमजोर होती है। ऐसे समय में किसी भी संक्रमण का जोखिम व असर अधिक तेजी से होता है. गर्भवती महिलाओं को नियमित दूध, अंडा, मांस, मछली व हरी पत्तेदार सब्जी के अलावा मौसमी फल, दाल, दलिया व समय समय पर आयरन व जिंक आदि की टेबलेट दिया जाना आवश्यक है. धात्री महिलाएं भी इसी प्रकार का खादय वस्तुएं रोजाना अपने भोजन में शामिल करें।

भारत स्काउट और गाइड बिहार प्लास्टिक टाइड टनर्स ने राज्य स्तरीय वेबीनार का किया आयोजन

छपरा : भारत स्काउट एवं गाइड ,बिहार राज्य द्वारा प्लास्टिक टाइड टर्नर चैलेंज की गतिविधि पूरे बिहार राज्य में संचालित किया जा रहा है, आज दिनांक 13 मई 2021 को राज्य स्तरीय वेबीनार का आयोजन किया गया, इस वेबीनार में बिहार के 27 जिलों के 245 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वेबीनार का उद्घाटन राज्य सचिव श्रीनिवास कुमार ने किया।

कार्यक्रम का संचालन राज्य समन्वयक ऋतुराज ने किया।यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के दिशा निर्देश में चलाए जा रहे हैं, इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य एकल युज प्लास्टिक एवं पॉलिथीन को अपने दैनिक जीवन से दूर करने एवं प्राकृतिक को बचाने हेतु यह अभियान वैश्विक स्तर पर चलाया जा रहा है। ऋतुराज राज्य समन्वयक प्लास्टिक टाइड टर्नर, बिहार ने बताया कि प्लास्टिक प्रदूषण का वायु, जल और थल तीनों ही प्रदूषण में बहुत बड़ा योगदान है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 100 वर्षों में जितने प्लास्टिक का उत्पादन नहीं हुआ, उतना पिछले 10 वर्षों में हुआ है।

प्रयुक्त प्लास्टिक में 50 प्रतिशत स्थान सिंगल यूज़ प्लास्टिक का है। कुल कचरों में 10 प्रतिशत प्लास्टिक कचरा पाया जाता है। हमारे द्वारा फेंका गया प्लास्टिक वर्षा के जल को जमीन के नीचे जाने से रोकता है, जो भूजल स्तर में कमी लाने के कारण के रूप में उभर रहा है। इसके इस्तेमाल को बंद कर हमें इसके विकल्प के रूप में उपलब्ध चीजों का ही उपयोग करना चाहिए यहां एक वैश्विक समस्या है जो दुनिया भर में इंसानी गतिविधियों के कारण, हर साल 30 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है, जिसमें से लगभग 80 लाख टन महासागर में जा गिरता है।

पिछले 50 वर्षों में, प्लास्टिक उत्पादन 22 गुना से अधिक बढ़ गया है। इस अभियान को सफल बनाने हेतु पूरे बिहार में 50 हजार+ लोगों को संकल्प दिलाने हेतु ऑनलाइन संकल्प अभियान 13 मई 2021 से 30 मई 2021 तक चलाया गया है इस अभियान में अधिकतर युवा वर्ग को जोड़ने का प्रयास किया गया है। इस मौके पर राज्य सचिव श्रीनिवास कुमार ने कहा कि इस अभियान में सभी वर्ग के लोगों को जोड़ना चाहिए ,क्योंकि यह अभियान प्राकृतिक से संबंधित है और हमें अपनी प्राकृतिक को बचाना है नहीं तो आने वाले समय में मानव जीवन खतरे में आ जाएगा। इस अभियान से जुड़े सभी युवाओं को इन्होंने अपना स्नेह भरा आशीर्वाद दिया।

कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए जिला युवा समन्वयक वैशाली ने बताया कि प्लास्टिक एक ऐसी वस्तु है जो नष्ट नहीं हो सकती है। इससे हमारे पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक की पॉलीथिन, बोतलें, प्लेट, चम्मच, गिलास आदि का प्रयोग नहीं करने की हिदायत दी।उन्होंने कहा कि घर का गीला व सूखा कचरा अलग कर निस्तारित करने, पॉलीथिन के बजाय जूट के थैलों का इस्तेमाल करने, प्लास्टिक की कटलरी का इस्तेमाल रोकने के साथ ही अपने परिवार और आसपास के लोगों को इस संबंध में जागरूक करते हुए शपथ भी दिलाई जाये।

पूरे बिहार में स्काउट गाइड चलाए जाएंगे जिला स्तर पर ऑनलाइन वेबीनार, संकल्प अभियान, घर पर प्लास्टिक ना यूज करने हेतु की जाएगी चर्चाएं।ऑनलाइन क्विज , लेखन एवं स्लोगन प्रतियोगिता संचालित किए जाएंगे , ताकि कोविड-19 महामारी के समय जो हमारे युवा वर्ग अपने घर में हैं वह अपने घर से ही इस गतिविधि को करेंगे। इस कार्यक्रम में सारण जिले भारत स्काउट और गाइड के डिस्ट्रिक्ट क्वार्डिनेटर आशीष रंजन प्लास्टिक टाइड टनर्स ने अपने साथ साथ 46 प्रतिभागियों को जोड़ा और प्लास्टिक मुक्त बिहार बनाने का सपथ दिलवाया।

निराश्रित और जरुरतमंदो के लिए संजीवनी है सामुदायिक किचेन : डॉ सी एन गुप्ता

छपरा : निर्धन,निराश्रित एवं अन्य नाजुक वर्गों के लिए जिला स्कूल में सामुदायिक किचन के संचालन का जायजा स्थानीय विधायक डॉ सी एन गुप्ता ने लिया. इस दौरान विधायक सी एन गुप्ता ने कहा कि सरकार का शुरू से प्रयास है कि जरुरतमंदो तक भोजन उपलब्ध कराया जाए.इसी क्रम में सरकार के निर्देशानुसार सारण जिला प्रशासन के जिला आपदा प्रबंधन प्रशाखा द्वारा शहर के जिला स्कूल एवं विशेश्वर सेमिनरी में सामुदायिक किचेन का संचालन किया जा रहा है. जहां शहर के निर्धन एवं निराश्रित को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

सामुदायिक किचेन में लोगों की अच्छी खासी उपस्थिति हो रही है.कोरोना काल के दौरान राज्य में जबतक लॉक डाउन है ऐसे में गरीब और निराश्रित के समक्ष भोजन एक बड़ी समस्या उत्पन्न न हो इसलिए सामुदायिक किचन से लोगों को सहायता देने का प्रयास जारी है।

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