ललन सिंह पर राजद के पलटवार, जो व्यक्ति खुद बिल में छुपा हुआ हो उसे तेजस्वी कैसे दिखाई देंगे
पटना : राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने जदयू सांसद ललन सिंह द्वारा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव पर की गई टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जो व्यक्ति खुद बिल के अन्दर छुपा हुआ हो उसे बाहर कैसे दिखाई देगा?
राजद प्रवक्ता ने कहा कि यदि ललन सिंह नेता प्रतिपक्ष के बजाय मुख्यमंत्री जी को अपना सुझाव दिए हुए रहते तो आज ईलाज के अभाव में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान नहीं जाती और न न्यायालय को राज्य सरकार के खिलाफ इतनी तल्ख टिप्पणी करनी पड़ती। तेजस्वी जी की चिंता छोड़ ललन सिंह खुद भी बिल से बाहर निकलें और मुख्यमंत्री जी सहित राज्य और केन्द्र सरकार के मंत्रियों सहित सभी सांसदों को बिल से बाहर निकालें तो निश्चित रूप से बिहार की बदहाल स्थिति में बदलाव देखने को मिलेगा।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपनी जिम्मेवारी बखुबी समझते हैं। उनके द्वारा सरकार को हर प्रकार का सहयोग देने की पेशकश भी कर चुके हैं। उनके पहल पर बड़ी संख्या में राजद विधायकों द्वारा अपने-अपने जिलों और क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग देकर आवश्यक संशाधनो की पूर्ति हेतु पहल भी किया गया है। नेता प्रतिपक्ष तो काफी पहले से सरकार को आगाह करते रहे हैं। गत 17 अप्रैल को राज्यपाल द्वारा बुलाये गये सर्व दलीय बैठक में भी तेजस्वी यादव ने सरकार को तीस सुझाव दिये थे, उस पर यदि अमल हुआ रहता तो आज यैसी भयावह स्थिति पैदा नहीं होती।
पिछले वर्ष जब कोरोना का पहला लहर शुरू हुआ था उस समय हीं सरकारी व्यवस्था का पोल खुल गया था। उस समय भी और उसके बाद भी लगातार स्वास्थ्य विभाग के रिक्त पदों पर नियुक्ति का मामला तेजस्वी जी उठाते रहे। पर सरकार द्वारा उस दिशा में कोई पहल नहीं की गई। विधायकों से फंड लिया गया पर स्वास्थ्य से जुड़े संशाधनो में कोई सुधार नहीं। बगैर किसी ब्लू प्रिंट के पैसे खर्च किए गए। आवश्यक उपकरण आये पर टेक्नीशियन की नियुक्ति नहीं हुई।
राजद प्रवक्ता ने कहा उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों से तो उन सभी सवालों की पुष्टि हो जाती है जिसे लगातार तेजस्वी यादव उठाते रहे हैं। अब तो मुख्यमंत्री जी द्वारा लिये गये फैसलों पर एनडीए के घटक दल भी सवाल उठा रहे हैं।
राजद प्रवक्ता ने जदयू सांसद ललन सिंह जी से पूछा है कि हाईकोर्ट के टिप्पणियों के बाद भी किसी को कुछ कहने के लिए बचता है क्या ?