आदेश के बाद आनन – फानन में बना कोविड ओपीडी, 24 घंटे बाद डॉक्टर नदारद

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पटना : बिहार में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है। वहीं राज्य सरकार के तरफ से लगातार कोविड हॉस्पीटल शुरू करने की घोषणा हो रही है। राज्य सरकार की घोषणा के बाद जिला प्रशासन के पदाधिकारियों द्वारा इसकी शुरुआत भी हो जाती है लेकिन शुरू होने के दूसरे ही दिन यहां न तो डॉक्टर नजर आते हैं और न ही अन्य कोई स्वाथकर्मी।

वहीं इस बीच अब ऐसे ही एक मामले को लेकर सतादल पार्टी जदयू के नेता ने अपने ही सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाया है। उनके द्वारा कहा जा रहा है कि अगर ऐसी व्यवस्था रही तो हम कोरोना से किस प्रकार लड़ेंगे।

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दरअसल, मुजफ्फरपुर जिले के सिकंदरपुर स्थित अल्पसंख्यक छात्रावास के कैंपस में बीते दिन बुधवार को कोविड ओपीडी का उद्घाटन मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार के द्वारा किया गया। इस दौरान मुज़फ़्फ़रपुर के सिविल सर्जन डॉ एस के चौधरी के साथ स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी एवं चिकित्सक तथा जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी मौजूद थे। सिकंदरपुर स्थित अल्पसंख्यक छात्रावास के कैंपस में बीते दिन बुधवार को कोविड ओपीडी का उद्घाटन मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी प्रणव कुमार के द्वारा किया गया। कोविड ओपीडी के उद्घाटन का मुख्य उद्देश्य था कि वैसे मरीज जो जांचोपरांत पॉजिटिव पाए गए हैं वे बिना समय गवाएं उक्त ओपीडी में पहुंचकर अपना इलाज शुरू करा सकते है।

अस्पताल व्यवस्था की खुल गई पोल

वहीं इस कोविड ओपीडी के उद्घाटन का 24 घंटा भी नहीं बीता होगा कि अस्पताल व्यवस्था की पोल खुल गई। यहां की व्यवस्था को लेकर जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष रंजीत सहनी ने स्वास्थ्य व्यवस्था का सवाल खड़े करते हुए कहा है कि उद्घाटन के बाद आज गुरुवार को दूसरा दिन हैं लेकिन दूसरे दिन ही इलाज का कोई व्यवस्था नही, न तो वहाँ कोई डॉक्टर हैं और नही कोई भर्ती लेने वाले कर्मी हैं। मरीज और उनके परिजन बाहर में इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में लोग कैसे कोरोना को हरा पाएंगे।

मालूम हो कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था बिल्कुल चरमरा सी गई है। राज्य में हर रोज सैकड़ों मरीज ऑक्सीजन और बेड की कमी के कारण मौत के मुंह में जा रहे हैं। वहीं जरूरी दवाई की कालाबाजारी भी हो रही है।

 

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