पूर्ण लॉकडाउन पर मांझी की असहमति, कहा : किसी को शौक नहीं जो बाहर निकलें

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पटना : बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देख कर सरकार गंभीरता पूर्वक लॉकडाउन लगाने के विकल्प पर विचार कर रही है। इसी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। वहीं इस बीच लॉकडाउन लगाने को लेकर एनडीए में घमासान मची हुई है।

एनडीए के तरफ से जहां भाजपा और वीआईपी लॉकडाउन लगाने को कह रही है तो वहीं एनडीए में शामिल एक और पार्टी हम के मुखिया जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी ने लॉकडाउन लगाने को लेकर बड़ी शर्त सामने रखी है।

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जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने कहा है कि वह एक ही शर्त पर लॉकडाउन का समर्थन करेंगे अगर सबका बिजली-पानी बिल, स्कूल-कॉलेज की फीस माफ कर दी जाए, किरायेदारों का किराया माफ किया जाए, बैंक लोन, ईएमआई को भी माफ कर दिया जाए।

हम के मुखिया जीतन राम मांझी ने कहा कि किसी को शौक नहीं होता है कि वो अपनी जान जोखिम में डाल कर बाहर जाए। लेकिन रोटी और कर्ज के कारण सब कुछ करना पड़ता है। उन्होंने अपनी ही सरकार पर तंज करते हुए कहा कि यह बात एयर कंडीशनर में रहने वाले लोगों को समझ में नहीं आएगी। उन्होंने अपने इस स्टैंड से स्पष्ट कर दिया है कि वह लॉकडाउन का समर्थन नहीं कर रहे।

मालूम हो कि इससे पहले हुई सर्वदलीय बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल और बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय लॉकडाउन का समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना से हालात बिकड़ते जा रहे हैं।ऐसे में महज नाइट कर्फ्यू लगाने से संक्रमण कम नहीं होगा। बिहार में संपूर्ण लॉकडाउन लगना चाहिए।

 

 

 

 

 

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