बिहारी समरसता और अस्मिता के प्रतीक हैं बाबू कुंवर सिंह : अरविन्द सिंह

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पटना : वीर कुंवर सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों में से एक हैं। आज उनकी पुण्यतिथि है। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी बिहार प्रदेश के प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस को देखते हुए बाबू वीर कुंवर सिंह की विजय दिवस को भारतीय जनता पार्टी के सारे कार्यकर्ता सोशल मीडिया और अपने-अपने घरों में शारीरिक दूरी और कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मन से मना रहे हैं।

बिहारी अस्मिता एवं स्वाभिमान और बिहार के समरसता का प्रतीक बाबू वीर कुंवर सिंह 80 साल के नौजवान, महान शासक, 1857 स्वन्त्रता संग्राम के महानायक बाबू वीर कुंवर सिंह की पुण्यतिथि पर अन्तः ह्रदय से नमन। महान शासक राजा भोज के वंशज बाबू कुँवर के वीरता के कायल अंग्रेज इतिहासकार होम्स ने लिखा है कि अगर कुंवर सिंह 80 साल के न होते तो शायद भारत 1857 में ही स्वतंत्र हो चुका होता।

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भाजपा नेता ने कहा कि सामाजिक समरसता के प्रतीक बाबू वीर कुंवर सिंह के जगदीशपुर गांव के लोग बताते हैं, एक बार बगल के गांव में अपने खेतों में धान के रोपनी के समय बाबू कुंवर सिंह घोड़े पर सवार होकर रोपनी देखने गए, वहां पर जो महिलाएं रोपनी करती थी, वे महिलाएं उनसे बख्शीश मांगने गई, सारे महिलाएं आई एक महिला नहीं आई जब उस महिला से पूछा गया कि तुम क्यों नहीं गई। तो वह महिला ने कहा कि मैं उन्हीं के गांव की बेटी हूं, वे मेरे भाई लगते हैं तब बाबू कुंवर सिंह ने कहा कि वह मेरी बहन है, इसलिए आज से यह पूरा बधार (खेत) उसी की हो गई और वह महिला पासवान जाति से थी।

ऐसे वीर को पैदा करने बाली भोजपुर जगदीशपुर बिहार की धरती को कोटि कोटि नमन।

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