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सरकार का नया निर्णय, अब 33 फीसदी शिक्षक ही जायेंगे स्कूल

पटना : प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य सरकार ने राज्यवासियों से कोरोना गाइडलाईन के नियमों का पालन करने के साथ-साथ टीका लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण राज्य में एक बार फिर से कोरोना पांव पसारने लगा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच का दायरा बढ़ा संक्रमितों की पहचान की जा रही है।

वहीं, राज्य सरकार ने 4 अप्रैल से 18 अप्रैल तक बिहार के सभी शिक्षण संस्थान को बंद करने का आदेश दी हुई है। जबकि शिक्षक और शिक्षेकत्तर कर्मचारियों के लिए स्कूल और कॉलेज खुले रहेंगे। इन लोगों को पहले की तरह ही कोरोना प्रोटोकॉल का ख्याल रखते हुए स्कूल आते रहेंगे। वहीं, अब बिहार सरकार ने शिक्षकों को लेकर नया आदेश जारी की है। अब किसी भी स्कूल में केवल 33 फीसदी शिक्षक ही मौजूद रहेंगे।

शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्राथमिक विद्यालयों में जहां 2 शिक्षक हैं, वहां बारी-बारी से शिक्षक विद्यालय में उपस्थित रहेंगे। तथा जहां 2 से अधिक शिक्षक पदस्थापित हैं, वहां प्रतिदिन बारी-बारी से 33% उपस्थित रहेंगे।

मध्य विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संदर्भ में प्रधानाध्यापक, प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे तथा शेष शिक्षक और शिक्षेकत्तर प्रतिदिन बारी-बारी से 33% उपस्थित रहेंगे।

विश्वविद्यालय महाविद्यालय के संदर्भ में सह प्राध्यापक, प्राध्यापक एवं उनके समकक्ष स्तर के ऊपर के सभी पदाधिकारी प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे तथा सहायक प्राध्यापक एवं उनके समकक्ष पदाधिकारी एवं उनसे न्यून सभी पदाधिकारी एवं कर्मी बारी-बारी से प्रतिदिन 33% उपस्थित रहेंगे।

ज्ञातव्य हो कि कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग कोरोना पर नियंत्रण को लेकर अलर्ट मोड पर है और बढ़ रही संख्या पर काबू पाने के लिए आवश्यक तैयारी की जा रही है। इस स्थिति में लोगों के बीच सावधानी बरतने की जरूरत है। इसलिए राज्यवासियों से आग्रह है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें। साथ ही दो गज की दूरी को जरूरी समझ सामाजिक दूरी का पालन अवश्य करें। इसके अलावे 45 साल से अधिक उम्र के लोग अपने नजदीकी टीकाकरण केंदों पर जाकर टीके जरूर लगवाएं।