पटना : बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद से ही पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाती है। अप्रैल-मई में बिहार में पंचायत चुनाव कराये जाते हैं। मुखिया, सरपंच, जिला परिषद, पंचायत समिति, वार्ड परिषद् सदस्य समेत 6 पदों के लिए एकसाथ चुनाव होता है। अप्रैल-मई में होने वाले चुनाव में देरी इसलिए हो रही है, क्योंकि इस बार पंचायत चुनाव बैलेट पेपर से नहीं ईवीएम से होना है।
वहीं, इसको लेकर पटना हाईकोर्ट में बिहार और केंद्रीय निर्वाचन आयोग के बीच ईवीएम और बैलेट पेपर को लेकर याचिका दाखिल की गई है। इसको लेकर हाईकोर्ट को फैसला लेना है। लेकिन, कोरोना तथा अन्य कारणों से सुनवाई 7 बार टल चुकी है। सुनवाई की अगली तिथि २१ अप्रैल निर्धारित की गई है। उम्मीद है कि इस दिन बिहार पंचायत चुनाव को लेकर अहम निर्णय सुनाया जा सकता है।
मामला ईवीएम की खरीदारी को लेकर है। इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर एनओसी की मांग की थी। लेकिन, अभी तक एनओसी नहीं मिलने के कारण ईवीएम खरीद को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है, जिसके कारण चुनाव में भी देरी हो रही है।
वहीं, दूसरी तरफ राज्य निर्वाचन विभाग द्वारा सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। पंचायत चुनाव में विभिन्न पदों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग सभी पदों के लिए सिंबल निर्धारित कर दिया है। वहीं, आरक्षित सीटों की बात करें तो इस बार भी पिछले चुनाव की तरह स्थिति यथावत रहेगी।