पटना : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने रविवार को बिहार इलेक्ट्रिक टेंडर्स एसोसिएशन और भाजपा वाणिज्य प्रकोष्ठ के दो अलग-अलग कार्यक्रमों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगर घर-घर बिजली नहीं पहुंचाई होती, 10 करोड़ शौचालय नहीं बनवाये होते और गरीब महिलाओं को 14 करोड़ 73 लाख मुफ्त गैस सिलेंडर नहीं दिया होता तो लोग शौच, ईंधन आदि की तलाश के साथ ही ऊब कर घरों से बाहर सड़क पर निकल आते और लाॅकडाउन कभी सफल नहीं होता।
सुशील मोदी ने कहा कि अमेरिका जैसे देश को लाॅकडाउन के दौरान 7 करोड़ लोगों तक सहायता राशि का चेक पहुंचाने में छह महीने का समय लगा। लोगों के खाते वहां भी थे मगर सरकार के पास उनका डेटा नहीं था, इसलिए डीबीटी के जरिए राशि नहीं पहुंचायी जा सकी। चेक प्रिंट कर लिफाफे में भरने और डाक से भेजने में काफी समय लगा। वहीं, भारत में 20 करोड़ जनधन खाताधारक गरीब महिलाओं को डीबीटी के माध्यम से लाॅकडाउन के तीन महीने तक 500 रुपये प्रतिमाह की दर से कुल 30,952 करोड़ रुपये एक क्लिक पर भेजे गए।
देश के 80 करोड़ गरीबों को कोरोना संकट के दौरान 8 महीने तक मुफ्त 40 किलो अनाज, उज्जवला योजना के तहत 7 करोड़ 43 लाख गरीब महिलाओं को मुफ्त 14 करोड़ 73 लाख गैस सिलेंडर तथा 2 करोड़ 81 लाख वृद्ध, विधवा व दिव्यांगों को तीन महीने की अग्रिम पेंशन राशि दी गयी।
कोरोना जैसे वैश्विक संकट के दौरान भारत में न केवल लोगों की जान बचाई गई बल्कि अर्थव्यवस्था को भी पटरी पर लाने में सफलता मिली है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 12 प्रतिशत की विकास दर के अनुमान के साथ भारत दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने वाले देशों में शुमार होगा।