नुक्कड़ नाटक के माध्यम से किसानों को कृषि कानून के फायदे बताएगा विचार परिवार
पटना : कृषि कानून को लेकर किसान संगठनों द्वारा देशभर में जारी प्रदर्शन का काट अब विचार परिवार ने ढूंढ लिया है। विचार परिवार द्वारा परंपरागत तरीके से बिहार-उत्तरप्रदेश के गांवों में नुक्कड़ नाटक कर कृषि कानून की असलियत के बारे में बताएँगे। विचार परिवार ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि, उनका मानना है कि अब ये किसान आंदोलन नहीं रहा है। ये पूरी तरह से राजनीतिक आंदोलन हो गया है। देश विरोधी ताकतें इस आंदोलन को चला रही है और किसान नेता इन लोगों की साजिश के शिकार होते जा रहे हैं।
नए कृषि कानून को लेकर फैलाये जा रहे भ्रम को लेकर बिहार में गोसेवा गतिविधि, जल्ला किसान संघ एवं मंडली संस्था द्वारा जाग उठा किसान का मंचन किया गया। जिसमें राकेश मिश्रा- किसान, मधुशुधन कुमार- किसान पुत्र, राजीव रंजन- मुखिया, राजेश राज- पप्पू बकैत, नेता जी, संजीव प्रियदर्शी- ग्रामीण किसान, चंदन त्रिपाठी- ग्रामीण किसान तथा काली राज ने नाल बाधक का किरदार निभाया। कार्यक्रम का संयोजन ICAR के सदस्य सह भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कुमार यादव ने किया।
जाग उठा किसान मंचन के माध्यम से कलाकारों ने बताया कि कृषि कानून के आड़ में देश को बांटने का काम किया जा रहा है। नए कृषि कानून क्या हैं और ये किसानों के लिए कैसे फायदेमंद हैं, इसको केंद्र में रखकर प्रस्तुति दी गई।
बता दें कि इससे पहले गोसेवा गतिविधि से जुड़े एक लाख कार्यकर्ताओं ने देश के 50 हजार गांवों में जाकर किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे गिनाए थे। इस कार्य में दो-दो कार्यकर्ताओं ने विभिन्न गावों का दौरा कर किसाओं के नए कृषि कानून के फायदे बताये थे।