26 मार्च : सारण की मुख्य खबरें

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भिखारी ठाकुर की सजनी होली गीत बिदेसिया फ़ोक स्टूडियो नामक यूट्यूब पर आज रिलीज़

छपराः लगभग एक सदी पुराना भिखारी ठाकुर द्वारा लिखा गया सजनी होली गीत बिदेसिया फ़ोक स्टूडियो नामक यूट्यूब पर आज रिलीज़ हुआ। “रघुवर से खेलब हम होली सजनी” नामक इस गीत को सरिता साज़ ने अपनी मधुर आवाज़ दी है। इस गीत में मिथिला के सखियों द्वारा भगवान रामचंद्र जी के साथ होली खेलने की इच्छाओं का वर्णन है।

इस गीत का विडियो निर्देशन राहुल कुमार ने किया है जिसमें बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों के होली दृश्य हैं। आज के समय में जब अधिकतम होली गीत एक द्वीअर्थी अश्लील शोर-शराबा बन गए हैं ऐसे में इस तरह के क्लासिक होली गीतों बनना दर्शकों एवं श्रोताओं को विकल्प प्रदान करता है।बिदेसिया फ़ोक स्टूडियो एक यूट्यूब चैनल है जो भारत के समृद्ध लोकसंगीत, नृत्य, नाटक, कला आदि के निर्माण एवं संरक्षण-संवर्धन का कार्य करती है।

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सरिता साज़ लोकगायिका हैं जिनका घर मढ़ौरा प्रखंड के रामचक गाँव में है। ये फ़िलहाल दिल्ली रह कर स्वतंत्र रूप से लोकगायन करती हैं। सरिता साज़ ने देश के विभिन्न महोत्सवों में भोजपुरी के लोक एवं पारंपरिक गीतों के साथ भिखारी, महेंद्र मिश्र, कबीर के निर्गुण, पूर्वी, कजरी आदि गीतोंका गायन राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर किया है।

इन्होंने बिहार के विविध लोकगीतों के विरासत को इंडिया कल्चर सेंटर, कोलंबो (श्रीलंका) तथा आर्ट काउंसिल, कराची (पाकिस्तान) में भी प्रस्तुत किया है। सरिता साज़ ने हाल ही में आयोजित महेंद्र मिश्र जयंती समारोह में भी अपनी गायकी का जादू बिखेर समाँ बाँध दिया था जिसके लिए कला एवं संस्कृति मंत्री ने उन्हें सम्मानित भी किया था। लोकगीत के लिए इन्हें संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) से सम्मान भी प्राप्त हो चुका है। सरिता साज़ ने यह होली गीत पद्मश्री रामचंद्र माँझी से सिखा है। सरिता साज़ का उद्देश्य है भोजपुरी के उन लोकगीतों को दर्शकों के सामने लाना जो सामाजिक हो तथा अश्लीलमुक्त हो।

चमकी बुखार व जेई की रोकथाम की तैयारियों को लेकर चिकित्सकों की समीक्षा बैठक

छपराः सदर अस्पताल में चमकी बुखार व जेई की रोकथाम की तैयारियों को लेकर चिकित्सकों के साथ सिविल सर्जन डॉ. जर्नादन प्रसाद सुकुमार ने समीक्षा बैठक की। बैठक में सिविल सर्जन ने चमकी बुखार व जेई से निपटने के लिए कई महत्वूपर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की और चिकित्सकों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिया। सीएस ने आपसी समन्वय बनाकर काम करने का निर्देश दिया। ताकि चमकी बुखार की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया जा सके। एईएस और जेई के अनुसार आवश्यक दवा एवं उपकरण की उपलब्धता सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।

पूरी तन्मयता एवं गंभीरता के साथ एईएस चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर कर्तव्यों का निवर्हन करें। सिविल सर्जन ने कहा एईएस-चमकी बुखार से उत्पन्न स्थिति का सामना करने के लिए स्वास्थ्य विभाग सजग और तैयार है। इसके लिए आम जनता को भी जागरूक करने की जरूरत है।

जागरूकता के लिए जमीनी स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। इसमें आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, आशा व विकास मित्र घर-घर घूमकर लोगों को जागरूक करेंगे। ताकि एईएस और जेई के मरीज के संबंध में ससमय सूचना मिल सके और उसका इलाज हो सके। इस बैठक में सिविल सर्जन के अलावा जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अजय कुमार शर्मा, डीएस डॉ. रामएकबाल प्रसाद, हेल्थ मैनेजर राजेश्वर प्रसाद समेत सदर अस्पताल के चिकित्सक मौजूद थे।

चुनौती का मुकाबला के लिए तत्पर रहें:

सिविल सर्जन डॉ. जर्नादन प्रसाद सुकुमार ने मस्तिष्क ज्वर (चमकी बुखार) के लक्षण, प्राथमिक उपचार व बचाव के उपाय बताए। साथ ही इसके लिए व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाकर इस गंभीर बीमारी की चुनौती का मुकाबला के लिए तत्पर रहने को कहा। उन्होंने बताया रात में बच्चे को भूखे पेट न सुलाएं। धूप में न जाएं। बगीचे में कच्चे या जूठे फल न खाएं और चमकी बुखार के लक्षण जैसे एकाएक बुखार, चमकी या ऐंठन आना, सुस्ती या बेहोशी, मानसिक असंतुलन दिखने पर तुरंत ही नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बच्चे को एंबुलेंस या चिह्नित निजी वाहन से ले जाएं। जहां इसके इलाज के लिए दो विशेष वार्ड तैयार हैं ।

तेज बुखार व चमकी आना प्रमुख लक्षण :

सिविल सर्जन डॉ. जर्नादन प्रसाद सुकुमार ने बताया एईएस या चमकी बुखार को बीमारी का छाता कह सकते हैं। इसके लक्षण जैसी कई बीमारियां होती हैं। इसका कारण अभी तक पता नहीं चल सका। इसके मुख्य कारण गर्मी, नमी व कुपोषण सामने आए हैं। जब गर्मी 36 से 40 डिग्री व नमी 70 से 80 फीसद के बीच हो तो इसकी समस्या शुरू होती है। बीमारी का लक्षण तेज बुखार व चमकी आना है, इसलिए इसे चमकी बुखार कहते हैं। इसमें बच्चा देखते-देखते बेहोश हो जाता है।

स्नान के दौरान एक युवक का पैर फिसलने से नदी में डूबने से मौत

छपराः सदर प्रखंड के डोरीगंज स्थित बंगाली घाट पर स्नान के दौरान एक युवक का पैर फिसलने से नदी में डूबने की सूचना प्राप्त हुई बताया जाता है कि युवक के पिता तारकेश्वर राम ने घटना की सूचना अधिकारियों की दी।

जहां मौके पर पहुंचे सदस्यों ने महाजाल के सहायता से मृतक का डेड बॉडी प्राप्त किया वहीं पुलिस ने डेड बॉडी को पोस्टमार्टम कराते हुए परिजनों को सौंप दी। जहां मृतक के पिता ने बताया कि हमारे परिवार का एकलौता कमाउ पुत्र था जो शादीशुदा था जिसे एक बच्चा और एक बच्ची है।

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