25 मार्च : आरा की मुख्य खबरें

0
आरा की मुख्य ख़बरें

लोजपा के प्रदेश महासचिव को मारी गोली

आरा : हथियारबंद अपराधियों ने बुधवार की देर रात जगदीशपुर थानान्तर्गत इसाढी बाजार के समीप लोजपा के महासचिव जगदीशपुर के आयर थानान्तर्गत कुसुम्हा ग्राम के राम तपस्या सिंह के 45 वर्षीय पुत्र प्रेमचंद यादव को गोली मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिय्सा|

जख्मी के परिजनों ने बताया कि वो बुधवार की रात पीरो थानान्तर्गत कचनथ गांव निवासी अपने साले संजीव कुमार के साथ मोटरसाइकिल से इसाढ़ी गांव दुगोला कार्यक्रम देखने गए थे. जब वह कार्यक्रम देखने के बाद बुधवार की मध्य रात्रि बाइक से अपने साले के साथ वापस कुसुम्हा गांव लौट रहे थे तभी हथियारबंद अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गये. ज़ख़्मी को एक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया है| घटना का कारण अभी स्पष्ट नही है| पुलिस मामले की छानबीन कर रही है|

swatva

भोजपुर में गंगवार की आशंका

आरा : बिहार के भोजपुर जिला मुख्यालय आरा में कुख्यात बूटन चौधरी के भतीजे दीपू चौधरी की ह्त्या के बाद एक बार फिर से गैंगवार की आशंका बढ़ गयी है| बताया जा रहा है कि इस ह्त्या में विरोधी गैंग रंजीत चौधरी का ही हाथ है| इसे लेकर पुलिस पूरी तरह अलर्ट हो गयी है। किसी तरह की अप्रिय घटना को देखते हुये वज्र वाहन और काफी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात कर दिया गया है|

बताया जा रहा है कि बुधवार को बूटन चौधरी की हत्या के एक मामले में कोर्ट में पेशी थी। दीपू चौधरी उनसे मिलने कोर्ट गया था। दोपहर में वह दोस्त अजय के साथ बाइक से लौट रहा था। तभी पकड़ी चौक के समीप हमला कर दिया गया। इस क्रम में वह सर्किट हाउस रोड में एक नाले में जा गिरा। उसके बाद बदमाशों ने उसे ताबड़तोड़ पांच गोलियां दाग दी। इसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया।

सदर एसडीपीओ संजय कुमार रावत ने बताया कि गैंग की अदावत में मारा गया बेलाउर गांव निवासी दीपू चौधरी भी जेल जा चुका है। आर्म्स एक्ट में वह करीब दो साल पहले जेल गया था। सितंबर 2019 में उसे हथियार के साथ गिरफ्तार किया था। इसके अलावे पिछले साल आरा में एक प्रॉपर्टी डीलर की हत्या और जदयू नेता को गोली मारने के मामले में भी उसके गिरोह का नाम आया था। उस मामले में उसके गैंग के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार भी किया गया था।

बिहार का भोजपुर जिला गैंगवार की आहट से सहम उठा है। कभी रणवीर सेना और भाकपा माले के खूनी दंगल के गढ़ के रूप में जानेवाला भोजपुर का उदवंतनगर थानान्तर्गत बेलाउर गांव फिर से चर्चा में आ गया है। इसी गाँव के बूटन चौधरी को बिहार के खूंखार गैंगस्टर में से एक माना जाता है। बूटन कभी बिहार की चर्चित रणवीर सेना का एरिया कमांडर था पर रणवीर सेना के कथित तौर पर खत्म होने के बाद वो अपराध की दुनिया में चला गया। उसके ऊपर कई गंभीर मामले दर्ज हैं। कुख्यात बुटन एके-47 राइफल समेत अत्याधुनिक हथियारों का काफी शौकीन भी माना जाता है। ठीक 5 साल पहले 5 मार्च 2016 को भोजपुर पुलिस ने उसे हथियारों के जखीरे के साथ गिरफ्तार किया था।

तब बूटन के पास से एक एके-47, एक रेगुलर रायफल, 3 देशी कट्टे, एके-47 के 29 जिंदा कारतूस और राइफल की 31 गोलियां बरामद की गई थीं। तत्कालीन एसपी नवीन चंद्र झा के निर्देश पर पुलिस ने उसे उस समय गिरफ्तार किया था जब वह बेलाउर में एक शादी समारोह में अत्याधुनिक हथियारों के साथ पहुंचने वाला था।

गिरफ्तारी के 3 साल बाद 2019 में उसे अत्याधुनिक हथियार रखने का दोषी पाया गया। बताया गया था कि 2016 में बुटन चौधरी को पकड़वाने के मामले में गांव के रंजीत चौधरी का हाथ था इसके बाद से ही बुटन चौधरी रंजीत चौधरी के खून का प्यासा हो गया। इसी के बाद 2016 के पंचायत चुनाव में इस दुश्मनी में पहली लाश गिरी, बूटन गैंग के लोगों ने रंजीत के भाई हेमंत चौधरी की उस समय हत्या कर दी जब वह अपनी भाभी के लिए पंचायत चुनाव में प्रचार कर रहा था। इसके बाद बूटन चौधरी के 2 समर्थकों की हत्या खेत मे काम करते समय कर दी गई।

पहले बूटन चौधरी और रंजीत चौधरी एक दूसरे के जिगरी दोस्त हुआ करते थे। कहा गया कि रणजीत चौधरी बूटन चौधरी का शूटर हुआ करता था| स्थानीय लोगो के मुताबिक बुटन चौधरी और रंजीत चौधरी में करीब 8 साल पहले काफी घनिष्टता थी| जानी दुश्मनी की शुरूआत नवंबर 2013 में हुई जब बूटन चौधरी पर गोलियां दागी गईं। इसके बाद दिसंबर 2013 में मुखिया चंपा देवी की रस्सी से गला घोंटकर हत्या किए जाने के केस में रंजीत चौधरी समेत उसके भाई दोनों को आरोपी बनाया गया था। दरअसल चंपा देवी के सिर पर बूटन चौधरी का हाथ था, इसीलिए उसने 2011 के पंचायत चुनाव में अपने नौकर की पत्नी चंपा देवी को मुखिया चुनाव लड़वाया कर जीत भी दिला दी थी।

इन दोनों गिरोह की लड़ाई में अब तक दर्जनों लोग अपनी जान गंवा चुके है और एक बार फिर इनके गैंगवार में बूटन के भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वही 20 जुलाई 2016 को और उमेश राय उसके बड़े बेटे मनीष राय को गोलियों से भून डाला गया। दोनों खेत जोतने ट्रैक्टर से गए थे। 7 जुलाई 2017 को उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर बंगला के समीप बस से खींचकर वार्ड पार्षद के पति की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। उस घटना में गड़हनी थाना क्षेत्र के पोसवां गांव निवासी सुदेश्वर रवानी का 30 वर्षीय पुत्र परमात्मा रवानी आरा से गांव जा रहा था। परमात्मा की पत्नी रजनी देवी पोसवां पंचायत की वार्ड सदस्य थी। बुटन चौधरी के परिवार से उसके करीबी रिश्ते थे। 21 सितंबर 2017 को बेलाउर गांव से जीजा की बाइक लेकर जमुआंव गांव के लिए निकले स्व. जितेन्द्र चौधरी के इकलौते बेटे को गोलियों से भून डाला गया था।

भोजपुर एसपी हरकिशोर राय ने बताया कि वारदात गैंगवार का ही नतीजा है। आरोपियों को पुलिस ने जल्द गिरफ्तार करने का दावा किया है। उन्होंने बताया कि छानबीन की जा रही है। शुरुआती जांच में गैंग की दुश्मनी की बात सामने आ रही है। उन्होंने बताया कि घटना में शामिल अपराधियों की पहचान कर ली गयी है। अपराधियों की संख्या दो बतायी जा रही है। धरपकड़ के लिये छापेमारी की जा रही है। जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा। लेकिन स्थानीय लोगों को डर इस बात का है कि इस बार बूटन के भतीजे की हत्या की गई है और वो चुप नहीं बैठेगा।

पंचायत चुनाव लड़ने पर हरेश मिश्रा की पत्नी को धमकी

आरा : भाजपा नेता विशेश्वर ओझा हत्या कांड में जेल मे बंद हरेश मिश्रा की पत्नी को धमकी दिये जाने का मामला सामने आया है। हरेश की पत्नी को कॉल कर पंचायत चुनाव से अलग रहने की बात कही गयी है। कहा गया है कि परिवार को कोई भी सदस्य चुनाव लड़ा तो अंजाम बुरा होगा। परिवार के लोगों की हत्या और बच्चों को अगवा किये जाने की धमकी दी गयी है।

इसे लेकर हरेश की पत्नी पूजा मिश्रा ने करनामेपुर ओपी में आवेदन दिया गया है। उसमें बिलौटी गांव के सरोज त्रिपाठी पर धमकी देने का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि 22 मार्च की रात उनके मोबाइल पर व्हाटसएप कॉल आयी। कॉल करने वाले ने अपने को सरोज त्रिपाठी बताया और अश्लील बातें करते हुये पंचायत चुनाव से दूर रहने को कहा गया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

अपहरण के आरोपी को गिरफ्तार करने गई पुलिस पर हमला

आरा : कृष्णगढ़ थानान्तर्गत उदयभानपुर गांव मे अपहरण व हत्या करने के मामले में महीनों से फरार अभियुक्त को गिरफ्तार करने गयी पुलिस टीम पर हमला कर ग्रामीणों ने पकड़े गए अभियुक्त को छुड़ा लिया। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस सम्भावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

बता दे कि स्थानीय थाना क्षेत्र के बभनगावा गाव निवासी स्व0 बुचुल यादव के पुत्र सुरेंद्र यादव (48) को नामजद लोगो ने विगत 2020 वर्ष के 28 नम्बर की रात एक शादी समारोह से अपहरण कर लिया गया था। परिजनों ने बिगत 1 दिसम्बर को जिस भतीजा तेज प्रताप यादव के लिखित आवेदन पर अपहरण कर हत्या करने के मामले में स्थानीय गाव के ही चार लोगों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस कांड में पुलिस ने विगत महीनों पहले नामजद अभियुक्त जीउत यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है । जबकि इस कांड में शामिल तीन अभियुक्त फरार चल रहे थे।

पुस्तक घोटाले की जांच करने को ले कमिटी पहुंची विवि

आरा : वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय पुस्तक घोटाले की जांच करने के लिए बिहार विधान परिषद पटना द्वारा गठित कमिटी जांच के लिए विवि पहुंची। बिहार विधान परिषद द्वारा गठित जांच टीम में डॉ वीरेंद्र नारायण यादव को आयोजक और भोजपुर व बक्सर के विधान परिषद राधाचरण साह को सदस्य बनाया गया था। जांच टीम ने केंद्रीय पुस्तकालय का निरीक्षण किया। कई पुस्तको के मूल्य की भी जांच की।

विवि के कुलपति प्रो देवी प्रसाद तिवारी, कुलसचिव श्रीकृष्ण व सीसीडीसी डॉ हीरा प्रसाद सिंह से पूछताछ की गई। सीसीडीसी ने बताया कि 12 प्लान में एक करोड़ 25 लाख से खरीदी गई पुस्तकों की सभी जानकारियां कमेटी को सौंप दी गई है। टीम ने जो भी कागजात की मांग की थी वो सभी उपलब्ध करा दिया गया है। बता दें कि वर्ष 2012 में यूजीसी मद से पुस्तक की खरीदारी का मामला विधान परिषद में उठा था। जिसके बाद सरकार ने एक जांच टीम गठित की थी। वर्ष 2013 में टीम ने एक बार जांच की थी।

उसके बाद 2016 में भी सदन में एक बार फिर पुस्तक घोटाले का मामला उठाया गया था। वहीं जांच के लिए विवि पहुंची टीम ने एमबीए में खरीदी लगभग 30 लाख रुपये की पुस्तक, बीएड में 25 लाख रुपये की पुस्तक व 12 प्लान में खर्च की गई 1 करोड़ 25 लाख रुपये का हिसाब मांगा। इसके साथ ही टीम ने विवि द्वारा खर्च की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र के मामले पर भी सवाल पूछा।

राजीव एन० अग्रवाल की रिपोर्ट

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here