नई दिल्ली : प्रसिद्ध लेखक एवं सामाजिक उद्यमी डॉ बीरबल झा को अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद् द्वारा ‘मिथिला विभूति ’ से सम्मानित किया जायेगा। यह कार्यक्रम दिल्ली एनसीआर के आईजीएनसीए सभागार में 25 अप्रैल, 2021 को आयोजित है। यह पुरस्कार डॉ बीरबल के मिथिला के प्रति उत्कृष्ट सामाजिक कार्य और साहित्यिक योगदान के लिए दिया जा रहा है।
डॉ बीरबल झा, जिन्हें 2017 में प्रकाशित एक पुस्तक के माध्यम से ‘यंगेस्ट लिविंग लीजेंड ऑफ मिथिला’ के रूप में जाना जाता है, उस क्षेत्र से ऐसा पहला व्यक्तित्व हैं, जो अपने प्रमुख कार्यक्रम “पाग बचाओ” अभियान के माध्यम से लगभग 4 करोड़ मैथिलों को जोड़ने में सफल रहे हैं। इस अभियान के बाद ही केंद्र सरकार द्वारा 2017 में मिथिला पाग पर डाक टिकट जारी किया गया था ।
डॉ बीरबल ने तीन लाख से अधिक युवाओं को बेहतर करियर और बेहतर जीवन शैली के लिए अंग्रेजी संचार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने का एक ट्रैक रिकॉर्ड बनाया है।
डॉ झा का जन्म 22 जनवरी 1972 को बिहार के मधुबनी जिले के एक छोटे गाँव सिजौल में हुआ था, जहाँ उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने उच्चतर अध्ययन के लिए पटना का रुख किया, जहाँ उन्होंने स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी की उपाधि पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त की। डॉ बीरबल आगे चलकर समाज के बंचित वर्गों तक अंग्रेजी का लाभ पहुंचाने हेतु ‘इंग्लिश फॉर ऑल’ का नारा देते हुए ब्रिटिश लिंग्वा नाम की संस्था की स्थापना की।