मीडिया की इनकम बढ़ाने को मोदी ने दिया प्रस्ताव, गूगल पर नजर

0

पटना : भाजपा राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को शून्यकाल में देश के प्रिंट मीडिया, न्यूज ब्राॅडकास्टर्स व न्यूज चैनल को भारी संकट के दौर से गुजरने का मुद्दा उठाते हुए भारत सरकार से आस्ट्रेलिया के समान कानून बनाने की मांग की ताकि गूगल आदि को विज्ञापन राजस्व शेयर करने के लिए बाध्य कर यहां के प्रिंट और न्यूज टीवी चैनल आदि को आर्थिक संकट से उबारा जा सके।

मोदी ने कहा कि मीडिया घराने समाचार संकलन करने, उसकी सच्चाई का पता लगाने और लोगों तक सटीक जानकारी देने के लिए पत्रकारों, रिपोटर्स, एंकर्स, कैमरामैन, ऑफिस आदि पर अरबों रुपये खर्च करते हैं। इनकी आमदनी का मुख्य स्रोत विज्ञापन है। परंतु हाल के वर्षों में यूट्यूब, फेसबुक, गूगल जैसी कम्पनियों के पास विज्ञापन का बड़ा हिस्सा चला जाता है। ये मीडिया के बनाए न्यूज कंटेंट को अपने प्लेटफाॅर्म पर डिस्प्ले कर इसमें विज्ञापन के माध्यम से पैसा कमाते हैं।

swatva

गूगल आदि बिना खर्च किए दूसरे के बनाए न्यूज कंटेंट को अपने प्लेटफाॅर्म पर दिखला कर पैसा कमा रहे हैं और परम्परागत मीडिया विज्ञापन की आय से वंचित हो रहा है।ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने न्यूज मीडिया बारगेनिंग कोड कानून बना कर गूगल को रेवेन्यू शेयरिंग के लिए बाध्य किया है। आस्ट्रेलिया की तर्ज पर फ्रांस और अनेक देशों ने कानून बनाने की पहल की है। भारत सरकार ने सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए इंटरमीडियरी रूल्स नोटिफाई (Intermediary Rules Notify) किया है। विज्ञापन के रेवेन्यू शेयरिंग के लिए भी कानून बनाना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here