पटना : देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण की शुरुआत हो गई है। दूसरे चरण में 45 से 60 वर्ष के उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है। इस क्रम में जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह व रालोसपा चीफ उपेंद्र कुशवाहा टीका लगवाने आईजीआईएमएस पहुंचे थे। दोनों नेताओं को साथ देखकर यह कहा जाने लगा कि यह संयोग नहीं है बल्कि दोनों दलों के एक होने का संकेत है।
टीकाकरण के बाद जब कुशवाहा से विलय को लेकर सवाल किया गया तो उपेंद्र ने कहा कि दादा से हमारा संबंध काफी पुराना है और जहां तक बात नीतीश जी की है तो हम अलग कब थे कि साथ होने की बात रही हैं? वहीं, वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि कुशवाह जी हमारे पुराने साथी रहे हैं और हमारे साथ बहुत जल्द आ जाएंगे, ये भी मानिए की आज से ही हमारे साथ आ गए हैं। चर्चाओं के मुताबिक़ अगले दो सप्ताह के अंदर जदयू में रालोसपा का विलय हो सकता है।
ज्ञातव्य हो कि दिसंबर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के बाद रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मेरी मुलाकात हुई है और वे मेरे बड़े भाई हैं, उनसे मिलने में कोई परहेज नहीं है। राजनीतिक विरोध अपनी जगह है, लेकिन व्यक्तिगत रूप से जब भी उनको जरूरत होगी उपेंद्र कुशवाहा उनके साथ खड़ा रहेगा।
इसके आगे उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के अंदर क्षमता है और बिहार के विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान है और आगे भी हो सकता है। नीतीश कुमार परेशानी में रहकर सत्ता को बचाने में पूरी ताकत का इस्तेमाल करते हैं। लव-कुश पहले भी था, अभी भी एक है और आने वाले दिनों में भी एक रहेगा।
विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक रूप से कमजोर नीतीश कुमार लव-कुश समीकरण को साधने के लिए कुशवाहा को पार्टी में विलय का प्रस्ताव रखे थे। उस समय नीतीश ने उन्हें बिहार मंत्रिपरिषद में शामिल करने के प्रस्ताव दिया था। लेकिन, कुशवाहा पार्टी में बड़ा पद मांग रहे थे। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुशवाहा के प्रस्ताव पर सहमति दे चुके हैं। संभवतः उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बनाया जा सकता है। यानी भविष्य में कुशवाहा को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। वैसे भी कुशवाहा राजनीति की शुरुआत नीतीश कुमार के साथ ही किये थे।