नीलगाय के आतंक से किसान परेशान

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– झुंड में आती हैं नीलगाय रबी फसलों को कर देती है बर्बाद

नवादा : जिले के मेसकौर, सिरदला, रजौली, अकबरपुर, नारदीगंज समेत वारिसलीगंज प्रखंड के पश्चिमी सकरी नदी से सटे सात पंचायतों के किसान नीलगायों के आतंक से परेशान हैं। किसानों के खेत में लगी लहलहाती फसलों को नीलगाय काफी नुकसान पहुंचा रही है। वन विभाग की लापरवाही के कारण लगाया गया फसल नीलगायों द्वारा नुकसान किया जा रहा है।

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फिलहाल नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखण्ड मुख्यालय के पश्चिम विभिन्न सात पंचायतों के गांवों में नीलगाय दिन के उजाले में फसल को नष्ट करते देखे जाना आम बात हो गई है। किसान कानून के भय से नीलगायों के साथ किसी प्रकार की अनहोनी करने से डरते हैं। वन विभाग को सारी सूचना रहने के बाद भी इसपर काबू नहीं पाया जाता है। फलत: नीलगाय खेतों में लगी रबी की फसलों में गेहूं, मसूर, खेसारी, चना, आलू आदि की फसलों को नुकसान करने में लगे हैं।

फिलहाल ग्राम पंचायत बरनावा, सौर, पैंगरी, मंजौर, मकनपुर तथा कोंचगांव आदि पंचायत के दर्जनों गांवों के बधार में दिन के उजाले में दर्जनों के संख्या में नीलगायों के विचरण करते देखा जाता है। दर्जनों के संख्या में नीलगाय झूंड बनाकर जिस खेत में घुसते हैं । उस खेतों के अधिकांश फसल को बर्बाद कर देती है।

किसानों द्वारा महंगाई दौर में रबी, तिलहन तथा दलहनी फसलों की बीज को खेतों में खाद पानी देकर तैयार किया जाता है। जिससे किसान अपने परिवार का पालन पोषण एवं पढाई लिखाई का भी खर्च निकाल सकें। लेकिन महीनों का परिश्रम नीलगायों द्वारा घंटों में फसल नष्ट कर समाप्त कर दे रही है।

मकनपुर के किसान अभिमन्यु सिंह, बिपिन सिंह, रिझो राम, कपिलदेव सिंह, बिजेंद्र रविदास, राजू सिंह, इंद्रदेव सिंह आदि किसानो ने कहा कि एक तरफ सरकार द्वारा नीलगायों के साथ किसी प्रकार की अनहोनी करने पर जेल तक जाने का प्रावधान किया गया है। तो दूसरी तरफ नीलगायों के द्वारा किये जा रहे फसल बर्बाद पर सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। वन विभाग भी उदासीन बना है तो जहां तहां हत्या हो रही है। चार दिनों पूर्व मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अकौना गांव के बधार नील गाय का शव बरामद होना इसका उदाहरण है।

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