“माघी पूर्णिमा मेला” की राजस्व वसूली को लेकर ईयो और चेयरमैन आमने-सामने

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बाढ़ : नगर परिषद में माघी पूर्णिमा की राजस्व वसूली को लेकर घमासान मची है। इसे लेकर ईयो एवं चेयरमैन एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं। नगर परिषद के पिछले चार बर्ष सिर्फ सरकार गिराने और सरकार बनाने में ही गुजर गई है,वहीं नगर परिषद में सारे संसाधन उपलब्ध रहने के बावजूद भी विकास का कहीं नामोनिशान तक नहीं दिख रहा है। मुख्य मार्ग के किनारे बजबजाते नाले तथा जलजमाव के कारण शहर में मच्छरों का भारी प्रकोप बढ़ गया है कि रात तो क्या,यहां दिन में भी लोगों को मच्छरदानी का सहारा लेना पड़ता है।

शहर में न तो कहीं फांगिग मशीन से छिड़काव हो रहा है और न तो बज बजाते नाले की सफाई किया जा रहा है। वहीं नगर परिषद के ‘इलेक्टेड बॉडी’ एवं सेलेक्टेड बॉडी’ के बीच पिछले चार बर्षों से चली आ रही ‘शीत युद्ध’ माघी पूर्णिमा मेला के बाद विस्फोटक हो गयी है, क्योंकि ‘माघी पूर्णिमा मेला’ के सैरात की बंदोबस्ती इस बार नहीं हुई थी,लिहाजा नगर परिषद द्वारा ही ‘मेला में सरकारी टैक्स’ वसूला गया।

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नगर परिषद को माघी पूर्णिमा मेले के सैरात वसूली से राजस्व की हानि तो हुई ही है और साथ ही राजस्व की वसूली में जमकर लूटपाट की गई तथा नगर परिषद के राजस्व वसूली में घोटाला किये जाने के कारण नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी और मुख्यपार्षद के बींच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जंग जारी है और ऐसा लगता है कि शेष बचे एक बर्ष भी बगैर विकास के हवा हवाई हो जायेगा।यहां की आमजनता भारी-भरकम होल्डिंग-टैक्स चूकाने के बाद भी विकास से मरहूम रहेंगी।

नगर परिषद द्वारा माघी पूर्णिमा के वसूली के लिये बहाल किये गये वॉलेंटियरों द्वारा दो तरह के राजस्व रसीद काट कर यहां आये दूर-दराज के वाहनों से जबरन भारी-भरकम रुपये वसूले जा रहे थे और इस लूट को छिपाने के लिये पास के ही निवासी एक पत्रकार को उनके घर पर जाकर खबर न छापने को धमकी देते हुये गन्दी-गन्दी गालियां देकर जान से मारने की धमकी भी दे दिया।

ज्ञात हो कि हर वर्ष नगर परिषद द्वारा माघी पूर्णिमा के सैरात बंदोबस्ती से करीब छह लाख सरकारी राजस्व की आय होती थी,पर इस बार इसकी आधी रकम भी नगर परिषद कोष में नही आई,जिससे सरकारी राजस्व की क्षति हुई है।जहां एक ओर मुख्यपार्षद ने ईयो पर अवैध तरिके से माघी पूर्णिमा मेले में रसीद कटबाये जाने का आरोप लगाया है,बहीं कार्यपालक पदाधिकारी ने मुख्यपार्षद के मनमाने रवैये की घोर निंदा करते हुये निलंबित कर्मचारियों के द्वारा बेगैर कोई लिखित सूचना के काफी मात्रा में रसीद अपने चहेते वॉलेंटियरों को दिला कर गैरकानूनी तरिके से राजस्व वसूली का आरोप लगाया है।

बाढ़ से सत्यनारायण चतुर्वेदी की रिपोर्ट

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