पटना : पटना म्यूज़ियम के निकट काशी प्रसाद जायसवाल शोध संस्थान में आज आज़ादी में उलेमाओं की भूमिका पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मौलाना आज़ाद विश्वविद्यालय के प्रो. अख्तरुल वासे ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की आज़ादी में उलेमाओं की प्रमुख भूमिका थी। जंग—ए-आज़ादी में कई उलेमाओं ने इस वतन के लिए अपनी कुर्बानी दी है। ये अलग बात है कि इनकी कुर्बानी को इतिहास में जैसी जगह मिलनी चाहिए थी नहीं मिल सकी। पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. रास बिहारी सिंह ने कहा कि जब देश गुलाम था उस समय हिन्दू—मुस्लिम एक थे। साथ मिलकर लड़ने के कारण ही देश आजाद हो सका। आज की तरह उस समय एकदूसरे के प्रति विद्वेष की भावना नहीं थी। आज का कार्यक्रम वर्तमान परिवेश को देखते हुए और भी प्रासंगिक हो जाता है।
खुदाबक्श खां लाइब्रेरी के इम्तियाज़ अहमद ने कहा कि उलेमाओं की भूमिका को लेकर और भी ज्यादा कार्यक्रम करने की जरूरत है।
मानस दुबे
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