दर्द से कराहती व तड़पती रही आठ महीने की गर्भवती

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– रेफर के बाद किसी निजी नर्सिंग होम ने नहीं लिया भर्ती, रास्ते में तोड़ा दम

नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला क्षेत्र के भटबीघा में एक बड़ी घटना हो गयी। समुचित इलाज के अभाव में 25 वर्षीय सतेन्द्र चौधरी की पत्नी  रेशमी देवी ने दम तोड़ दिया। महिला लगभग आठ माह की गर्भवती थी। सोमवार की सुबह महिला को अचानक तेज दर्द की शिकायत पर स्वजनों नेआशा दीदी के सहयोग से सिरदला पीएचसी में भर्ती कराया। डॉक्टरों एवम् एएन एम् के द्वारा महिला का उपचार कर  बेहतर इलाज के लिए कही बाहर ले जाकर इलाज करवाने हेतु रेफर कर दिया । रेफर के बाद सिरदला में किसी प्राइवेट नर्सिंग होम ने इलाज करने से मना कर दिया।

ऐसा इसलिए कि निजी नरसिंग होम में कोई भी मरीज कि मौत होती है तो पुलिस, सरकारी अस्पताल एवम् मरीज के स्वजनों को मुंह बन्द करने के एवज में लाखों का चूना लगा जाता है। ऐसे में वैसे ही प्रसव मरीज का अब इलाज होता है जिसमें घटना के बाद भी अपना मुंह बन्द रखे। इंकार के बाद स्वजनों को एंबुलेंस सुविधा चिकित्सा प्रभारी डॉ बी एन चौधरी से नहीं मिली तो प्रसव महिला को एक प्राइवेट वाहन के माध्यम से नवादा ले जा रहे। सिरदला से रजौली जाने के क्रम में जमुग़ाय नदी पार करते ही महिला ने दम तोड़ दिया।

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घटना में जच्चा बच्चा दोनों कि मौत होने के बाद पीड़ित परिवार में सिरदला में संचालित दर्जनों अवैध नर्सिंग होम के साथ साथ सिरदला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लापरवाह चिकित्सक व कर्मियों के विरूद्ध काफी रोष देखा जा रहा है। लोगों का मानना है कि प्रखंड के पी एच सी में बेहतर संसाधन होता तो सुरक्षित प्रसव से महिला की जान बचाई जा सकती थी।

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