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पटना एम्स के पास बनेगा RSS का सेवा सदन, रोगियों को मिलेगी राहत, भूमिपूजन संपन्न

अहंकारशून्य होकर समाज को समर्थ बनाने के लिए होनी चाहिए सेवा

पटना : डॉ हेडगेवार स्मारक समिति द्वारा गुरुवार मौनी अमावस्या के दिन पटना एम्स से 2 किलोमीटर पश्चिम केशव नगर फुलवारी में मरीजों की सेवा के लिए सेवा सदन का भूमि पूजन संपन्न हुआ। भूमिपूजन के मौके राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत, जीयर स्वामी जी महाराज, प्रांत संघचालक श्रीप्रकाश नारायण सिंह उर्फ़ छोटे बाबू समेत कई स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

भूमिपूजन के मौके पर संघप्रमुख ने कहा कि हमारा समाज पूरी मानवता को कुटुंब मानता है। उस समाज को अपनेपन से देखना, अपनेपन से उसके साथ रहना इसलिए सेवा होती है। सेवा किसी लाभ की आशा से नहीं की जानी चाहिए अगर ऐसा होता है तो वह सेवा नहीं कहलाता है। क्योंकि, जबतक सेवा का लाभ मिलता है. तब तक सेवा चलती है, फिर सेवा प्रयोजन बंद हो जाता है। सेवा किसी से अहंकार या प्रतिस्पर्धा के लिए नहीं होती है।

मोहन भागवत ने कहा कि अपनेपन की आत्मीयता की शुद्ध प्रेरणा से जो दुख में न रहे वही सेवा होती है। राजा रंतिदेव के विचारों को स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि दूसरों के दुखों के कारणों को दूर करना ही ध्येय होना चाहिए। अपनी भारत की परम्परा है, जड़ चेतन में अपनेपन को देखना। धैर्य रखने से सब कष्ट दूर होगा, सर्वत्र नकारात्मक सुनने से धैर्य नहीं खोना है। समाज में अगर धैर्य रहेगा तो बहुत कुछ अच्छा होगा। इसके लिए सेवा चलनी चाहिए व जिसकी सेवा करते हैं उसे भी समर्थ होकर सेवा करनी चाहिए। सेवा सेवितों को लाचार बनाने के लिए नहीं है, सेवा पाप मुक्त होने के लिए नहीं है।

भूमिपूजन के मौके पर उपस्थित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते डॉ मोहन भागवत

संघप्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत ने कोरोनाकाल में सेवा का एक अत्यनत गौरवपूर्ण उदहारण पेश किया है। बड़े-बड़े संपन्न देशों में लॉकडाउन के भाग-दौड़ हुई। वहीं, भारत में 3 करोड़ लोगों ने स्थानांतरण किया। लेकिन, भूखबलि का शिकार कोई नहीं हुआ, क्योंकि समाज स्फूर्त होकर सेवा भाव में लगा गया। इसलिए ऐसा समाज खड़ा होना चाहिए, जो अपने ऊपर आये सारे विपत्तियों को देख ले।

उन्होंने दक्षिण बिहार प्रांत के सेवा कार्य का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय मैं यहाँ था, यहां से मेरी बदली हो चुकी थी. लेकिन, मैं गया नहीं था। उस समय पटना एयरपोर्ट पर विमानक्रैश हुआ, तो उस समय बिना बताये आस-पास के सभी स्वयंसेवक वहां सेवा में लग गए। उस समय हमने उनलोगों को कहा था आपलोग मुझे समाचार व पुरस्कार देकर भेज रहे हो। उन्होंने कहा कि मिलकर, व्यवस्थित होकर,अहंकारशून्य होकर समाज को समर्थ बनाने के लिए सेवा कीजिये, समाज तो साथ है ही।

इस मौके पर जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि सृष्टि का पहचान, परिचय व निर्माण सेवा से हुआ है। सृष्टि की पहचान सेवा है, सृष्टि की पहचान समाज का जनहित है, सृष्टि की पहचान मानव सेवा है। अगर सेवा को सृष्टि से अलग कर दिया जाय तो जगत का कुछ परिचय नहीं बचता है।

संघप्रमुख ने जिस सेवा सदन का भूमिपूजन किया, वहां मरीजों और उनके परिजनों के ठहरने व खाने की व्यवस्था होगी। इस सेवा सदन में मरीज और उनके परिजन सस्ते दरों पर रहने और खाने की सुविधा मिलेगी। साथ ही राजधानी के अन्य अस्पतालों में जाने के लिए यातायात की सुविधा उपलब्ध होगी। संघ द्वारा इस तरह का सेवासदन देश के अन्य हिस्सों में चलाया जा रहा है।

इस मौके पर संघ के तमाम पदाधिकारी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत बिहार सरकार कई मंत्री व सांसद उपस्थित रहे।