दो से अधिक संतान वाले भी लड़ सकते हैं मुखिया व सरपंच का चुनाव

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पटना : बिहार में लगभग मई-जून के महीनों में पंचायत चुनाव होने वाला है। इस चुनाव में मुखिया, सरपंच, वार्ड परिषद,पंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों के भी चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में प्रत्याशियों की राज्य सरकार के हर आदेश पर गहरी नजर है। मुखिया सरपंच बनने वाले कि सबसे ज्यादा ध्यान बच्चे को लेकर है। मीडिया में रिपोर्ट आई थी कि दो से अधिक बच्चे वाले चुनाव लड़ने से बंचित रह जाएगें। इसी कड़ी में पंचायती राज विभाग अपर मुख्य इसको लेकर सब कुछ साफ कर दिया है।

पंचायती राज विभाग अपर मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने इस बात को खारिज किया है कि दो से अधिक बच्चे वाले चुनाव लड़ने से बंचित रह जाएगें। उन्होंने कहा है कि पंचायती अधिनियम में कोई बदलाव करने की कोई प्रस्ताव नहीं है। मौजूदा अधिनियम पर ही चुनाव कराया जाएगा। इसलिए प्रत्याशी भ्रम में ना आये। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव की तैयारी आयोग स्तर पर चल रहीं है।

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वहीं अपर मुख्य सचिव के इस बयान के बाद राज्य में मुखिया सरपंच के चुनाव से पहले भावी उम्मीदवारों को राहत मिल सकती है। अब इस बार पंचायत चुनाव में टू चाइल्ड पॉलिसी लागू नहीं होगी। जानकारी हो कि इससे पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि बिहार में मुखिया सरपंच पदों के चुनाव के लिए टू चाइल्ड पॉलिसी सरकार लागू कर सकती है।

पंचायत चुनाव को लेकर हर दिन राज्य निर्वाचन आयोग हर दिन नए निर्देश जारी कर रहा है। बताया जा रहा है कि पंचायत चुनाव की तिथि की घोषणा फरवरी महीने के अंतिम सप्ताह में हो सकता है। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने पंचायत चुनाव को शॉट करने की बात कहीं है। पंचायत चुनाव 2016 दस चरणों मे कराया गया था।

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