वित्त आयोग की अनुशंसा पर यूपी के बाद सर्वाधिक राशि बिहार को, मिलेंगे 4 लाख …
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने केन्द्रीय बजट का स्वागत करते हुए बजट में कोरोना से मुकाबले के लिए स्वास्थ्य प्रक्षेत्र और रोजगार सृजन के लिए पूंजीगत परिव्यय को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
सुशील मोदी ने कहा कि बजट में कोरोना से मुकाबले के लिए स्वास्थ्य प्रक्षेत्र पर 2 लाख 23 हजार 846 करोड़ का प्रावधान किया गया है जबकि 2020-21 में 94,452 करोड़ का ही प्रावधान था। 35 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान वैक्सीनेशन के लिए किया गया है। दो नए वैक्सीन जल्द ही बाजार में आने वाली है। वहीं, 5 लाख 54 हजार करोड़ पूंजीगत परिव्यय किया जायेगा जिससे बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होगा। यह राशि विगत वर्ष की तुलना में 34 प्रतिशत ज्यादा है। राज्य अब सकल घरेलु उत्पाद के 4 प्रतिशत तक कर्ज ले सकेंगे। इसके लिए एफआरबीएम एक्ट में संशोधन किया गया है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सह सांसद सुशील कुमार मोदी की अनुशंसा पर उत्तरप्रदेश के बाद बिहार को सर्वाधिक 4 लाख 78 हजार 751 करोड़ की राशि अगले पांच साल में बिहार को प्राप्त होगी। इनमें 4 लाख 24 हजार 926 करोड़ रुपये केन्द्रीय करों में हिस्से के तौर पर होगी जबकि 53,885 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में प्राप्त होगा। इस राशि से बिहार आने वाले दिनों में तेजी से विकास कर सकेगा।
स्थानीय निकायों के लिए वित्त आयाोग की अनुशंसा पर प्रावधानित 35,577 करोड़ में से 6,017 करोड़ रुपये स्वास्थ्य प्रक्षेत्र पर खर्च किया जायेगा। आपदा प्रबंधन के लिए 14 वें वित्त आयोग की तुलना में छह गुना अधिक 7,824 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वहीं, बेहत्तर वित्तीय प्रबंधन का बिहार को खामियाजा भी भुगतना पड़ा है। देश के उन 17 राज्यों को रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट मिली है जो पिछले वर्षों में अत्यधिक कर्ज लेने व कर्मचारियों को वेतन भुगतान करने तक में दिक्क्त झेल रहे थे। ऐसे राज्यों को 2 लाख 90 हजार करोड़ से ज्यादा का अनुदान मिला है जिनमें केरल को 37,814 करोड़ व पश्चिम बंगाल को 40,115 करोड़, आन्ध्र प्रदेश को 30,497 करोड़,पंजाब को 25,968 करोड़ मिला है, जबकि बिहार को इससे वंचित रहना पड़ा है।