31 जनवरी : दरभंगा की मुख्य खबरें

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सेमिनार से छात्राओं का मनोबल एवं विषय का ज्ञान बढ़ता है : दिव्या रानी हंसदा

दरभंगा : विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर गृह विज्ञान विभाग में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार “क्षेत्रीय वस्त्र शिल्प के माध्यम से सशक्त भारत की परिकल्पना” विषय पर आयोजित किया गया। सेमिनार के मुख्य अतिथि सह पेट्रोन एवं विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो० डॉली सिन्हा ने कही कि सेमिनार का मुख्य उद्देश्य है छात्राओं की बहुमुखी विकास करना।

उन्होंने आगे कहा कि मेरी कोशिश है कि गृह विज्ञान विभाग के छात्राओं को ज्यादा से ज्यादा इंटर्नशिप का मौका मिले। भारतीय परिवार और अर्थव्यवस्था में रीजनल टेक्सटाइल का अहम स्थान है। मिथिला पेंटिंग व सिक्की आर्ट्स से भला कौन वाकिफ नहीं होगा। बनारसी साड़ी की घर-घर में पहचान हैं, जो महज एक दिन का मेहनत नहीं है, बल्कि वर्षों की मेहनत है। वर्षों की मेहनत के बाद आज बनारसी साड़ी को राष्ट्रीय पहचान मिली है। जरूरत है सबसे पहले हिम्मत दिखाने की और कोई हिम्मत तभी दिखा सकती है जब इसके लिये समग्र स्तर पर प्रयास किया जाएगा।

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विभागाध्यक्ष डॉ० दिव्या रानी हंसदा ने कहीं कि सेमिनार से छात्राओं का मनोबल एवं विषय का ज्ञान बढ़ता है साथ ही प्रजेंटेशन का बेहतर मौका मिलता है। छात्राएं हर परीक्षा में अव्वल आती है जरूरत है तो बस उनके हेजिटेशन को तोड़ने की ताकि उनका प्रजेंटेशन बेहतर हो।

आगे उन्होंने कहीं कि रीजनल टेक्सटाइल क्षेत्र की पहुंच आज घर-घर तक है। आज गांधी जी का शहादत दिवस है। गांधी जी ने स्वदेशी के तहत खादी वस्त्र का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने के लिये कहा था। जरूरत है खादी ग्रामोद्योग को आगे बढाने की। मिथिला क्षेत्र की महिलाएं टेक्सटाइल के क्षेत्र में अपना करियर निखार सकती हैं और अर्थव्यवस्था के मजबूती में अपना योगदान दे सकती हैं। मिथिला पेंटिंग, सिक्की कला आदि टेक्सटाइल के ज्यादा से ज्यादा प्रमोशन की जरूरत है ताकि इसकी बिक्री बढ़े और जब इसकी बिक्री बढ़ेगी तो मार्केट प्रतियोगी होगी और इस क्षेत्र में पैसा आएगा और जब पैसा आएगा तो टेक्नोलॉजी को अपडेट किया जाएगा। जिससे इस टेक्सटाइल क्षेत्र में लोग स्टार्टअप करने की हिम्मत दिखाएंगे।

द्वितीय टेक्निकल सत्र की रिसोर्स पर्सन सीसीएस हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार की डॉ० मोना वर्मा ने अपने व्याख्यान में कही कि क्षेत्रीय वस्त्रकला द्वारा रोजगार सृजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वस्त्र परिसज्जा उपभोक्ता के मांग के अनुरूप होनी चाहिये। नीमा इंस्टीट्यूट ऑफ मिथिला आर्ट्स दरभंगा के निदेशक एवं प्रशिक्षक नीमा झा व पंकज कुमार ने कहा कि किसी भी कला की शुरुआत अपने घर से होनी चाहिये। सबसे पहले उसे आप खुद प्रयोग करें जिससे कि समाज को उसके फायदा के बारे में रूबरू होने का मौका मिले। इससे क्षेत्रीय स्तर पर इसका विपणन में वृद्धि स्वतः ही हो जाएगा। संचालन सचिव के रूप में विभागीय शिक्षिका डॉ० अपराजिता कुमारी के द्वारा इस सेमिनार के मुख्य थीम पर प्रजेंटेशन दिया गया तथा सफल संचालन किया गया।

गांधी की प्रतिमा पर प्रतिकुलपति ने किया पुष्पांजलि अर्पित

दरभंगा : शहीद दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय के गांधी सदन स्थित गांधी जी की प्रतिमा पर प्रतिकुलपति प्रो० डॉली सिंहा ने पुष्पांजलि अर्पित किया।

इस अवसर पर संकायाध्यक्ष विज्ञान प्रो० रतन कुमार चौधरी, अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ० ए. के.झा ,कुलसचिव डॉ० मुस्ताक अहमद, निदेशक डब्लू आइ टी डॉ यू. के.दास,निदेशक सूचना विज्ञान संस्थान प्रो. डी. के.झा, निदेशक दूरस्थ शिक्षा निदेशालय प्रो. ए. के. मेहता, परीक्षा नियंत्रक डॉ एस.एन.राय,उप परीक्षा नियंत्रक डॉ० ए.एम.मिश्र, सी.सी.डी.सी, डॉ० एस. कुमार, एन.एस.एस.पदाधिकारी डॉ० बी.बैठा एवं डॉ ए.पी. गुप्ता, पेंशन पदाधिकारी डॉ एस. पासवान, उपकुलसचिव प्रथम डॉ के.पासवान सहित बड़ी संख्या में शिक्षक तथा कर्मचारीगण उपस्थित थे।

मुरारी ठाकुर की रिपोर्ट

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