गांधी जी की पूरी जीवन यात्रा प्रयोगों की अविरल धारा – विजय कुमार सिन्हा

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Vidhan Sabha speaker Vijay Kumar Sinha (file photo)

पटना : मोहनदास करमचंद गांधी यानी महात्‍मा गांधी की पुण्यतिथि है। 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में गांधीजी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं उनके पुण्यतिथि पर बिहार के विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित किया।

वहीं इसके बाद विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यह दिन गांधीजी के अनुकरणीय जीवन को याद करने और अपनाने का संकल्प लेने का दिन है। गीता में कर्म से ही व्यक्ति का परिचय बताया गया है । गाँधीजी ने गीता के इस मूल वाक्य को याद रखा और अपने आचरण को उस उंचाई तक पहुंचाया जहां जाकर वे एक साधारण आदमी न रहकर महात्मा हो गये, एक व्यक्ति नहीं बल्कि विचारधारा बन गये ।

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आज वैश्विक सद्भावना का मामला जहाँ भी आता है वहां महात्मा गाँधी प्रासंगिक हो उठते हैं । महात्मा गाँधी ने ऐसा कोई उपदेश नहीं दिया जिसे उन्होंने स्वयं अपने पर लागू नहीं किया और यही कारण रहा कि लोग उनकी बातों को न सिर्फ सुनते रहे बल्कि उसे अपने आचरण में समाविष्ट करते रहे । उनकी बातों को सुनकर पूरा देश अंग्रेजों के खिलाफ उठ खड़ा हुआ और परिणाम है कि आज हमलोग स्वतंत्र जीवन जी रहे हैं ।

भौतिक संसार में रहकर भी संन्यासी बने रहे

इसके आगे उन्होंने कहा कि गांधीजी की पूरी जीवन यात्रा प्रयोगों की अविरल धारा के समान है । गांधीजी ने सत्य और अहिंसा का जो अद्भुत प्रयोग अपने साथ किया उसके बारे में उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये दोनों उनके आविष्कार नहीं वरन् ये शाश्वत मूल्य तभी से विद्यमान हैं जब से प्रकृति अस्तित्व में आयी है। इन दो मूल्यों को अपना कर ही गांधीजी भौतिक संसार में रहकर भी संन्यासी बने रहे ।

गाँधीजी के प्रति श्रद्धा का यह चरम ही है कि पूरे देश ने उन्हें बापू कह कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की । कोई औपचारिक घोषणा नहीं होने के बावजूद गांधीजी को राष्ट्रपिता का पद इस देश ने प्रदान किया ।महात्मा गांधी का बिहार से गहरा लगाव था क्योंकि चंपारण सत्याग्रह से ही वे महात्मा बनने की ओर अग्रसर हुए ।

साथ ही विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर मैं उन्हें अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और उनके बताये रास्तों पर चलने का प्रयास करने हेतु बिहार समेत पूरे देश की जनता का आह्वान करता हूँ ।

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