नागरिकों के कर्तव्यभाव से नक्सलवाद की कमर टूटी- पीएम मोदी

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दिल्ली : नेशनल कैडेट कॉर्प्स के कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया में जिन भी देशों में समाज जीवन में अनुशासन होता है, ऐसे देश सभी क्षेत्रों में अपना परचम लहराते हैं। और भारत में समाज जीवन में अनुशासन लाने की ये बहुत अहम भूमिका NCC बखूबी निभा सकती है और आपमें भी ये संस्कार, जीवन पर्यंत रहना चाहिए। NCC के बाद भी अनुशासन की ये भावना आपके साथ रहनी चाहिए। इतना ही नहीं, आप अपने आसपास के लोगों को भी निरंतर इसके लिए प्रेरित करेंगे तो भारत का समाज इससे मजबूत होगा, देश मजबूत होगा।

NCC के कार्यों की सराहना

पीएम ने कहा कि दु शौर्य और सेवा भाव की भारतीय पंरपरा को जहां बढ़ाया जा रहा है- वहां NCC कैडेट्स नजर आता है। जहां संविधान के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने का अभियान चल रहा हो- वहां भी NCC कैडेट्स दिखते हैं। पर्यावरण को लेकर कुछ अच्छा काम हो रहा हो, जल संरक्षण या स्वच्छता से जुड़ा कोई अभियान हो, तो वहां NCC कैडेट्स जरूर नजर आते हैं। संकट के समय में आप सभी जिस अद्भुत तरीके से संगठित काम करते हैं, उसके उदाहरण बाकी जगह पर बहुत कम देखने को मिलते हैं। बाढ़ हो या दूसरी आपदा, बीते वर्ष NCC के कैडेट्स ने मुश्किल में फंसे देशवासियों की राहत और बचाव में सहायता की है। कोरोना के इस पूरे कालखंड में लाखों-लाख कैडेट्स ने देशभर में जिस प्रकार प्रशासन के साथ मिलकर, समाज के साथ मिलकर जिस तरह काम किया है, वो प्रशंसनीय है। हमारे संविधान में जिन नागरिक कर्तव्यों की बात कही गई है, जिनकी हमसे अपेक्षा की गई है, वो निभाना सभी का दायित्व है।

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हम सभी इसके साक्षी हैं कि जब सिविल सोसायटी, स्थानीय नागरिक अपने कर्तव्यों पर बल देते हैं, तब बड़ी से बड़ी चुनौतियों को भी हल किया जा सकता है। जैसे आप भी भली-भांति जानते हैं कि हमारे देश में एक समय में नक्सलवाद-माओवाद कितनी बड़ी समस्या थी। देश के सैकड़ों जिले इससे प्रभावित थे। लेकिन स्थानीय नागरिकों का कर्तव्यभाव और हमारे सुरक्षाबलों का शौर्य साथ आया, तो नक्सलवाद की कमर टूटनी शुरू हो गई। अब देश के कुछ गिनती के जिलों में ही नक्सलवाद सिमटकर रह गया है। अब देश में न सिर्फ नक्सली हिंसा बहुत कम हुई है, बल्कि अनेकों युवा हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास के कार्यों से जुड़ने लगे हैं। एक नागरिक के तौर पर अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देने का प्रभाव हमने इस कोरोना काल में भी देखा है। जब देश के लोग एकजुट हुए, अपना दायित्व निभाया, तो देश कोरोना का अच्छी तरह मुकाबला भी कर पाया।

अवसर आत्मनिर्भर बनने का

ये कालखंड चुनौतीपूर्ण तो रहा, पर ये अपने साथ अवसर भी लाया। अवसर- चुनौतियों से निपटने का, विजयी बनने का, अवसर – देश के लिए कुछ कर गुजरने का, अवसर – देश की क्षमताएं बढाने का, अवसर आत्मनिर्भर बनने का, अवसर- साधारण से असाधारण, असाधारण से सर्वश्रेष्ठ बनने का। इन सब लक्ष्यों की प्राप्ति में भारत की युवा शक्ति की भूमिका और युवा शक्ति का योगदान सबसे महत्त्वपूर्ण है। आप सभी के भीतर भी मैं एक राष्ट्र सेवक के साथ ही एक राष्ट्र रक्षक भी देखता हूं। इसलिए सरकार ने विशेष प्रयास किया है कि NCC की भूमिका का और विस्तार किया जाए। देश के सीमावर्ती और समुद्री किनारों की रक्षा और सुरक्षा से जुड़े नेटवर्क को सशक्त करने के लिए NCC की भागीदारी को बढ़ाया जा रहा है।

राष्ट्र भक्ति और राष्ट्रसेवा के जिन मूल्यों को लेकर आप चले हैं, उनके लिए ये साल बहुत महत्वपूर्ण है। इस वर्ष भारत अपनी आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाला है। ये वर्ष नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जन्मजयंती का भी है। जीवन में प्रेरणा के इतने बड़े अवसर एक साथ आएं, ऐसा कम ही होता है। नेताजी सुभाष, जिन्होंने अपने पराक्रम से दुनिया की सबसे मजबूत सत्ता को हिला कर रख दिया था। आप नेताजी के बारे में जितना पढ़ेंगे, उतना ही आपको लगेगा कि कोई भी चुनौती इतनी बड़ी नहीं होती कि आपके हौसले को डिगा सके। देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देने वाले ऐसे अनेक वीर आपको, अपने सपनों का भारत बनाते हुए देखना चाहते हैं। और आपके जीवन के अगले 25-26 साल बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये 25-26 साल भारत के लिए भी उतने ही अहम हैं।

पूरा करना है आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को

वर्ष 2047 में जब देश अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब आपके आज के प्रयास, भारत की इस यात्रा को मजबूती देंगे। यानि ये वर्ष एक कैटेड के रूप में और नागरिक के रूप में भी नए संकल्प लेने का वर्ष है। देश के लिए संकल्‍प लेने का वर्ष है। देश के लिए नए सपने लेकर के चल पड़ने का वर्ष है। बीते साल में बड़े-बड़े संकटों का जिस सामूहिक शक्ति से, एक राष्ट्र, एक मन से हमने सामना किया, उसी भावना को हमें और सशक्त करना है। हमें देश की अर्थव्यवस्था पर इस महामारी के जो दुष्‍प्रभाव पड़े हैं, उसको भी पूरी तरह नेस्‍तनाबूद करना है। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी हमें पूरा करके दिखाना है।

हर चुनौती से निपटने को तैयार है भारत

बीते साल भारत ने दिखाया है कि वायरस (Virus) हो या बॉर्डर (Border) की चुनौती, भारत अपनी रक्षा के लिए पूरी मज़बूती से हर कदम उठाने में सक्षम है। वैक्सीन (Vaccine) का सुरक्षा कवच हो या फिर भारत को चुनौती देने वालों के इरादों को आधुनिक मिसाइलों से ध्वस्त करना, भारत हर मोर्चे पर समर्थ है। आज हम वैक्सीन (Vaccine) के मामले में भी आत्मनिर्भर हैं और अपनी सेना के आधुनिकीकरण के लिए उतनी ही तेजी से प्रयास कर रहे हैं। भारत की सभी सेनाएं सर्वश्रेष्ठ हो, इसके लिए हर कदम उठाए जा रहे हैं। आज भारत के पास दुनिया की बेहतरीन War Machines हैं। आपने आज मीडिया में भी देखा होगा, कल ही भारत में, फ्रांस से तीन और रफाएल फाइटर प्लेन आए हैं। भारत के इन फाइटर प्लेन्स ही मिड-एयर ही री-फ्यूलिंग हुई है। और ये री-फ्यूलिंग, भारत के मित्र युनाइटेड अरब अमीरात ने की है और इसमें ग्रीस और सउदी अरब ने सहयोग किया है। ये भारत के खाड़ी देशों के साथ मजबूत होते संबंधों की एक तस्वीर भी है।

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