रहीम का दोहा लिख क्या ज्ञान बांट रहे तेजप्रताप? बालिग थे, फिर क्यों की शादी?

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पटना : राबड़ी समेत समूचे लालू कुनबे द्वार मामला सुलझा लेने संबंधी दावों के बावजूद उनके पुत्र तेजप्रताप लगातार अपनी पत्नी ऐश्वर्या को टेंशन दे रहे हैं। तलाक लेने के लिए कोर्ट में गुहार लगा चुके तेज प्रताप ने आज एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने रहीम का दोहा लिखा—’ …टूटे से फिर ना जुटे, जुटे गांठ परि जाये’। इस दोहे से स्पष्ट है कि वह किसी भी तरह अपने फैसले से पीछे आने के मूड में नहीं। यानी लालू कुनबे पर एक मासूम लड़की का जीवन खराब कर देने का कलंक लगाने की दिशा में ही तेजप्रताप आगे बढ़ रहे हैं। बल्कि इसे यूं समझें कि ऐसा करने की उन्होंने ठान ली है।
हाल में राबड़ी देवी और तेजस्वी ने उनसे बात की थी। इसमें लालू की बिगड़ती तबीयत की भी तेजप्रताप को जानकारी दी गई। मां और भाई से बात के बाद मीडिया में यह खबर चली कि आज यानी कार्तिक पूर्णिमा के बाद वे पटना लौट आयेंगे। लेकिन तेजप्रताप के आज के ट्वीट से ऐसा होता नहीं दिख रहा। उनकी एक ही लाइन है कि ‘जबतक मेरे फैसले से सारे परिवार वाले सहमत नहीं होते, मैं घर कैसे लौट सकता हूं’।

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आइए जानते हैं कि क्या अर्थ है रहीम दास के दोहे का

रहीम दास का दोहा इस प्रकार है, ‘रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय, टूटे से फिर ना जुरे, जुरे गांठ परी जाय’। इसका मतलब है कि प्रेम का रिश्ता एक नाजुक डोर की तरह होती है। इसे एक झटके में नहीं तोड़ देना चाहिए। यदि प्रेम की यह डोर एक बार टूट जाती है तो फिर इसे जोड़ना कठिन होता है। यदि जोड़ा भी जाए तो इसमें गांठ पड़ जाती है। मालूम हो कि तेजप्रताप ने तलाक की अर्जी में ऐश्वर्या के साथ संबंधों में सामंजस्य नहीं होने को वजह बताते हुए तलाक मांगा है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह कृष्ण हैं, लेकिन उनकी पत्नी ऐश्वर्या राधा नहीं।

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