Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured देश-विदेश बिहार अपडेट लखीसराय

रूकिए… बड़हिया है, ट्रेनों के ठहराव को ले हजारों लोग अनशन पर

देश में किसान आंदोलन के अलावे बिहार में एक और आंदोलन चल रहा है, यह आंदोलन वैसे गांव में जारी है, जिसका इतिहास है कि उस गांव अथवा उस क्षेत्र के लोग अपने अधिकार को प्राप्त करने के लिए खून बहाने से कभी समझौता नहीं किया है। लेकिन, इस बार उस गांव तथा उस क्षेत्र के लोग अपना अधिकार पाने के लिए अहिंसक होकर क्षेत्रवासियों के हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं।

दरअसल, नई दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेलखंड पर स्थित बड़हिया रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव को लेकर पिछले 5 दिनों से आस-पास के दर्जनों गांव के हजारों लोगों द्वारा आमरण अनशन जारी है। इस क्रम में बीते दिन आंदोलकारियों ने रेल मंत्री, रेल प्रशासन व जिला प्रशासन के विरूद्ध मशाल जुलूस भी निकाला था। जिसमें महिलाएं समेत हजारों लोग शामिल हुए थे। वहीं, गुरुवार को दोपहर लखीसराय जिलाधिकारी व एसपी आमरण स्थल पर पहुंचकर लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।

धरनास्थल पर डीएम व एसपी

खूनी इतिहास है ट्रेन के ठहराव को लेकर

क्षेत्र के बुजुर्ग बताते हैं कि छह दशक पहले तूफान एक्सप्रेस के ठहराव को लेकर लखीसराय वासियों ने वर्ष 1975 में आंदोलन कर रहे थे, लेकिन रेल प्रशासन मानने के लिए तैयार नहीं हुआ। इसके बाद लोग पटरी पर बैठ कर आंदोलन करने लगे थे, लेकिन तेज रफ्तार ट्रेन ने तकरीबन 4 लोगों की जान ले ली थी। वहीं, ग्रामीणों के इस बलिदान के बाद रेल प्रशासन को ग्रामीणों के सामने झुकना पड़ा और ट्रेन का ठहराव देना पड़ा था। लेकिन, वर्तमान परिदृश्य में ग्रामीणों द्वारा गांधीवादी तरीके से ट्रेन के ठहराव को लेकर अनशन करना अपने आप में एक बहुत बड़ी मिसाल है।

150 साल पुराना स्टेशन, 60 से ज्यादा गांव

बता दें कि लखीसराय जिलांतर्गत बड़हिया रेलवे स्टेशन करीब 150 साल पुराना है। लखीसराय जिले के 60 गावों के 4 लाख से अधिक लोगों के मुख्य शहरों से जोड़ने का एकमात्र रेलवे स्टेशन है। लेकिन, कोरोना संक्रमण के दौरान यहां रुकने वाली प्रमुख ट्रेनों का स्टॉपेज हटा दिया गया। इसके बाद ग्रामीणों द्वारा जनवरी के पहले सप्ताह में ही रेलवे के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर यह सूचना दी गई थी कि यदि 16 जनवरी से कोरोना संक्रमण के दौरान हटाये गए ट्रेनों का ठहराव वापस से नहीं किया जाता है तो आमरण अनशन किया जाएगा।

वहीं, इस पत्र को लेकर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने रेलवे महाप्रबंधक, रेल प्रबंधक पूर्व मध्य रेल दानापुर, मंडल रेल प्रबंधक पूर्व रेल मालदा को इसकी सूचना पत्रांक 02/01/ 2021 के माध्यम से पत्र लिखकर इसकी सूचना दे दी थी। इस सूचना के आधार पर रेलवे के एसडीआरएम विभूति बी गुप्ता ने पत्र जारी कर बताया कि 3 जनवरी 2021 पत्रांक 510 के माध्यम से रेलवे बोर्ड को इसकी सूचना दे दी गई है।

बड़हिया की पुकार सुनने वाला कोई नहीं

आंदोलकारी ग्रामीण कहते हैं केंद्रीय पशु पालन मंत्री गिरिराज सिंह का गृह क्षेत्र, जदयू के कद्दावर नेता ललन सिंह का संसदीय क्षेत्र, इसके अलावा बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का विधानसभा क्षेत्र होने के बावजूद बड़हिया तथा बड़हिया रेलवे स्टेशन अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहा है। क्योंकि, ये लोग तो चमचमाती एसूयवी से क्षेत्र आते हैं, इन्हें ट्रेन के ठहराव से ज्यादा मतलब क्यों रहेगा? अगर ट्रेन से सफर करते तब इन्हें ठहराव होने और न होने का जरुरत महसूस होता।

मशाल जुलूस निकालते ग्रामीण