पूस के महीने में फाल्गुन जैसी गर्मी, फसल व जनजीवन के लिए नहीं हैं अच्छे संकेत

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नवादा : आम तौर पर जनवरी का महीना कंपकपाती भीषण ठंड व कोहरे के लिए जाना जाता रहा है। हर साल ऐसी खबरें आती रही हैं कि ठंड ने इतने साल का रिकार्ड तोड़ा, ठंड से हुई मौत, लेकिन इस बार माहौल बदला-बदला सा दिखाई दे रहा है।

इस मौसम में ठंड से बचने के लिए जहां ग्रामीण क्षेत्रों में बोरसी,अलाव व रजाई ,कम्बल के साथ साथ हीटर का सहारा लेना पड़ता था वहीं अब रजाई बर्दाश्त नहीं हो रही है। दिन का तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के करीब जबकि रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है।

swatva

मौसम में आया यह बदलाव जनजीवन के लिए अच्छा संकेत नहीं ही न ही फसलों के लिए अनुकूल है और नहीं ग्लोबल वार्मिंग के लिए नजरिए से बेहतर साबित होगा। कुल मिलाकर यह सुखाड़ व अकाल का संकेत है। वैसे भी 15 जनवरी के बाद सूर्य के उतरायण होते ही ठंड में कमी आ जाएगी। कारण कि अगले सप्ताह सूर्य के मकर रेखा में प्रवेश करने के बाद तपीश बढ़ने लगेगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि हाड़ कंपा देने वाली सर्दी भी इस बार पड़ने के आसार नहीं हैं। जिसका असर जनजीवन के साथ फसलों पर पङना तय माना जा रहा है।

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