रांची : गुजरात एटीएस की एक टीम ने शनिवार को दाऊद के सहयोगी अब्दुल मजीद कुट्टी को झारखंड से गिरफ्तार किया। बताया जाता है कि दाऊद के सहयोगी कुट्टी की तलाश पुलिस 24 सालों से कर रही थी।
सूत्रों के मुताबिक अब्दुल की गिरफ्तारी को लेकर गुजरात एटीएस की टीम बगैर किसी को सूचित किये बिहार और झारखंड में अब्दुल को ढूंढ रही थी। क्योंकि, इसकी पहुंच बड़े अधिकारियों और नेताओं तक थी। इसलिए समय रहते इसको गिरफ्तार होने की जानकारी मिल जाती थी और यह अपना ठिकाना बदल लेता था।
अब्दुल मजीद कुट्टी 1997 में गणतंत्र दिवस पर गुजरात और महाराष्ट्र में बम विस्फोट करने के लिए एक पाकिस्तानी एजेंसी के इशारे पर दाऊद इब्राहिम द्वारा भेजे गए विस्फोटकों से संबंधित एक मामले में शामिल था।
अब्दुल मजीद कुट्टी को लेकर कहा जाता है कि यह पूरे देश में स्लीपर सेल को बैकअप देता था। साथ ही अब्दुल माजिद 2013 में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में हुए विस्फोट का संदिग्ध है। इसके साथ ही अब्दुल बोधगया विस्फोट, दरभंगा मॉड्यूल से तार जुड़े होने की बात आई है।
ऐसे हुई थी एजाज लकड़ावाला की गिरफ्तारी
बता दें कि इससे पहले जनवरी 2020 में डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी एजाज लकड़ावाला को मुंबई पुलिस ने बिहार की राजधानी पटना से गिरफ्तर किया था। लकड़ावाला नेपाल के रास्ते पटना पहुंचा था। यहां जक्कनपुर पुलिस की मदद से मुंबई पुलिस ने उसे धर दबोचा था।
20 वर्षों से फरार लकड़ावाला मुंबई के टॉप गैंगस्टरों में शामिल था और उसपर 25 से अधिक मामले दर्ज हैं।
एजाज की गिरफ्तारी को लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे ने बताया था कि उन्हाेंने बिहार एसटीएफ के सहयोग से पटना में लकड़ावाला को गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस उसे लेकर मुंबई पहुंची। लकड़ावाला पर कई मामले दर्ज हैं जिसमें हत्या, फिरौती और जबरन वसूली के कई केस शामिल हैं।
उगाही और देश विरोधी अन्य मामलों की जांच के क्रम में मुंबई पुलिस ने लकड़ावाला की बेटी को गिरफ्तार किया था। एजाज की बेटी से पूछताछ के बाद पुलिस को काफी सूचनाएं मिली। इसी दौरान पता चला कि एजाज लकड़ावा 8 जनवरी को पटना आ रहा है। इसके बाद पटना पुलिस की मदद से एजाज को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस से बचने के लिए लकड़ावाला यूएस, मलेशिया, यूके, नेपाल भी रह चुका है।