पटना : विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को बहुमत नहीं मिलने को लेकर राजद नेताओं द्वारा सारा दोष महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस पर मढ़ा जा रहा है। राजद के कई नेता खुलेआम कह रहे हैं कि आज महागठबंधन सत्ता से दूर है तो इसके पीछे सिर्फ व सिर्फ कांग्रेस जिम्मेदार है।
इसको लेकर राजद विधायक चेतन आनंद ने कहा था कि कांग्रेस को जितनी सीटें मिलीं, उस अनुसार पार्टी को और सीटें जितनी चाहिए थी। चुनाव में सबको सबका सहयोग मिला, लेकिन कांग्रेस और ज्यादा सीटें जीत सकती थी। आनंद ने कहा कि चुनाव में तेजस्वी यादव की हार नहीं जीत हुई है। जनता ने हमे मैनडेट दिया है।
वहीं, राजद द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों का जवाब देते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी रिसर्च एवं मैनिफेस्टो कमिटी के चेयरमैन तथा मीडिया समन्वयक आनंद माधव ने कहा कि राजद को सबसे पहले शिवानंद तिवारी को पार्टी से बाहर निकलना चाहिए। साथ ही कांग्रेस नेता ने राजद नेताओं को लेकर कहा कि वे लोग जिस डाल पर बैठे हैं, उसे ही काट रहे हैं। बड़बोले नेताओं अनाप-शनाप बयान देकर महागठबंधन को कमज़ोर न करें।
राजद को सबसे बड़ी पार्टी बनने को लेकर कांग्रेस नेता आनंद माधव ने कहा कि कई सीटें ऐसी है, जहां राजद और जदयू के बीच जीत का अन्तर काफ़ी कम है। अगर, लोजपा इन सीटों पर खड़ी नहीं होती तो हालात पहले जैसे ही होते और राजद को भी 25-30 सीटें मिलती। कांग्रेस नेता के बयानों को सरल भाषा में समझें तो उन्होंने राजद को बड़ी सफलता का जिम्मेदार लोजपा को बताया।
विदित हो कि विधानसभा चुनाव में जदयू को कम सीटें मिलने को लेकर कुछ भाजपा नेता के साथ-साथ जदयू के तमाम नेता लोजपा को जिम्मेदार मानते हैं। उनका कहना है कि अगर लोजपा अकेले चुनाव नहीं लड़ती तो स्थिति कुछ और होती।