प्राचीन चिकित्सा पद्धति है आयुष चिकित्सा- सांसद अशोक यादव
मधुबनी : आयुष विधि से उपचार एवं रोकथाम के विभिन्न रोगों को के बारे में जागरूकता के लिए जिले का पंडोल प्रखंड के लोहट चीनी मिल के प्रांगण में आयुष मंत्रालय के तत्वाधान में लोगों को आयुर्वेद के प्रति जागरूक करने को लेकर महा शिविर का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन स्थानीय मधुबनी के सांसद डॉ अशोक कुमार यादव ने किया। सांसद अशोक कुमार यादव ने बताया आयुष चिकित्सा काफी प्राचीन चिकित्सा पद्धति है वर्तमान समय में लोग इस पद्धति को भूलते जा रहे हैं परंतु आयुष मंत्रालय के प्रयास से इस पर पुनः कार्य किया जा रहा है जिले के लिए गर्व की बात है कि राज्य में 7 जिलों का चयन आयुष ग्राम के लिए किया गया है।
जिसमें मधुबनी जिला भी है मधुबनी जिले के 2 ग्राम को आयुष मंत्रालय ने गोद लिया कहां आयुर्वेदिक खेती के साथ-साथ लोगों को आयुष पद्धति से उपचार किया जाएगा. कार्यक्रम स्थल पर शिक्षा विभाग आईसीडीएस,आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति, यूनानी चिकित्सा, होम्योपैथिक चिकित्सा , कृषि विभाग, तथा सहयोगी संस्था के केयर इंडिया यूनिसेफ डब्ल्यूएचओ तथा एनजीओ के स्टाल लगाए गए थे।
जहां लोगों को आयुष चिकित्सा के प्रति जागरूक तथा उपचार किया गया। राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक डॉक्टर अजीत कुमार सिंह ने बताया जिले के दो प्रखंड को आदर्श आयुष ग्राम के लिए चयनित किया गया है जिसमें कैंप लगाकर आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक तथा योगा पद्धति से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जिला देसी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर हरेंद्र कुमार लाल दास ने बताया 19 दिसंबर को पंडौल प्रखंड हेलो हर चीनी मिल के मैदान में स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है, तथा पटवारा में 21 दिसंबर को शिविर लगाया जाएगा।
क्या है आयुष ग्राम योजना :
जिला देसी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर हरेंद्र कुमार लाल दास ने बताया आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आम जनता को आयुष चिकित्सा सेवाएं सहज रूप से उपलब्ध करवाए जाने एवं उनके आधार पर स्वास्थ्य सूचकांकों के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से आयुषग्राम योजना ”आयुष मिशन” के तहत प्रारंभ की है।
इस योजना के तहत 5 गांव के लगभग 10,000 जनसंख्या को शामिल किया गया है। आयुर्वेदिक भारतीय चिकित्सा प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिनमें स्वस्थ जीवन-यापन रोगों की रोकथाम तथा उपचार के लिए अथाह भंडार है। आयुष चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेदिक, योग, यूनानी, होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धतियों का समावेश है। इस योजना से ग्राम वासियों के स्वास्थ्य का स्तर सुधरेगा जिसके फलस्वरूप उनका जीवन स्तर भी सुधरेगा।
आयुष ग्राम योजना के उद्देश्य :
आयुष ग्राम योजना के तहत संचारी रोग रोग तथा गैर संचारी रोग से बचाव तथा उपचार आयुष विधि से किया जाएगा। जिसमे हेपेटाइटिस बी, सी, मलेरिया, डेंगू, ट्यूबरक्लोसिस, एचआईवी, कोविड-19, चिकनगुनिया, वायरस, इनफ्लुएंजा एवं गैर संचारी रोग जैसे डायबिटीज, एनीमिया, मानसिक तनाव, ब्लड प्रेशर, थायराइड आदि बीमारियों का इलाज, रोकथाम एवं उपचार करना है साथ ही रोकथाम के और उपचार के लिए उपाय बताना है।
कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए इन विभागों का लगाया गया स्टॉल :
कार्यक्रम को सफल संचालन के लिए आयुष विभाग के अतिरिक्त चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, वन विभाग, आईसीडीएस एवं एनजीओ का स्टॉल लगाया गया। जिसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य योजनाओं की प्रदर्शनी तथा जानकारी दी गई शिक्षा विभाग सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों के छात्र छात्राओं को शिविर में स्वास्थ्य प्रदर्शनी का अवलोकन तथा स्वास्थ्य जानकारी उपलब्ध कराया गया, कृषि विभाग औषधीय पादपों के कृषि से संबंधित जानकारियां लोगों को दिया।
वन विभाग औषधीय वनस्पति की प्रदर्शनी तथा वनस्पतियों के बारे में जानकारी दिया। आईसीडीएस विभाग महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य पोषण संबंधी प्रदर्शनी एवं जानकारी दिया गया। मौके पर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के मधुबनी सांसद डॉ अशोक कुमार यादव, भाजपा जिला अध्यक्ष शंकर झा, देवेंद्र यादव, जिला समन्वयक डॉ. कमलेश शर्मा ट्रेनर डॉ. रमेश पासवान, डॉ. सुजीत पासवान आदि उपस्थित थे।