सुल्तानगंज : बिहार में महागठबंधन की एकजुटता पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। बिहार महागठबंधन में कई ऐसे मौके आए हैं जब यह देखा गया कि महागठबंधन के सभी घटक दल एकजुट नहीं हैं। ऐसे में एक और बार जो बातें निकल के सामने आ रही है उसके अनुसार यह कयास लगाया जा रहा है कि बिहार महागठबंधन में कांग्रेस और राजद के बीच कुछ अनबन की स्थिति है।
दरअसल बिहार कांग्रेस के नेताओं के बारे में बताया जा रहा है कि यह चाहते हैं कि उनको लालू प्रसाद यादव और राजद के चेहरे से छुटकारा मिले। लेकिन ये लोग पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के दवाव अथवा नीतिगत निर्णय के कारण राजद के आगे घुटने टेकने के लिए विवश है। इसका कुछ ना कुछ परछाई विधानसभा चुनाव के दौरान भी देखने को मिली है।
वहीं विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद कांग्रेस के नेतागण को राजद और महागठबन्धन के नेता तेजस्वी यादव को हजम करने मे भारी कठिनाई हो रही है। इसका एक प्रमुख कारण कांग्रेस पार्टी के नेतागण बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी के अंदर नीचने तबके के लोगों की अनदेखी हो रही है।
राजद द्वारा कांग्रेस की अनदेखी की गई
कांग्रेस पार्टी के द्वारा यह आरोप लगाया जाता रहा है कि राजद द्वारा कांग्रेस की अनदेखी की गई है चाहे बात बिहार चुनाव में आपसी सामंजस्य स्थापित करने की हो या टिकट बंटवारे की, या फिर चुनाव प्रचार की हो हर जगह कांग्रेस की अनदेखी की गई है।
इसका साक्षात उदाहरण वर्तमान में पूरे देश में चल रहे नए कृषि कानून पर किसान आंदोलन के दौरान भी देखने को मिली है। कांग्रेस के नेतायों ने कहा कि हर मौके पर महागठबंधन में दरार साफ दिखाई पड़ी है।
वहीं कांग्रेस पार्टी के बिहार युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि बिहार में किसानों के नाम पर जो आंदोलन हो रहा है, वह अभी तक सिर्फ दिखावे जैसा ही है। दरसअल किसान आंदोलन में महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस पार्टी ने इशारों ही इशारों में आरजेडी और तेजस्वी यादव के रवैये के ऊपर सवाल खड़ा कर दिया है।
किसी भी आंदोलन में फिजिकली और डेमोस्टिवली हर जगह नजर आना होगा
कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता ललन कुमार ने बातों बातों में उन्होंने तेजस्वी यादव पर कहा कि हमें किसी भी आंदोलन में फिजिकली और डेमोस्टिवली हर जगह नजर आना होगा।अब टेकिनिज्म नहीं चलेगा।यदि महागठबंधन के नेता सही मायनों में आंदोलन करना चाहते हैं, तो बैठकर एक ठोस रणनीति बनानी होगी और सभी बड़े नेताओं को फिजिकली इस आंदोलन का हिस्सा बनना होगा।
वहीं कांग्रेस के इन आरोपों को राजद ने सिरे से खारिज कर दिया है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि किसानों की लड़ाई में राजद मजबूती से खड़ा है। सहयोगी दल के किसी एक नेता ने यदि कोई आरोप लगाया है तो यह बेबुनियाद है।
बिहार बंद के दौरान दिखाई पड़ी महागठबंधन की एकजुटता
उन्होनें कहा कि बिहार बंद के दौरान भी महागठबंधन की एकजुटता साफ दिखाई पड़ी है। महागठबंधन के सभी घटक दलों के प्रदेश अध्यक्ष भारत बंद में मजबूती से शामिल हुए। बड़ी पार्टी होने के नाते राजद अपने सभी सहयोगी दलों से मंथन करके ही फैसला लेता है। यह कोई जरूरी नहीं कि हर कार्यक्रम में तेजस्वी यादव मौजूद हों। वैसे भी किसान आंदोलन का केंद्र बिंदु दिल्ली में है और तेजस्वी यादव भी दिल्ली में रहकर आंदोलन को मजबूती प्रदान कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों को यह नहीं दिख रहा है। वह लोग सिर्फ यह दिखाने में लगे हैं कि तेजस्वी बिहार से बाहर हैं और आंदोलन में जमीन छोड़ टेबल पर बैठते हैं।