पटना : बिहार की राजधानी पटना स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने फर्जी मेडिकल बिल के आधार पर धोखाधड़ी और जालसाजी कर लाखों रुपये का घोटाला करने के मामले में दरभंगा रेडियो स्टेशन के तत्कालीन निदेशक समेत 25 लोगों को आज चार वर्ष तक के कठोर कारावास के साथ ही एक लाख चार हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
विशेष न्यायाधीश देवराज त्रिपाठी ने मामले में सुनवाई के बाद सभी 25 लोगों को आपराधिक षड्यंत्र के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी पद का दुरुपयोग करने का दोषी करार दिया जबकि दो लोगों को अलग से धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी पद के दुरुपयोग करने का दोषी पाया।
अदालत ने दरभंगा रेडियो स्टेशन के तत्कालीन निकासी पदाधिकारी मनींद्रनाथ विश्वास और बिल क्लर्क विष्णु प्रसाद को विशेष रूप से अलग से दोषी करार देते हुये चार-चार वर्ष के सश्रम कारावास के साथ प्रत्येक को कुल एक लाख चार हजार रुपये जुर्माना किया। वहीं, तत्कालीन रेडियो स्टेशन निदेशक विजय शंकर श्रीवास्तव समेत 23 लोगों को इस घोटाले के आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने और सरकारी पद का दुरुपयोग करने के आरोप में तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास के साथ प्रत्येक को 42 हजार रुपये का जुर्माना किया।
आरोप के अनुसार, दरभंगा रेडियो स्टेशन में कार्यरत दोषियों ने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुये वर्ष 1991 से 1995 के बीच फर्जी मेडिकल विपत्रों के आधार पर धोखाधड़ी करते तीन लाख 19 हजार 794 रुपये की निकासी की थी। इनमें से दो दोषी लक्ष्मण प्रसद और अमन खां आज न्यायालय में सशरीर उपस्थित नहीं थे। सजा सुनाने के बाद अदालत ने इन दोनों दोषियों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी करने का आदेश दिया है।
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