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10 दिसंबर : मधुबनी की मुख्य खबरें

राष्ट्रीय रसायन विज्ञान दिवस का किया जा रहा आयोजन

मधुबनी : रसायन विज्ञान विभाग एम एल एस एम् कॉलेज दरभंगा, अशोसिएशन आफ कैमिस्ट्री टीचर्स मुम्बई के संयुक्त तत्वावधान मे दिनांक १० दिसम्बर २०२० को दिन के ११ बजे से राष्ट्रीय रसायन विज्ञान दिवस का आयोजन करने जा रहा है। इस वर्ष के आयोजन का मुख्य बिन्दु है रासायनिक बंधन के सौ वर्ष। इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा की प्रति कुलपति प्रोफेसर डाली सिन्हा ।

मुख्य वक्ता होंगे आई आई टी कानपुर के पूर्व प्राचार्य एवं भारतीय विज्ञान शिक्षण एवं अनुसंधान केन्द्र,मोहाली,पंजाब के संस्थापक निदेशक प्रो एन सत्यमूर्ति जो ब्रह्माण्ड मे पहला रासायनिक बन्ध विषय पर अपना ब्याख्यान देंगे। मुख्य अतिथि होंगे विल्सन कॉलेज मुम्बई के पूर्व प्राचार्य एवं अशोसिएशन आफ कैमिस्ट्री टीचर्स, मुम्बई के संस्थापक सचिव प्रो डी भी प्रभु। अध्यक्षता करेंगे ए सी टी के अध्यक्ष माधव पी जी साइंस कॉलेज, उज्जैन, मध्य प्रदेश के रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो ब्रजेश पारे।

स्वागत भाषण करेंगे एम एल एस एम कॉलेज दरभंगा के प्रधानाचार्य प्रो विद्या नाथ झा। विषय प्रवर्तन एम एल एस एम कॉलेज दरभंगा के रसायन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष तथा आयोजन के संयोजक प्रो़ प्रेम मोहन मिश्र के द्वारा किया जाएगा। । धन्यवाद ज्ञापन ए एन कॉलेज पटना के रसायन विज्ञान विभाग के डा शुभाष प्रसाद सिंह एवं सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन कलकत्ता विश्वविद्यालय के डा अम्रृत कृष्ण मित्रा जी करेंगे । यह कार्यक्रम आन लाइन माध्यम से जूम ऐप पर संचालित होगा। रसायन विज्ञान के शिक्षक गण, शोध छात्र,स्नातकोत्तर,एवं स्नातक कक्षा के छात्र छात्राएँ सादर आमंत्रित हैं।

स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत स्नातक प्रतिष्ठा एवं स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई प्रारंभ की जाएगी

मधुबनी : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में दो दर्जन से अधिक पारंपरिक विषयों के इतर विषयों में स्ववित्तपोषित योजना अंतर्गत स्नातक प्रतिष्ठा एवं स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई प्रारंभ की जाएगी। ये विषय हैं बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी एंड वायरोलॉजी, इनभायरमेंटल साइंस, फिशरीज, फार्मोकोलॉजी, बी सी ए एम सी ए , मास कम्युनिकेशन एंड मीडिया, सोशल वर्क, बी बी ए, एम बी ए, डिसेस्टर मैनेजमेंट, मास्टर ऑफ इवेंट मैनेजमेंट, पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स इन एल एल बी , बी पी एड, एम पी एड साइंस, एम टेक इन इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एण्ड कंप्यूटर साइंस।

इस आशय का प्रस्ताव आज जुबिली हाल में कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में सर्वसम्मति लिया गया। इनके अतिरिक्त कल हुई एफिलियेशन एण्ड न्यू टीचिंग प्रोग्राम समिति द्वारा पारित विभिन्न कार्य सूचियों को अनुमोदित किया गया । पार्वती लक्ष्मी महिला कॉलेज झंझारपुर को कॉमर्स पास ऑनर्स स्तर के लिए सत्र 2021- 24, लूटन झा कॉलेज, ननौर मधुबनी को साइंस फैकल्टी के लिए सत्र 2021-24, रामनिरंजन जनता डिग्री कॉलेज रामपुर मधवापुर मधुबनी के लिए सोशल साइंस और कॉमर्स के लिए पास और प्रतिष्ठा स्तर के लिए सत्र 2021-24, बाबा विश्वनाथ केदारनाथ विमला कॉलेज रामपुर दूधपुरा समस्तीपुर के लिए सोशल साइंस, साइंस, कॉमर्स के लिए स्नातक स्तर पर पास ,ऑनर्स 2021-24 सत्र के लिए सम्बन्धन की स्वीकृति प्रदान की गई।

जी एम कॉलेज आफ फार्मेसी बेगूसराय, यमुना कॉलेज ऑफ फार्मेसी बेगूसराय तथा सरस्वती देवी राम सागर झा कालेज आफ फॉर्मेसी समस्तीपुर के लिए बी फार्मा की पढ़ाई हेतु वर्तमान सत्र से तीन सत्रों के लिए संबंधन की स्वीकृति प्रदान की गई। इन महाविद्यालयों को पी सी आई से संबंधन प्रदान की गई थी। कुल सचिव डा मुश्ताक अहमद के स्वागत भाषण के साथ बैठक की कार्यवाही आरंभ की गई । बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा की एकेडमिक विजन एक्सलेंस रिसर्च , परीक्षा एवं प्रबंधन के लिए विद्वत परिषद विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी इकाई है । लीडर रहे या ना रहे उस का सिंबल ही लीडरशिप कहलाता है । विपरीत शक्तियों से लड़ना और सिस्टम को आगे ले जाने का कार्य “बस थ्योरी” के तहत किया जाना चाहिए। पारंपरिक विषयों के अतिरिक्त प्रोफेशनल और टेक्निकल पाठ्यक्रम पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है ।

ऐसे कोर्स विकसित किए जा रहे हैं जिसमें तीन साल के पाठ्यक्रम में एक साल पूरा करने पर उसे सर्टिफिकेट कोर्स , दो साल पूरा करने पर डिप्लोमा, तथा तीन साल पूरा करने पर डिग्री प्रदान की जाएगी। उन्होंने विद्वत परिषद को संबोधित करते हुए कहा कि पहली बार रिसर्च को प्रमोट करने हेतु बजट में प्रावधान किया गया है । उन्होंने बताया कि परीक्षाओं के संचालन में अधिक समय लग जाने पर पढ़ाई के लिए दिन कम हो जाते हैं जिसे कम करने की आवश्यकता है ।उन्होंने सभी परीक्षाओं को एक साथ संचालित करने हेतु विचार करने के लिए एक समिति बनाने का निर्णय किया ।अपने संबोधन में प्रति कुलपति प्रो डोली सिन्हा ने कहा कि आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है।

शिक्षण व्यवस्था टेक्नोलॉजी आधारित होनी चाहिए। इसमें हम कहीं न कहीं पिछड़ गए हैं। कई विश्वविद्यालय नए कोर्स / प्रोग्राम लागू कर हमसे आगे चले गए हैं। उन्होंने शोध में साहित्यिक चोरी को रोकने के लिए यूजीसी के दिशा-निर्देश आधारित एक ड्राफ्ट रेगुलेशन को पारित किए जाने का प्रस्ताव विचारार्थ रखा जिसकी स्वीकृति प्रदान की गई । उन्होंने सभी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों और स्नातकोत्तर विभाग के विभागाध्यक्षों से कहा कि आने वाले दो महीने में हर महाविद्यालय/ स्नातकोत्तर विभाग कम से कम एक राष्ट्रीय और एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार करायें। कुलसचिव के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक की कार्यवाही समाप्त की गई।

वाह्य परीक्षकों के साथ दुर्व्यवहार एवं दबाव डालकर मनचाहा नंबर प्राप्त करने के आरोप

मधुबनी : वाह्य परीक्षकों के साथ दुर्व्यवहार एवं दबाव डालकर मनचाहा नंबर प्राप्त करने के आरोप में एक प्रीमियर अंगीभूत महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। आज कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई परीक्षा परिषद की बैठक में स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर 2019-21 की प्रायोगिक परीक्षा में विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य द्वारा कर्त्तब्य का निर्वहन नहीं करने के आरोप में प्रशासनिक कार्रवाई के लिए कुलपति महोदय को अधिकृत किया गया।

ज्ञात हो कि दिनांक तीन दिसंबर 2020 को विश्वविद्यालय के एक प्रीमियर अंगीभूत महाविद्यालय आर के कालेज मधुबनी में स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर प्रायोगिक परीक्षा में जन्तु विषय के विभागाध्यक्ष एवं उसी विषय के शिक्षकों की उपस्थिति में कुछ तथाकथित छात्रों एवं बाहरी छात्र नेताओं द्वारा दोनों वाह्य परीक्षकों को मनमाना अंक देने के लिए दबाव डाला गया और परीक्षकों को धमकाने के साथ साथ उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।विभाग के एक शिक्षक द्वारा मार्क्स फ्वाइल पर मनमाना अंक डालकर परीक्षकों से हस्ताक्षर करा लिया गया।

इस आशय की सूचना जब विश्वविद्यालय में कुलपति महोदय को प्राप्त हुई तो कुलपति महोदय ने इस पर संज्ञान लेते हुए परीक्षा परिषद की बैठक में इसे विचारार्थ रखा। परीक्षा परिषद ने उक्त परीक्षा को रद्द करते हुए विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभाग में उक्त पत्र की प्रायोगिक परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया तथा विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य पर अनुशासनिक कार्रवाई के लिए कुलपति महोदय को अधिकृत किया। महाविद्यालय में घटना के समय प्रधानाचार्य उपस्थित नहीं थे परन्तु दूरभाष पर उन्होंने परीक्षकों को नब्बे प्रतिशत नम्बर देने के लिए निर्देश दिया था।

इतनी बड़ी घटना की सूचना ना तो विभागाध्यक्ष ने प्रधानाचार्य को दिया और न ही प्रधानाचार्य ने विश्वविद्यालय को दिया। आज की बैठक में संबंधित विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य को विशेष रूप से बुलाकर उनका बयान लिया गया। कुलसचिव डॉ मुश्ताक अहमद ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी।

राष्ट्रीय रसायन दिवस समारोह का किया गया ऑनलाइन माध्यम से आयोजन

मधुबनी : आज दिनांक 10 दिसंबर 2020 को रसायन विज्ञान विभाग एमएलएसएम कॉलेज, दरभंगा एवं एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय रसायन दिवस समारोह का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया। इस वर्ष के मुख्य विषय था “रासायनिक बंध के 100 वर्ष” इस अवसर पर ब्रह्मांड में बना प्रथम रासायनिक बंधन विषय पर भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के संस्थापक निदेशक प्रोफेसर एन सत्यमूर्ति ने कहा कि रासायनिक बंधन का अस्तित्व ब्रह्मांड के साथ ही आया था।

रासायनिक बंधन के आधुनिक सिद्धांत एवं इसके 100 वर्षों की यात्रा की विस्तार से व्याख्या की। उन्होंने जी एम लाविस लाइनस पाउलिं मैक्स बोर्न ओपेनहीमर एवं श्रोरिंगर के योगदान की विस्तार से चर्चा की । नए रासायनिक पदार्थों के बनाने उसके गुणों के अधिकतम उपयोग करने एवं कचरे के प्रबंधन, वायुमंडलीय समस्याओं के समाधान में रासायनिक बंध के ज्ञान की भूमिका का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बैलेंस थ्योरी एवं मौलिकूलर ऑर्बिट थ्योरी की जानकारी भी दी।

समारोह का उद्घाटन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की प्रति- कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर किया ।उन्होंने अपने उद्बोधन में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के एम एल एस एम कॉलेज द्वारा इस प्रकार के आयोजन किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा आयोजन से होने वाले लाभों की चर्चा की ।उन्होंने इस संदर्भ में अमेरिका में रसायन विज्ञान सप्ताह मनाए जाने की जिक्र करते हुए भारत में इस प्रकार के आयोजनों द्वारा समाज एवं विज्ञान के बीच बंधन बनाए जाने की अपील की ।

समारोह के आरंभ में स्वागत भाषण करते हुए एम एल एस एम कॉलेज,दरभंगा के प्रधानाचार्य प्रोफेसर विद्यानाथ झा ने इस आयोजन के लिए रसायन विज्ञान विभाग एवं एसोसिएशन ऑफ केमिस्ट्री टीचर्स, मुंबई की प्रशंसा की। तथा उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया एसोसिएशन के संस्थापक सचिव प्रोफ़ेसर डी भी प्रभु ने एसोसिएशन के उद्देश्यों एवं भावी योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की एवं उसके द्वारा किए जा रहे गतिविधियों का ब्योरा प्रस्तुत किया । तथा रसायन विज्ञान के शिक्षकों को सदस्यता ग्रहण करने एवं इसके उद्देश्यों को विस्तार में सहयोग की अपील की ।

विषय प्रवर्तन करते हुए आयोजन के संयोजक एम एल एस एम कॉलेज के रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रेम मोहन मिश्र राष्ट्रीय रसायन दिवस मनाए जाने के उद्देश्यों की विस्तार से चर्चा की। संपूर्ण आयोजन को बड़े ही रोचक एवं अनुशासित रूप से संचालित किया कोलकाता के डॉक्टर अमृत मित्रा ने। धन्यवाद ज्ञापन किया ए एन कॉलेज, पटना के डॉक्टर सुभाष प्रसाद सिंह तथा अध्यक्षता की माधव साइंस पीजी कॉलेज उज्जैन के रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर ब्रजेश पारे।

इग्नू शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने की सर्वोत्तम संस्था- डा शंभू शरण

सी एम कॉलेज के इग्नू अध्ययन केंद्र के तत्वावधान में “नामांकन जागरूकता कार्यक्रम” आयोजित

इग्नू गरीबों,पिछड़ों तथा वंचितों का पारदर्शी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय- प्रो विश्वनाथ

शिक्षा हमारे व्यक्तित्व के विकास एवं सामाजिक परिवर्तन का सशक्त साधन- निदेशक

मधुबनी : इग्नू में ऑनलाइन नामांकन की अंतिम तिथि 15 दिसंबर तक,विशेष जानकारी के लिए छात्र केन्द्र पर आये- डा चौरसिया शिक्षा हमारे व्यक्तित्व के विकास एवं सामाजिक परिवर्तन का सशक्त साधन है।यह समाज को खुशहाली एवं राष्ट्र को विकास के पथ पर ले जाती है। शिक्षा हमें बंधनों से मुक्त कर जाति-वर्ग एवं धर्म-संप्रदाय के ऊपर उठाती है।यह मजबूत लोकतंत्र का भी मुख्य आधार है। शिक्षा हमें सिर उठा कर जीना सिखाती है और हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी लाती है।उक्त बातें सी एम कॉलेज के इग्नू अध्ययन केंद्र के तत्वावधान में सेमिनार हॉल में “इग्नू नामांकन जागरूकता कार्यक्रम” का मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए इग्नू क्षेत्रीय केंद्र,दरभंगा के निदेशक डा शंभू शरण सिंह ने कही।

निदेशक ने कहा कि इग्नू शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने का सर्वोत्तम माध्यम है।छात्र अपनी रुचि,क्षमता तथा संसाधनों के अनुसार ही कोर्स का चुनाव करें।पढ़ने व सीखने की कोई अवस्था नहीं होती है।हमारा लक्ष्य स्पष्ट तथा सपना बड़ा होना चाहिए। अध्यक्षीय संबोधन में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो विश्वनाथ झा ने कहा कि इग्नू गरीबों,पिछड़ों तथा वंचितों सहित सबों का पारदर्शी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय है। हमें अध्ययन-अध्यापन के प्रति हमेशा उत्सुक रहना चाहिए। जब तक हम सीखते रहते हैं, तब तक हम युवा बने रहते हैं। कभी भी हमें न तो निराश होना चाहिए और न ही हार मानना चाहिए,बल्कि हम सब शिक्षा प्राप्ति के लिए ही जिए।इग्नू हर तरह के अशिक्षा रूपी अंधकार को दूर करने में पूर्णता सक्षम है। बस जरूरत है लोगों को इससे जोड़कर उन्हें जीवन में आगे बढ़ाएं।

मुख्य वक्ता के रूप में प्रोजेक्टर के माध्यम से केंद्र में उपलब्ध सभी 34 कोर्सों के बारे में विशेष जानकारी देते हुए सहायक समन्वयक प्रो अमृत कुमार झा ने कहा कि इग्नू का पाठ्य सामग्री उच्च स्तरीय तथा अति उपयोगी है जो सरलता से उपलब्ध भी है। इन पाठ सामग्रियों का अन्य परीक्षाओं के लिए भी उपयोगिता है। इग्नू में कौशल युक्त रुचिपूर्ण एवं उपयोगी कोर्स उपलब्ध हैं जो प्रायः गैर परंपरागत और समसामयिक हैं। अध्ययन केंद्र के सहायक विन्देश्वर यादव ने केंद्र की स्थापना तथा इसकी कार्यविधि के बारे में विस्तृत जानकारी दी।ज्ञातव्य है कि सी एम कॉलेज केंद्र में स्नातक एवं स्नातकोत्तर विषयों के अतिरिक्त पर्यटन,पर्यावरण,फूड एंड न्यूट्रिशन, मानवाधिकार,चाइल्ड केयर, एनजीओ-प्रबंधन,ग्रामीण विकास,परिवार-शिक्षा, पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान,गणित अध्ययन, आपदा प्रबंधन सहित 34 कोर्स संचालित हैं।

आगत अतिथियों का स्वागत फूल-माला एवं पुष्पगुच्छ से किया गया,जबकि उपस्थित छात्रों एवं अभिभावकों को जागरूकता प्रमाण पत्र एवं कोर्स से संबंधित विस्तृत पंपलेट प्रदान किया गया। आगत अतिथियों का स्वागत एवं संचालन समन्वयक डा आर एन चौरसिया ने किया,जबकि धन्यवाद ज्ञापन पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के काउंसलर डा वीरेंद्र कुमार झा ने किया। कार्यक्रम में सहायक समन्वयक डा बासुदेव साहू,साधना कुमारी, प्रधान सहायक विपिन कुमार सिंह,उमाशंकर,सुरेश पासवान,त्रिलोकनाथ चौधरी तथा शशि कुमार सहित 50 से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे।