पटना : अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान आज आहूत भारत बंद के दौरान डाकबंगला चौराहा को भाकपा-माले, वामपंथी व अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने घंटों जाम करके रखा। इसके पूर्व स्टेशन परिसर स्थित बुद्धा स्मृति पार्क से अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर से आज का बंद आरंभ हुआ।
डाकबंगला चौरहा को बंद समर्थकों ने चारों तरफ से घेर लिया और फिर वहां एक विशाल सभा आयोजित की गई। इस दौरान बंद समर्थक तीनों काले कानून बंद वापस लो, प्रस्तावित बिजली बिल 2020 वापस लो, आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन वापस लो, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद की गारंटी करो, अंबानी-अडानी की दलाल सरकार मुर्दाबाद, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करो, मोदी सरकार होश में आओ – खेती-किसानी नीलाम करना बंद करो आदि नारे लगा रहे थे. सभा का संचालन ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने की।
डाकबंगला चौराहा पर सभा को संबोधित करते हुए विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा कि किसानों ने मोदी सरकार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है। उन्होंने दिल्ली के ऐतिहासिक किसान आंदोलन में अपनी भागीदारी का जिक्र करते हुए कहा कि किसानों ने दिल्ली पहुंचने वाले अधिकांश मार्गों को अवरूध कर दिया है। यह कंपनी राज के खिलाफ लड़ाई है।
मोदी सरकार द्वारा देश की खेती व किसानी को अंबानी-अडाणी के हाथों नीलाम कर देने के इन कानूनों को देश के किसान कभी स्वीकार नहीं करेंगे और सरकार को अपने कदम पीछे हटाने होंगे। आज किसानों के आंदोलन को समाज के सभी वर्गों का समर्थन हासिल हो रहा है और यह पूरे देश में फैल रहा है।
देश के लगभग 80 प्रतिशत सीमांत किसान जो अपने खेत पर मजदूरी भी करते हैं और खेतिहर मजदूरों का बड़ा हिस्सा बटाईदारी प्रथा के तहत खेती करता है, इन कानूनों से बुरी तरह प्रभावित होंगे और ये कानून गरीबों को कुपोषण व भुखमरी की दिशा में धकेल देंगे।
नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने पहले दमन के बल पर किसानों के आंदोलन को कुचलने की कोशिश की और अब वे तरह-तरह की अफवाह फैला रहे हैं। लेकिन अब पूरा भारत इन काले कानूनों की हकीकत समझने लगा है। विधायक गोपाल रविदास ने कहा कि आज पूरा देश किसानों के साथ खड़ा ह, किसान, मजदूर, छात्र-नौजवान सब मिलकर मोदी सरकार पर हल्ला बोल रहे हैं। जब तक ये काले कानून वापस नहीं होते, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।