कार्तिक पूर्णिमा कल, जानिए स्नान का मुहूर्त व खासियत

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गंगास्नान को रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था

नवादा: भगवान विष्णु को प्रिय कार्तिक मास की पूर्णिमा सोमवार 30 नवंबर को है। कार्तिक मास को पुण्य मास माना जाता है। इससे कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान व दान का खास महत्व है। इस तिथि  को जिले के हजारों लोग रविवार को विभिन्न वाहनों से गंगा स्नान करने रवाना हुए । वे गंगा व अन्य नदियों  में  आस्था की डुबकी लगाएंगे।कार्तिक पूर्णिमा पर हरिहर क्षेत्र(सोनपुर) में पूजा व स्नान का विशेष महत्व है। इसलिए वहां लाखों लोग स्नान व पूजन को जुटते हैं। इसके साथ ही जिले के विभिन्न नदियों व तालाबों में स्नान कर मंदिरों में पूजा अर्चना के साथ घरों में सत्यनारायण पूजा का आयोजन किया जाएगा ।

कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का मुहूर्त-

अहले सुबह से 2.59 तक
दीप दान से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं:-  कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में या तुलसी के समीप दीप जलाने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।  देव दीपावली भी मनायी जाती है। इस तिथि को ही महादेव ने त्रिपुरासूर नामक राक्षस का संहार किया था। इससे प्रसन्न होकर देवताओं ने गंगा में दीप दान किया था। इसलिए इस तिथि पर गंगा में दीप जलाकर देव दीपावली मनायी जाती है।

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कार्तिक पूर्णिमा पर ही मत्स्य अवतार :-

पुराणों के अनुसार भगवान श्रीहरि ने कार्तिक पूर्णिमा पर ही  मत्स्य अवतार लेकर सृष्टि की फिर से रचना की थी। भगवान श्रीकृष्ण ने इसी तिथि पर  रास रचायी थी। वहीं  सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्म भी इसी तिथि को हुआ था। बनारस में कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली मनायी जाती है।

तुलसी का अवतरण भी कार्तिक पूर्णिमा को :-

कार्तिक पूर्णिमा को ही तुलसी का अवतरण हुआ था। तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय हैं। और यह मास भी विष्णु का माना जाता है। इसलिए इसदिन गंगा स्नान,दान खास फलदायी होती है। हरिहर क्षेत्र में स्नान का महत्व:-भगवान विष्णु ने कार्तिक पूर्णिमा पर  हरिहर क्षेत्र (सोनपुर) में गंडक नदी के किनारे ग्राह को मारकर अपने दो द्वारपालों को शापमुक्त कराया था। इसलिए इस दिन गंडक नदी में स्नान व हरिहर नाथ की पूजा का खास महत्व है। कल्पवास,भीष्म पंचक व्रत का समापन भी:-कार्तिक पूर्णिमा पर  ही भीष्म पंचक व्रत का समापन,हरिहर क्षेत्र मेला का शुभारंभ होगा। ऐसी मान्यता है कि इसदिन  सभी देवी-देवता भी जाग जाएंगे। कार्तिक मास स्नान का भी समापन  होगा। कार्तिक मास का कल्पवास भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन संपन्न होगा। प्रयाग,काशी, सिमरिया में श्रद्धालु एक महीने तक गंगा तट पर ही रहते हैं। वहीं प्रात:काल गंगा में स्नान व ध्यान करते हैं।

क्या करें दान:-

अरवा चावल, जौ,तिल,मौसमी फल, लौकी में छिपाकर सिक्का दान करना चाहिए।

विष्णु को चढ़ाएं गुलाब,मन की मुराद पूरी होगी:-
कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु को तुलसी माला और गुलाब का फूल चढ़ाने से मन की सारी मुरादें पूरी होंगी। वहीं महादेव को धतूरे का फल और भांग चढ़ाने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलेगी।

तिल स्नान से शनि दोष से राहत मिलती:-

कार्तिक पूर्णिमा पर तिल स्नान करने से शनि दोष समाप्त हो जाते हैं। खासकर शनि की साढ़े साती,ढैय्या में। साथ ही कुंडली में पितृ दोष,गुरु चंडाल दोष,नंदी दोष की स्थिति में शांति मिलती है।

कार्तिक स्नान पर गंगा स्नान क्यों ?

– कार्तिक मास में सारे देवता जलाशयों में छिपे होते हैं
– भगवान श्रीहरि भी पाताल में निवास करते हैं
– इस तिथि पर गंगा स्नान से एक हजार अश्वमेघ यज्ञ और सौ वाजस्नेय यज्ञ के समान फल
– सालभर के गंगास्नान और पूर्णिमा स्नान का फल मिलता है

कार्तिक पूर्णिमा क्यों है खास :-

– कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु चतुर्मास के बाद जाग्रत अवस्था में होते हैं।
– भगवान विष्णु ने इसी तिथि को मत्स्य अवतार लिया था।
– मत्स्य अवतार लेकर सृष्टि की फिर से रचना की
– राक्षस त्रिपुरासूर का संहार किया

-त्रिपुरासूर वध को लेकर देवताओं ने मनायी थी देव दीपावली
– भागवत पुराण के मुताबिक भगवान श्रीकृष्ण ने रास रचायी थी।
– सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्म दिन जिले के विभिन्न नानकशाही संगतों में मनाया जाएगा ।

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