स्पीकर पद को लेकर राजद कर रही परम्परा को तार- तार : जदयू
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद अब लंबे समय से निलंबित विधानसभा अध्यक्ष के मामले को लेकर चल रही उठापटक भी शांत हो गई है । विधानसभा अध्यक्ष के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार का नाम घोषित कर दिया है। विधानसभा अध्यक्ष के लिए एनडीए से विजय कुमार सिन्हा ने अपना नामांकन दर्ज किया है तो वहीं महागठबंधन से अवध बिहारी चौधरी ने अपना नामांकन दर्ज किया है।
वहीं अवध बिहारी चौधरी के नामांकन के उपरांत महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने एनडीए के जीते हुए विधायकों से अपील किया था कि वह एनडीए के पक्ष में अपना समर्थन करें। वहीं उनके इस अपील पर भाजपा विधायक संजय सरावगी ने तेजश्वी पर जमकर हमला बोला है ।
उन्होनें कहा कि जब तेजश्वी स्पीकर के लिए अनुभव की बात करते हैं। तो उन्हें इतना भी नहीं मालूम कि विजय सिन्हा 4 बार के विधायक हैं साथ ही बिहार सरकार के मंत्री रह चुके हैं। उन्होनें तेजश्वी यादव पर सवाल करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव कौन सा अनुभव था जो पहली बार मे ही उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बन गए। उनको विजय सिन्हा पर सवाल उठाने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।
राजद परम्परा को तार तार कर रहा
इसके अलावा विपक्ष के स्पीकर कंडीडेट उतारने पर जदयू नेता श्रवण कुमार ने कहा कि राजद परम्परा को तार तार कर रहा है। इस तरह की परंपरा नहीं रहा है। सदन के अंदर स्पीकर के लिए वोटिंग की जरूरत नहीं होती थी। लेकिन,अब जब स्पीकर के लिए कंडीडेट उतार दिया गया है तो एनडीए जरूर जीत हासिल करेगा। एनडीए के सभी विधायक एकजुट है। कोई इधर उधर नहीं होगा।
वहीं उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अभी भी विपक्ष से अपील करता हूँ कि अभी तक रहीं परिपाटी को कायम रखा जाए। तोड़ फोड़ करने की जरूरत नही है। हमारी सरकार है। हमारे पास बहुमत है।
वहीं इन सबके बीच महागठबंधन के सदस्य ने अध्यक्ष के चेंबर में पहुंचकर अपनी बात रखी। जानकारी हो कि विधानसभा अध्यक्ष का सीट खाली होने के कारण जीतन राम मांझी हैं प्रोटेम स्पीकर के तौर पर कार्य कर रहे हैं।
बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र का संचालन शुरू
वहीं मालूम हो कि नीतीश कुमार कि नई सरकार के गठन के उपरांत बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र का संचालन शुरू हो गया है। इस बार शीतकालीन सत्र के दौरान 2 दिनों तक विधानसभा चुनाव में जीते हुए विधायकों को शपथ ग्रहण करवाया जा रहा है।
वहीं इस बार विधानसभा चुनाव में जीते हुए दो विधायक शपथ ग्रहण नहीं कर पाए हैं। इनमें से अनंत सिंह और अमरजीत कुशवाहा ऐसे विधायक हैं जो शपथ नहीं ले पाए हैं। मालूम हो कि यह दोनों वर्तमान में जेल में बंद है। विधानसभा में स्पीकर का चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार उतारने से एनडीए को कड़ी टक्कर से जूझना होगा। क्योंकि जो अंकगणित है उसके हिसाब से इस सीट पर चुनाव के लिए एक एक मत महत्वपूर्ण हो गया है।