दीपावली पर खुशियां बांटे, वायरस नहीं : दो गज दुरी मास्क ज़रूरी
छपरा : जगमग रोशनी का त्यौहार दीपावली दीयों के साथ खुशियां के आगमन का संकेत देने वाली है। दीपावली व लोक आस्था के त्यौहार छठ को लेकर लोग घर आने वाले अपनों के इंतजार में है. बाजार में खरीदारी कर रहे हैं और मिलने जुलने वालों के स्वागत की तैयारी में भी जुटे हैं। लेकिन यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि कोविड संक्रमण काल से पूर्व की तरह इस बार की दीपावली बिल्कुल अलग है. इस दीपावली को कई मायनों में हमें ख़ास बनाना होगा।
दीपावली का पर्व अंधेरों पर प्रकाश की जीत का है. अभी के दौर में कोविड-19 अंधेरों का पर्याय बनने को आतुर भी दिख रहा है। लेकिन हम थोड़ी सतर्कता एवं सावधानी से उजालों के पर्व दीपावली को संक्रमण मुक्त कर सकते हैं एवं त्यौहार की खुशी लोगों के साथ साझा कर सकते हैं। इसके लिए हमें संक्रमण के प्रति एहतियात बरतने की सख्त जरूरत है. इसमें विशेषकर हाथ धोने, मास्क पहनने और दीपावली जैसे त्योहार पर भी 6 फीट की दूरी रखने जैसे नियमों का पालन जरूरी है.
दीपावली पर खुशियां बांटे, वायरस नहीं:
दीपावली को लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने पोस्टर जारी करते हुए दीपावली व छठ जैसे त्यौहारों पर बरती जाने वाली उपायों का आवश्यक रूप से ख्याल रखने की अपील की है. मंत्रालय ने अपील किया है कि इस घड़ी में हमें खुशियां बांटनी हैं ना कि वायरस और इसके लिए आवश्यक उपायों का पालन जरूर करें. यदि आपके पास मोबाइल फोन, लैपटॉप है तो इसके माध्यम से आॅनलाइन अपने रिश्तेदारों को दीपावली की बधाई दे सकते हैं.
सुरक्षित रहने के लिए इसका भी रखें ध्यान:
• घर पर ही रहकर दीपावली मनायें.
• तोहफा के आदान प्रदान को लेकर सर्तक व सजग रहें.
• कम भीड़भाड़ वाले समय में ही खरीदारी करें.
• आवश्यक सामानों की लिस्ट बनाकर एक ही दूकान से खरीदारी करें.
• बहुत अधिक बाजार घूम घूम कर खरीदारी करने से बचें.
• गिफ्ट में मास्क, सेनिटाइजर देकर संक्रमण के प्रति करें जागरूक
सेनिटाइजर के इस्तेमाल के प्रति रहें सचेत:
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा कि दिपावली पर सेनिटाइजर के इस्तेमाल के प्रति सचेत रहना जरूरी है. सैनिटाइजर में एल्कोहल होता है. यह आग तेजी से पकड़ता है. दीपक जलाने से पहले इसका इस्तेमाल नहीं करें. आतिशबाजी से दूरी बनायें. यदि दीप जला रहे हों तो सैनिटाइजर को अपने साथ नहीं रखें. इसे आग से दूर सुरक्षित स्थान पर रखें. इस मौके पर घर में बनाये गये या डिब्बाबंद मिठाईयों का इस्तेमाल करें. दीपावली पर यदि घर पर कोई मेहमान पहुंचते है तो सबसे पहले साबुन पानी से हाथ धुलवायें. गले नहीं लगें व इसकी जगह उनका अभिवादन हाथ जोड़ कर करें. यदि उनके द्वारा कोई गिफ्ट दिया जाता है तो उसे सेनिटाइज कर लें।
मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग का मुहिम शुरू
छपरा : मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मुहिम शुरू कर दी है। मातृ मृत्यु दर की शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग के लिए एएनएम व आशा कार्यकर्ताओं को क्षमता वर्धन किया जा रहा है। इसी कड़ी अमनौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एएनएम को मातृ मृत्यु दर की रिपोर्टिंग को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक आदित्य राज और स्वास्थ्य प्रबंधक शिवकुमार के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें राज्य स्वास्थ्य समिति से जारी प्रपत्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। आशा एवं एएनएम को मेटरनल डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस(एमडीएसआर) कार्यक्रम के प्रपत्र फार्म के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। सभी एएनएम को यह निर्देश दिया गया कि क्षेत्र में मातृ मृत्यु की सूचना शत-प्रतिशत दी जाये।
वैसी मातृ तथा शिशु मृत्यु जिसकी रोकथाम की जा सकती है, को शून्य करने के उदेश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अन्तर्गत भारत सरकार ने सुमन कार्यक्रम की शुरूआत की है। कार्यक्रम का लक्ष्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में आने वाली सभी महिलाओं और शिशुओं को अनिवार्य रूप से सम्मानपूर्ण तथा उच्व्च कोटी की स्वास्थ्य सेवाएं बिना किसी खर्च के उपलब्ध कराना सुनिश्चित करना है। इसके अंतर्गत सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सेवाओं के लिए लाभार्थी को किसी भी तरीके से मना नहीं किया जा सकता है। एएनसी, एचबीएनसी, सुरक्षित प्रसव, “0” डोज टीकाकरण, स्तनपान में सहयोग, आवागमन के लिए मुफ्त रेफरल की सुविधा, जन्म प्रमाण पत्र वितरण, प्रसव पश्चात परिवार नियोजन के लिए सलाह तथा निर्धारित समय सीमा के अंदर के कॉल सेंटर के माध्यम से सभी शिकायतों का निवारण सुनिश्चित किया जाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
मातृ मृत्यु की सूचना देने पर आशा कार्यकर्ता दी जायेगी प्रोत्साहन राशि:
केयर इंडिया बीएम आदित्य राज ने बताया कि मातृ मृत्यु की सूचना को बढ़ावा एवं सुनिश्चित करने के उदेश्य से सरकार ने सुमन कार्यक्रम के तहत प्राइमरी रिस्पोंडेंट को प्रति मातृ-मृत्यु की सूचना देने पर 1000 रूपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया है। प्राथमिकता के आधार पर प्राइमरी रिस्पोंडेंट के रूप में आशा को प्रोत्साहित किया जाना है। ऐसे सूचना देने पर आशा कार्यकर्ताओं को 200 रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
चार माध्यमों से दी जायेगी सूचना:
• 104 नंबर पर कॉल के माध्यम से
• वेब पोर्टल के माध्यम से
• एसएमएस के द्वारा बीएचएम व एमओआईसी को
• स्वास्थ्य संस्थान के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से मिलकर
सूचना मिलने पर टीम करेगी जांच:
मातृ-मृत्यु की सूचना प्राप्त होने के बाद संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा जांच के पश्चात मातृ-मृत्यु की सूचना को सत्यापित किया जायेगा। इसके बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मातृ-मृत्यु की प्रथम सूचना देने वाले को भी सत्यापित करेंगे। जिसके बाद प्रोत्साहन की राशि देय होगी। यह प्रोत्साहन राशि आशाओं को अन्य कार्यक्रमों की अन्तर्गत दी जा रही राशि की तरह ही प्रदान की जायेगी। जिसका भुगतान प्रखंड स्तर से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं प्रखंड लेखापाल के सत्यापन के बाद देय होगा।