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रजौली (सुरक्षित) विधानसभा में बागी ने बिगाड़ा भाजपा का खेल

– राजद विधायक की बरकरार रह गई बादशाहत
– 12 हजार 166 मतों के अंतर से हुई जीत

नवादा : जिले के रजौली (सुरक्षित) विधानसभा के लिए मतों की गिनती संपन्न हो गई है। राजद विधायक प्रकाशवीर की लगातार दूसरी बार बादशाहत बरकरार रह गई है। उन्होंने 12 हजार 166 मतों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी पूर्व विधायक कन्हैया कुमार को शिकस्त दी। जीत-हार के दिलचस्प मुकाबले में बागी उम्मीदवार अर्जुन राम ने भाजपा का खेल बिगाड़ा । उन्हें इस चुनाव में कुल 14 हजार 290 मत प्राप्त हुए। जीत-हार के अंतर और अर्जुन राम के वोटों को मिलाकर देखा जाए तो स्थिति साफ दिखती है। गौरतलब है कि अर्जुन राम 2015 में हुए चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार थे। लेकिन उस चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद पांच साल तक क्षेत्र में सक्रिय रहे।

इस चुनाव में उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा इस बार भी अपना उम्मीदवार बनाएगी। लेकिन टिकट कन्हैया कुमार को मिल गया। फलस्वरुप उन्होंने पार्टी से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा। रजौली विधानसभा क्षेत्र के कई भाजपा कार्यकर्ता भी पार्टी के नेताओं के निर्णय का विरोध करते हुए अर्जुन राम के साथ हो गए। हालांकि इस चुनाव में वे तीसरे स्थान पर रहे। लेकिन उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रंग में भंग कर दिया।

वोट बहिष्कार भी भाजपा के लिए बनी मुसीबत

– जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में एकमात्र रजौली विधानसभा में 11 बूथों पर वोट का बहिष्कार किया गया। रजौली, सिरदला और मेसकौर तीनों प्रखंड में 11 बूथों पर एक भी वोट नहीं पड़ा। भाजपा के नेताओं का मानना है कि जिन बूथों पर वोट का बहिष्कार हुए, उनपर इस बार पार्टी को अच्छी-खासी वोट मिलने की उम्मीद थी। भाजपा नेताओं का यह भी मानना है कि उन क्षेत्रों में अधिकांश पार्टी और विचारधारा के समर्थक थे। जातीय समीकरण में भी वैसे इलाके भाजपा समर्थित थे। लेकिन वहां वोटिग नहीं होने से भाजपा को तकरीबन पांच हजार वोट का नुकसान हो गया।

पुराने कार्यकाल के गिला-शिकवा ने नहीं छोड़ा पीछा

– पूर्व विधायक कन्हैया कुमार को लेकर क्षेत्र के कई भाजपा कार्यकर्ता काफी नाराज थे। कई पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चर्चा थी कि विधायक रहते हुए उन्होंने कई लोगों पर मुकदमा करवा दिया। विधायक फंड और क्षेत्र के विकास को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाओं का दौर जारी रहा। पुराने कार्यकाल के गिले-शिकवे ने भी पीछा नहीं छोड़ा। ऐसे में उन्हें टिकट दिए जाने पर पार्टी निर्णय का विरोध करते हुए कई कार्यकर्ता अर्जुन राम के साथ चुनाव में खड़े हो गए।

अपने विरोधियों को मनाने में सफल रहे प्रकाशवीर

– चुनाव से पहले क्षेत्र में लोग विधायक प्रकाशवीर से नाखुश थे। कई जगहों पर विरोध भी हुआ और सोशल मीडिया में ऐसी बातें वायरल हुईं। लेकिन विधायक नाराज लोगों को मनाने में सफल हो गए। नतीजा हुआ कि इस चुनाव में 12 हजार 166 मतों के अंतर से जीत दर्ज करते हुए विधानसभा तक पहुंचने में सफलता हासिल की।