दुल्हन बनी श्रीराम की अयोध्या, 500 वर्ष बाद ऐसी खुशी, दीपोत्सव शुरू
अयोध्या : करीब पांच सौ वर्ष बाद अयोध्या में रामजन्मभूमि स्थल पर दीपावली की पूर्व संध्या पर दिवाली से भी बड़ा उत्सव हो रहा है। आज 12 नवंबर से यहां दीपोत्सव की शुरुआत हो रही है। श्रीराम के राज्याभिषेक के लिए अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। राम नगरी के मठ, मंदिर और सड़कें रंग-बिरंगी लाइट्स से रोशन हैं। राममंदिर निर्माण शुरू होने के साथ ही रामनगरी में सदियों बाद त्रेतायुग जैसी भव्यता और उल्लास जीवंत होती दिख रही है। लंका विजय कर घर लौटे प्रभु राम के आगमन की खुशी में जलाई गई दीपों की माला और घर-घर हुई सजावट ने विश्व को दिवाली जैसा पावन पर्व दिया था। इस बार श्रीराम की जन्मभूमि पर सदियों की प्रतीक्षा के बाद ऐसी भव्य दिवाली मनाई जा रही है।
लेजर शो और जगमग दीयों की रिकार्ड संख्या
सदियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण ने इस बार के इस तीन दिवसीय दिव्य दीपोत्सव की खुशी को अनंत गुना बढ़ा दिया है। इस बार दीपोत्सव पर राम की नगरी अयोध्या 5 लाख 51 हजार दीपों से जगमगाएगी और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अयोध्या अपना नाम दर्ज कराएगा। इसके लिए पूरे रामनगरी में करीब दस लाख दीप जलाए जाएंगे। अकेले राम की पैड़ी पर ही छह लाख दीप जलाने की तैयारी है, जिसके जरिए यह सुनिश्चित करना है कि हर हाल में 40 मिनट के भीतर 5.51 लाख दीप जल जाएं और पांच मिनट तक लगातार जलते रहें, ताकि गिनीज बुक में नया रिकॉर्ड दर्ज हो।
तीन दिनों तक कार्यक्रम, सीएम योगी भी रहेंगे
13 नवंबर को यहां मुख्य कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। दीपोत्सव में अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित लेजर शो रखा गया है जिसमें भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन का चित्रण किया जाएगा। भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन पर नगरवासियों द्वारा उनके स्वागत में प्रज्जवलित किए गए दीपों की जगमगाहट का चित्रण भी इस लेजर शो के माध्यम से देखने को मिलेगा। इसमें शंख और घण्टियों की ध्वनि का समावेश होगा।
रामायण के दृश्यों के जरिए सबमें राम-सबके राम की अनुपम झलक इस आयोजन के विभिन्न कार्यक्रम स्थलों, सरयू के घाटों से लेकर सड़कें-गलियां, मठ-मंदिरों समेत 16 प्रवेश द्वारों की दिव्यता बढ़ा रही है। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन और निर्माण कार्य शुरू होने के बाद दीपोत्सव को लेकर समूचे विश्व में रामभक्तों का उल्लास देखने लायक है।