मालूम होने पर भी कोरोना बाटते रहे भाजपा प्रत्याशी अरुण सिन्हा

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पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर नेतागण सिर्फ़ सक्रिय ही नहीं आक्रमक भी नजर आ रहे हैं । लोग अपने विपक्षी दल के प्रहार से चोटिल हुए बिना अपना बचाव और फ़िर प्रहार कर रहें हैं। वहीं पर खुद पे कोरोना के प्रहार के चोट को सहते हुए निर्भीकता पूर्वक लोगों में बांटने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं।

वहीं कल की बात है कि पटना से कुम्हरार विधायक अरुण सिन्हा, जो कि कोरोना पॉजिटिव पाए गए। लेकिन फिर से हुए दुबारा 30 अक्टूबर के रैपिड टेस्ट में निगेटिव पाए गए। इसके बाद उन्हें आरटीपीसीआर कराने को बोला गया लेकिन, उन्हें तो चुनाव प्रचार की जल्दी और लोगों के बीच जाकर लोगों में कोरोना का बैना बांटना था। उन्होने टेस्ट को नजरंदाज कर आयोग के गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाते हुए जनसंपर्क किया और आयोग को रैपिड टेस्ट के नेगेटिव रिपोर्ट भेज दिए ।

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जबकि उनके ही पार्टी के महामहिम लोग पॉजिटिव हुए थे या हैं तो अपने पॉजिटिव होने का रिपोर्ट अपने ट्वीटर अकाउंट से पॉजिटिव होने की सूचना दी थी और टेस्टिंग ट्रीटमेंट के बाद निकले थे। जिसमें उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एम्स से कोरोना ट्रीटमेंट के बाद निकले हैं। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस, शाहनवाज हुसैन, जदयू नेता सुनील कुमार पिंटू अब भी कोरोना के नाम पर ही क्वारंटाइन हैं। बता दें कि अबतक दो मंत्रियों की भी कोरोना से मौत हो चुकी है। लेकिन, इन्होंने अपने पॉजिटिव होने का रिपोर्ट छुपाकर जनसंपर्क किया ।

फिर आयोग के गाइड लाइन को मानते हुए उन्होने कुम्हरार के आरओ रंजीत कुमार से आरटीपीसीआर टेस्ट कराया, जिसके लिए 31 अक्टूबर को सिविल सर्जन की टीम उनके छज्जूबाग स्थित आवास जाकर सैंपल लिया और रविवार को आईं आरटीपीसीआर रिपोर्ट से अरुण सिन्हा पॉजिटिव पाए गए। उन्हें 14 दिनों तक क्वारेंटाइन होने को कहा गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि जनसंपर्क न करें , नहीं तो संक्रमण फैल सकता है ।

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