27 अक्टूबर पंचांग : एकादशी तिथि में विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की पूजा से कटते हैं सारे पाप
पटना : 27 अक्टूबर मंगलवार को आज सुबह पौने ग्यारह बजे एकादशी तिथि का समापन हो रहा हैै। इस एकादशी को पापांकुशा एकादशी के तौर पर मनाया जाता है। इसका काफी महत्व है। महाभारत कथा में पापांकुशा एकादशी की महिमा भगवान श्री कृष्ण ने अपने श्रीमुख से बयान करते हुए युद्धिष्ठिर को बताई है। जो भक्त आज सच्चे ह्रदय से भगवान विष्णु की आराधना करेंगे उनके समस्त पापों का नाश होगा। इस एकादशी में भगवान विष्णु पद्मनाभ स्वरूप की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कैसा है आज का पंचांग और क्या है शुभ—अशुभ मुहूर्त।
पापांकुशा एकादशी की कथा
पौराणिक ग्रंथ महाभारत में इस बात का उल्लेख मिलता है कि भगवान कृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को पापांकुशा एकादशी की महिमा बताते हुए कहा था कि ये व्रत सभी पापों को काटने वाला है। यदि कोई जातक पापांकुशा एकादशी का व्रत करता है तो उसे कई अश्वमेघ यज्ञों और सूर्य यज्ञ करने के सामान फल की प्राप्ति होती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार पापांकुशा एकादशी व्रत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है।
आज का पंचांग
तिथि: एकादशी – 10:48:33 तक
नक्षत्र: शतभिषा – 06:36:49 तक
करण: विष्टि – 10:48:33 तक, बव – 23:50:04 तक
पक्ष: शुक्ल
योग: घ्रुव – 25:05:58 तक
वार: मंगलवार
सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
सूर्योदय: 06:29:53
सूर्यास्त: 17:39:38
चन्द्रोदय: 15:43:59
चन्द्रास्त: 27:26:59
चन्द्र राशि: कुम्भ – 26:31:02 तक
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत: 1942 शार्वरी
विक्रम सम्वत: 2077
काली सम्वत: 5122
दिन काल: 11:09:44
मास अमांत: आश्विन
मास पूर्णिमांत: आश्विन
शुभ मुहूर्त: 11:42:26 से 12:27:05 तक
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त: 08:43:50 से 09:28:29 तक
कुलिक: 13:11:44 से 13:56:23 तक
कंटक: 07:14:32 से 07:59:11 तक
राहु काल: 14:52:12 से 16:15:55 तक
कालवेला / अर्द्धयाम: 08:43:50 से 09:28:29 तक
यमघण्ट: 10:13:08 से 10:57:47 तक
यमगण्ड: 09:17:20 से 10:41:03 तक
गुलिक काल: 12:04:46 से 13:28:29 तक।