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नवादा विधानसभा सीट पर दो विशेष परिवारों का रहा है कब्जा , 2020 रहेगा रोमांचक

– बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव को इन नेताओं के ने बनाया रोमांचक
कुल मतदाता :- 345010
कुल पुरुष मतदाता :-178564
कुल महिला मतदाता : 166437

नवादा : सूबे की वीआईपी सीटों में शुमार नवादा विधानसभा सीट पर तीन दशक से पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव और वर्तमान विधायक कौशल यादव के परिवारों का ही कब्जा है, अगर इसे हम दो परिवार का नवादा की सीट पर कब्जा कहे तो गलत नहीं होगा। क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि इन्हीं दो परिवार के सदस्यों का नवादा विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा रहा है ।लेकिन अबकी बार इनके विजय रथ को रोकने के लिए कई सियासी पार्टियों एवं निर्दलीय प्रत्याशियों की नजर इस सीट पर टिकी है। कई दलीय व निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए आगे आए हैं। राजद और जदयू को यह सीट पर राजद प्रत्याशी के रूप में पूर्व मंत्री राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी और जदयू से कौशल यादव बने हैं, ऐसे में अन्य पार्टियों एवं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जिले कई चर्चित चेहरा आ जाने से इनकी परेशानी ब़ढ गयी है ।

हालांकि नवादा विधानसभा क्षेत्र से सन् 1990 में कृष्णा प्रसाद ने भाजपा से चुनाव जीता था। बाद में वह राजद में शामिल हो गए। 1992 में सड़क हादसे में उनकी मौत के बाद छोटे भाई राजबल्लभ यादव ने उनकी विरासत को संभाला। 1995 में निर्दलीय और 2000 में राजद से उन्होंने चुनाव जीता।लालू के सरकार में वह श्रम राज्य मंत्री भी बने, इसके बावजूद अगले तीन चुनाव में उन्हें पूर्णिमा यादव से शिकस्त मिल गई। 2015 में जदयू-राजद और कांग्रेस के महागठबंधन में राजबल्लभ फिर चुनाव जीते।

उन्होंने एनडीए उम्मीदवार आरएलएसपी के इंद्रदेव कुशवाहा को मात दी, लेकिन 2016 में नाबालिग रेपकांड में राजबल्लभ के फंसने के बाद सूबे सहित देशभर में चर्चा में आ गए। 2018 में उम्रकैद की सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई। सदस्यता रद्द होते ही वर्ष 2019 में नवादा लोकसभा चुनाव के साथ नवादा विधानसभा का उपचुनाव भी हुआ। एनडीए उम्मीदवार जदयू से कौशल यादव 53546 वोट पाकर निर्दलीय प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा से दस हजार वोट से जीते। दूसरे नंबर पर रहने वाले कुशवाहा को 42593 मत प्राप्त हुए, जबकि महागठबंधन से हम पार्टी के उम्मीदवार रहे धीरेंद्र कुमार मुन्ना तीसरे स्थान पर रहे, जिन्हें 36143 वोट मिले।

जिला परिषद उपाध्यक्ष और निर्दलीय प्रत्याशी गीता देवी 16650 मत प्राप्त कर चौथे स्थान पर रहीं। इससे पहले कौशल यादव तीन बार गोविंदपुर विधानसभा से भी विधायक रह चुके हैं। नवादा विधानसभा क्षेत्र से 2015 में 12 और 2019 में हुए उपचुनाव में 8 प्रत्याशी मैदान में थे। इस चुनाव में बड़ी बात यह थी कि तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार थे, जबकि चौथे नंबर पर नोटा। नवादा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में एक ही जाति के दो क्षत्रप राजबल्लभ व कौशल यादव आमने-सामने रहे हैं। यही नहीं ये दोनों ही एक-दूसरे की हार-जीत का कारण भी बनते हैं। इन सबके बीच इस बार अन्य पार्टियों की नजर भी इस सीट पर टिकी थी।

नवादा लोकसभा क्षेत्र से चंदन सिंह के सांसद बनने पर लोजपा के उम्मीदवार उनके सांसद प्रतिनिधि शशिभूषण उर्फ बबलू बने हैं। इनके अलावा पिछले विधानसभा चुनाव में उपविजेता रहे निर्दलीय उम्मीदवार श्रवण कुशवाहा भी इस बार कमर कसे हुए है और नवादा सीट पर कब्जा करने के लिए जितोड लगे हुए है । निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चर्चित चेहरा शिक्षाविद आर पी साहू जी भी चुनाव मैदान में उतर चुके हैं और पिछले उपचुनाव में तीन नंबर पर रहे धीरेंद्र कुमार मुन्ना भी अपनी दावेदारी पेश कर उथल- पुथल मचा दिया है । कई निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी समर में कूद चुके हैं। कुल मिलाकर विभा देवी, कौशल यादव, श्रवण कुशवाहा, शशिभूषण सिंह उर्फ बबलू , आरपी साहू , धीरेंद्र कुमार मुन्ना ने सीट को रोमांचक बना दिया है । ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आगामी 10 तारीख को हीं पता चलेगा । बहरहाल सभी प्रत्याशी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं ।