शुरू होने वाली है नवरात्रि, जानें वे तीन काम जो आपको जरूर करने चाहिए

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पटना : शारदीय नवरात्रि बस शुरू होने वाली है। 17 अक्टूबर से नौ दिन चलने वाले इन नवरात्रों को श्रद्धालु अपने ढंग से मनाते हैं। पूरे उत्तर भारत के अलावा पश्चिमोत्तर भारत में भी इसे मनाने की परंपरा रही है। चूंकि भारत विविधताओं वाला देश है। अत: नवरात्र में भी हमें सांस्कृतिक विविधता के बावजूद माता रानी की एकात्मकता के अनुभव होते हैं। आइए जानते हैं कि नावरात्रों में हमें क्या करना चाहिए और किन बातों से परहेज करना चाहिए।

अपने मन और शरीर को दें विश्राम

नवरात्रि का अर्थ ही है ‘नौ रातें’। रात्रि विश्राम का समय होता है। यह मन और शरीर में पुनः ऊर्जा भरने का समय होता है। नवरात्रि आपकी आत्मा के विश्राम का समय है। यह वह समय है जिसमें आप खुद को लौकिक क्रियाओं से अलग करने का अभ्यास करते और खुद में ही विश्राम करते हैं। जब आप इन्द्रियों की इन सभी क्रियाओं से अलग हो जाते हैं तब आप अंतर्मुखी होते हैं और यही वास्तविक रूप में आनंद, सुख और उत्साह का स्रोत है।
हममें से बहुत से लोग इसका अनुभव नहीं कर पाते क्योंकि हम निरंतर किसी न किसी काम में उलझे रहते हैं। हमारा मन हर समय व्यस्त रहता है। नवरात्रि वह समय है, जब हम खुद को अपने मन से अलग कर लेते हैं और अपनी आत्मा में विश्राम करते हैं। यही वह समय है जब हम अपनी आत्मा को महसूस कर सकते हैं।

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याद करिए कि आपका मूल क्या है

नवरात्रि वह मौका है जब आप इस स्थूल भौतिक संसार से सूक्ष्म आध्यात्मिक संसार की यात्रा करने को प्रवृत्त होते हैं। अत: आप नवरात्र के दिनों में अपने रोज़ाना के कार्यों में से थोड़ा समय निकालिए और अपने ऊपर ध्यान ले जाईये। अपने उदगम के बारे में सोचिये। आप कौन हैं और कहाँ से आये हैं? अपने भीतर जाइए और अपने गुरु तथा ईश्वर के प्रेम को याद करके विश्राम करिए।

जीव मात्र से प्रेम और ईश्वर पर श्रद्धा रखिये

हम इस ब्रह्माण्ड से जुड़े हुए हैं, उस परम शक्ति से जुड़े हुए हैं जो इस पूरी सृष्टि को चला रही है। यह शक्ति प्रेम से परिपूर्ण है। यह पूरी सृष्टि प्रेम से परिपूर्ण है। सारी सृष्टि और इसके सभी प्राणी उसी ईश्वर के अंश हैं। नवरात्रि वह समय है, जिसमें आप याद करते हैं कि उस परम शक्ति को आप बहुत प्रिय हैं! प्रेम की इस भावना में विश्राम करिए। ऐसा करने पर आप पहले से अधिक तरोताज़ा, मज़बूत, ज्ञानी और उत्साहित महसूस करने लगेंगे और नौ दिनों की यह साधना आपको सकारत्मकता से भर देगी।

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