सेहत : हमारे आसपास मौजूद इन पौधों में है डेंगू, चिकनगुनिया दूर भगाने के आसान उपाय

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पटना : डेंगू बुखार, चिकन गुनिया और अन्य कई बीमारियां मच्छरों के काटने से होता है। इसके अलावा कोरोना वायरस भी अभी तक पूरे विश्व में अबूझ पहेली बना हुआ है। इन बीमारियों को एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक नहीं किया जा सकता। लेकिन इन तमाम बीमारियों—डेंगू, चिकनगुनिया और यहां तक कि कोरोना के रोकथाम में भी हमारे घरों के आसपास मिलने वाले कुछ पौधों की पत्तियां, घास और जड़ियां काफी काम की साबित हो सकती हैं। चूंकि ये सभी बीमारियां वायरस के कारण होती हैं, इसलिए एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है।

पपीते के पत्तों का इस्तेमाल बेहद कारगर

सबसे पहले बात करते हैं कोरोना के बाद भारत में हर साल होने वाले डेंगू बुखार की। डेंगू बुखार में हड्डियों में तेज दर्द, उल्टी—मितली के साथ हाई फीवर होता है। आम दवाएं लेने पर भी कोई असर नहीं होता और रोगी का प्लेटलेट काउंट लगातार गिरता चला जाता है और अंतत: वह मौत के मुंह में पहुंच जाता है। इसके उपचार में कुछ प्रकार के पौधों की पत्तियां और घास काफी काम की होती हैं। डेंगू के प्राकृतिक इलाज के लिए पपीते की पत्तियों को मसलकर रस निकाल लें और फिर कपड़े की मदद से छानकर शुद्ध रस पिएं। पोषक तत्वों और कार्बनिक यौगिकों के मिश्रण प्लेटलेट की संख्या में बढ़ोतरी करते हैं। विटामिन सी की वजह से इम्यून सिस्टम में सुधार होता है और यह रक्त में मौजूद विषाक्त को बाहर निकालने में मदद करते हैं।

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नीम के पत्ते और छाल से दूर होते कई विकार

नीम के पत्तों और उसका अर्क डेंगू, चिकनगुनिया और कोरोना समेत लगभग सभी प्रकार के वायरल इन्फेक्शन में मददगार होता है। नीम के पत्तों या इसके छाल को उबालकर ठंडा कर पीने से ब्लड प्लेटलेट और सफेद रक्त कोशिकाओं में बढ़ोतरी होती है। कोरोना में भी नीम के पत्तों का रस इम्यून सिस्टम में सुधार करता है और सभी प्रकार के इन्फेक्शन से बचाव कर रक्त शुद्धि में भी मदद करता है।

वायरस ग्रस्त होने पर दर्द से राहत देते हैं मेथी के पत्ते

बुखार के साथ-साथ दर्द कम करने में मेथी के पत्ते लाभकारी साबित हो सकते हैं। डेंगू और चिकनगुनिया बुखार के लक्षणों को कम करने में मेथी के पत्ते एक लोकप्रिय घरेलू उपचार हैं। यही नहीं यह अच्छी नींद लाने में भी मदद करते हैं।

सभी वायरल संक्रमण में तुलसी के पत्ते लाभकारी

आयुर्वेदिक चिकित्सा में लंबे समय से डेंगू, चिकनगुनिया बुखार के उपचार के लिए तुलसी के पत्तों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। अब तो आयुष मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण रोकने में भी तुलसी को बहुत करगर घोषित किया है। तुलसी के पत्तों को काली मिर्च के साथ पानी में उबालें और पी लें। इससे इम्यूनिटी भी बढ़ेगी।

कोरोना और डेंगू से बचाव में गिलोय अमृत समान

बुखार के लिए नब्बे प्रतिशत आयुर्वेदिक दवाओं में गिलोय का इस्तेमाल एक अनिवार्य घटक के रूप में होता है। लंबे समय से चले आ रही बुखार और रोगों के इलाज में गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है। अब तो कोरोना से लड़ाई में भी गिलोय की उपयोगिता सामने आ चुकी है। इसकी प्रकृति ज्वरनाशक है जो कि बुखार के लक्षणों को कम करता है, रक्त में प्लेटलेट्स बढ़ाने के साथ ही आपके इम्यून सिस्टम को भी काफी मजबूत कर देता है। गिलोय को तुलसी के पत्ते के साथ सेवन करना ज्यादा फायदेमंद है।

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