पटना : आज 11 अक्टूबर रविवार को अधिक मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। इसके साथ ही जातकों के लिए आज पुष्य नक्षत्र का शुभ योग मुहूर्त भी बन रहा है। पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है। इस नक्षत्र को शुभ कार्य करने और खासकर खरीदारी के लिए महामुहूर्त कहा जाता है। रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र पड़ने के कारण इसे रवि पुष्य नक्षत्र का नाम भी दिया जाता है। यह नक्षत्र साल 2020 का पहला और आखिरी रवि पुष्य नक्षत्र है। हिंदू धर्म और ज्योतिष में कुछ तिथियां बहुत विशेष और शुभ मानी जाती है। विशेष तिथि और शुभ मुहूर्त में किया जाने वाला कोई भी काम जरूर सफल होता है।
रवि पुष्य नक्षत्र कब से कब तक
सभी कार्यों में सिद्धि प्रदान करने वाला रवि पुष्य का योग इस दिन सूर्योदय से आरम्भ होकर रात्रि 01 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में सभी 27 नक्षत्रों में ‘पुष्य’ नक्षत्र को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुल 27 नक्षत्र होते हैं जिनमें से पुष्य नक्षत्र 8 वां नक्षत्र होता है। यह बहुत ही बहुत ही शुभ और सुखद फल प्रदान करने वाला होता है। इसे नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। भगवान राम का जन्म भी इसी नक्षत्र में हुआ था। नक्षत्र हर रोज बदलते रहते हैं और हर दिन बदलने वाले नक्षत्र में पुष्य नक्षत्र भी शामिल है। हर 27वें दिन पुष्य नक्षत्र होता है। यह जिस दिन आता है, इसका नाम भी उसी प्रकार रखा जाता है।
इन चीजों के लिए होता है शुभ
इस नक्षत्र में मंत्र दीक्षा, उच्च शिक्षा ग्रहण, भूमि, क्रय-विक्रय, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना, यज्ञ अनुष्ठान और वेद पाठ आरंभ करना, गुरु धारण करना, पुस्तक दान करना और विद्या दान करना और विदेश यात्रा आरंभ करने के लिए श्रेष्ठ होता है। पुष्य नक्षत्र में विवाह को छोड़कर अन्य कोई भी कार्य किया जा सकता है। माता पार्वती के श्राप के कारण पुष्य नक्षत्र में विवाह करना अशुभ माना गया है।
आज का पंचांग
तिथि: नवमी – 17:55:18 तक
नक्षत्र: पुष्य – 25:18:42 तक
करण: गर – 17:55:18 तक, वणिज – 29:24:17 तक
पक्ष: कृष्ण
योग: सिद्ध – 22:51:30 तक
वार: रविवार
सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
सूर्योदय: 06:19:47
सूर्यास्त: 17:55:15
चन्द्रोदय: 25:06:00
चन्द्रास्त: 14:22:59
चन्द्र राशि: कर्क
हिन्दू मास एवं वर्ष
शक सम्वत: 1942 शार्वरी
विक्रम सम्वत: 2077
काली सम्वत: 5122
दिन काल: 11:35:28
मास अमांत: आश्विन (अधिक)
मास पूर्णिमांत: आश्विन (अधिक)
शुभ मुहूर्त: 11:44:20 से 12:30:41 तक
अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)
दुष्टमुहूर्त: 16:22:31 से 17:08:53 तक
कुलिक: 16:22:31 से 17:08:53 तक
कंटक: 10:11:36 से 10:57:58 तक
राहु काल: 16:28:18 से 17:55:14 तक
कालवेला / अर्द्धयाम: 11:44:20 से 12:30:41 तक
यमघण्ट: 13:17:03 से 14:03:25 तक
यमगण्ड: 12:07:30 से 13:34:26 तक
गुलिक काल: 15:01:22 से 16:28:18 तक.