पटना : कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एवं साइंस के आईक्यूएसी तथा मनोविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को ‘स्वयं को जानना’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। आमंत्रित वक्ता के रूप में बोलते हुए कृष्णमूर्ति फाउंडेशन से सम्बद्ध ख्यात स्तम्भकार एवं कवि चैतन्य नागर ने कहा कि बहुत फर्क है खुद के बारे में जानना और खुद को जानना के बीच। उन्होंने बताया कि स्व एक भाषिक संरचना तथा भ्रामक निर्मित है इसलिए आत्म-ज्ञान एक सतत एवं अंतहीन प्रक्रिया है, जिसमें शांतिपूर्ण ध्यान से काफी मदद मिलती है। भारतीय चिंतन कहता है कि स्वयं को जानना सबसे महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कॉलेज के प्राचार्य प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने बताया कि जीवन में सफल होने के लिए आत्म-ज्ञान को सदियों से हमारे ऋषि-मुनि, दार्शनिक तथा मनोवैज्ञानिक महत्वपूर्ण मानते आए हैं। कार्यक्रम का संचालन प्रो. जय देव तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो. संतोष कुमार ने किया।
मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार ने मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के दरम्यान आयोजित इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों का आभार जताया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षकों समेत मनोविज्ञान के छात्रों की बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज की गई।