NDA में ऑल इज़ नॉट वेल, BJP-JDU में 50-50 पर बात तय, गुडबाय कहेगी LJP!

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बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर निर्णय अंतिम दौर में है। इसको लेकर आज दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के आवास पर उच्च स्तरीय मीटिंग हुई। इस मीटिंग में अमित शाह , जेपी नड्डा, बीएल संतोष, भूपेंद्र यादव, देवेन्द्र फडणवीस, सुशील मोदी, संजय जायसवाल, नित्यानंद राय, मंगल पांडेय तथा बिहार भाजपा के संगठन महामंत्री नागेंद्र जी मौजूद थे।

जे पी नड्डा के आवास पर तकरीबन पांच घंटे चली बैठक में जो मुख्य बातें निकलकर सामने आई है, उसके अनुसार लोजपा के राजनीतिक दबाव में भाजपा और जदयू नहीं आएगी।

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा लगभग 20 सीटें लोजपा को देने के लिए तैयार हुई है। वहीं अगर लोजपा ज्यादा सीटों पर अड़ी रही तो मजबूरन भारतीय जनता पार्टी लोजपा का साथ छोड़ सकती है। क्योंकि जदयू का कहना है कि लोजपा को गठबंधन में रखने का फैसला भाजपा का है। वहीं अगर, नीतीश कुमार की बेरुखी की वजह से लोजपा अलग होने का निर्णय लेती है तो लोजपा के कैडर की भारी नाराजगी जदयू को झेलनी पड़ सकती है।

सूत्रों ने बताया कि 243 सीटों में से जदयू और भाजपा के बीच बराबर सीटों का बंटवारा होगा। तथा नीतीश अपने कोटे से हम को तथा भाजपा अपने कोटे से लोजपा को सीट देगी। अगर लोजपा ज्यादा सीटों की मांग करती है तो भाजपा के लिए परेशानी हो सकती है क्योंकि, भाजपा को अपने हिस्से से लोजपा को समायोजित करना है।

ऐसा इसलिए क्योंकि, नीतीश की बेरुखी के आगे भाजपा चाहकर भी लोजपा के लिए सम्मानजनक सीटों नहीं छोड़ सकती है। कारण जदयू और भाजपा के बीच सीट शेयरिंग की बात 50:50 पर तय हो चुकी है। इस फॉर्मूले के तहत जदयू अपने कोटे से जीतन राम मांझी को 7-8 सीटें देगी। इसी तरह से भाजपा अपने हिस्से से लोजपा को सीटें देगी। जिसके तहत भाजपा लोजपा को अपने हिस्से से सीटें देगी। भाजपा लोजपा को 20 से अधिक सीटें देने के मूड में नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि, अगर भाजपा 100 से कम सीटों पर चुनाव लड़ती है तो इसका भारी खामियाजा भाजपा को सांगठनिक रूप से उठाना पड़ेगा।

जबकि, लोजपा का कहना है कि लोकसभा के सीटों के आधार पर विधानसभा की सीटों का बंटवारा किया जाना चाहिए और भाजपा को ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। साथ ही लोजपा ने अमित शाह द्वारा तथाकथित रूप से किये गए उस वादे की भी याद दिलाई जिसमें, बकौल लोजपा अमित शाह ने जदयू से गठबंधन के समय यह कहा था कि उनके लिए 42 विधानसभा सीटें छोड़ी जाएंगी। लेकिन, वर्तमान परिस्थिति में लोजपा 36 सीटों पर संतोष करने को तैयार है। लेकिन, भाजपा को 102, नीतीश को 96, खुद के लिए 36 और बाकी बचे अन्य छोटे दल जो NDA के साथ आना चाहते हैं उनके लिए।

हालांकि, भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि चिराग पासवान आखिरकार फॉर्मूला स्वीकार करेंगे और मजबूती से मिलकर चुनाव लड़ेंगे।

NDA के नेताओं के बीच बातचीत जारी है तथा गुरुवार तक एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो सकता है। फॉर्मूला सेट होने के बाद दिल्ली में 2 अक्टूबर को सीटों का एलान संभव है।

इसके साथ ही गुरुवार के दिन बिहार चुनाव को लेकर पटना में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक होनी है। प्रदेश चुनाव समिति द्वारा तय नामों का पैनल दिल्ली भेजा जाएगा। इसके बाद 3 या 4 अक्टूबर को दिल्ली में भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में नामों पर मुहर लगेगी।

इस बीच दिल्ली बैठक के बाद बिहार भाजपा प्रभारी भूपेन्द्र यादव और चुनाव प्रभारी देवेन्द्र फडणवीस पटना पहुंच चुके हैं। इनके साथ बिहार भाजपा के कई नेता पटना आए हैं। भूपेंद्र यादव व देवेंद्र फडणवीस सीटों को लेकर जदयू नेताओं से बात करेंगे।

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