पटना: राज्य के खान एवं भूतत्व विभाग ने भी पीओएस मशीनों के उपयोग का फैसला कर लिया है। इन मशीनों का प्रमुख उपयोग ओवरलोडिंग एवं लघु खनिज की अवैध ढुलाई को रोकने में किया जाएगा। इससे सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी एवं बालू गिट्टी आदि के कारोबार से जुड़े लोगों को भी सहूलियत होगी।
सूत्रों के मुताबिक जल्द ही लघु खनिज की खरीद बिक्री को भी डिजिटल पद्धति से किया जाएगा। डिजिटल पेमेंट को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए सभी बंदोबस्त धारियों को भी प्रेरित किया जाएगा। लेकिन पहले चरण में पीओएस मशीनें खरीदी जाएंगी। इन्हें सभी अंचल कार्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में लगाया जाएगा। साथ ही जिला स्तर पर सभी खनन पदाधिकारियों को इसके संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
दरअसल, अब तक इन मशीनों के अभाव में राजस्व वसूली में काफी गड़बड़ी मिलती थी। ओवरलोडिंग और अवैध ढुलाई को रोकने में कारगर व्यवस्था नहीं हो पा रही थी । चालान के एवज में रिश्वत, थानों का चक्कर और जुर्माना चुकाने के लिए ड्राफ्ट बनवाने में काफी समय लगता है। थानों में अवैध वसूली की काफी शिकायतें रहती थी।
क्या होगा फायदा
नई पीओएस मशीनें लगाने से आन स्पॉट चालान काटने और उसका भुगतान लेने में आसानी हो जाएगी। वाहन चालक और लघु खनिज के कारोबारी कार्ड से ही पेमेंट कर सकेंगे। इस उगाही को इंटरनेट पर तुरंत विभाग के वरीय अफसर भी देख सकेंगे। अब चालान और जुर्माना वसूली में घपला, घालमेल संभव नहीं होगा। साथ ही पुलिस द्वारा रिश्वत वसूली भी नहीं की जा सकेगी । गाड़ी की जब्ती उनका जुर्माना सारा लेन-देन नेट पर सरकार भी देख सकेगी।
क्या हो रहा है काम
खान विभाग ने निविदाओं के माध्यम से पीओएस मशीन लगाने वाली एजेंसियों से संपर्क किया। विभागीय निविदा समिति ने आवेदनों का मूल्यांकन किया और दो प्रमुख बैंकों से करार किया है। ये निजी बैंक हैं और वे खान विभाग के अफसरों को मशीनों के संचालन का प्रशिक्षण देंगे। कुछ जिलों में यह मशीनों की आपूर्ति हो गई है। इन मशीनों के माध्यम से जुर्माने की राशि की वसूली भी शुरू हो गई है।